Film world : The status inequality is also seen in Bollywood's love affairs
- तथाकथित आधुनिक हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में कई कलाकारों के करियर ने तय किया हैं उनके प्रेम संबंधों का भविष्य
- सुशांत सिंह राजपूत और अंकिता लोखंडे का अफेयर भी इसका बढ़िया उदाहरण है
सुशांत सिंह राजपूत और अंकिता लोखंडे
कहा जाता है कि प्यार कोई ऊंच-नीच नहीं देखता। समाज में प्यार को ऊंच-नीच में तोलने वालों की आलोचना भी की जाती है। ऐसे लोगों की सोच पुरानी और पिछड़ी समझी जाती है, लेकिन आश्चर्य की बात है कि सबसे आधुनिक समझे जाने वाले बॉलीवुड यानी हिन्दी फिल्म जगत में प्यार को लेकर जबरदस्त ऊंच-नीच देखने को मिलती है।
हमारी फिल्मी दुनिया में अभिनेता और अभिनेत्रियों के खूब जोड़े बनते हैं मगर अधिकांश मामलों में जैसे ही दोनों के बीच कॅरियर की ऊंच-नीच हो जाती है तो उनका रिश्ता कायम नहीं रह पाता। यानी प्यार करने वाले जोड़े में से यदि एक का भी फिल्मी कॅरियर डांवाडोल होता है या नीचे आता है या किसी एक का कॅरियर दूसरे से बहुत ऊंचाई पर पहुंच जाता है तो उनके रिश्ते में पहले जैसे गर्मजोशी नहीं दिखाई देती और अंततः वे अलग हो जाते हैं। कुछ रिश्ते अन्य कारणों से भी टूटते हैं, मगर ज्यादातर रिश्तों के बिखराव में कॅरियर की ऊंच-नीच सबसे महत्वपूर्ण कारक बनती है।
पुराने-नए उदाहरण तो बहुत हैं, मगर हम हाल-फिलहाल की ही बात करेंगे। नए कलाकारों में सुशांत राजपूत और अनीता लोखंडे का उदाहरण हमारे सामने है। जब तक दोनों के कॅरियर का स्तर एक रहा और दोनों टेलीविजन में काम करते रहे, बहुत अच्छे प्रेमी बने रहे। जैसे ही सुशांत का फिल्मी कॅरियर शुरू हुआ और शुरुआत सफल भी रही, वैसे ही दोनों के बीच तनाव की खबरें आने लगीं। यहां तक कि अनीता की तरफ से सुशांत को तमाचा जड़ने की भी सूचनाएं मिलीं।
इसके बाद सुशांत का नाम कृति सेनन से जुड़ा। कुछ दिन उनका समय सारा अली खान के साथ भी बीता। इसके बाद सुशांत ‘जलेबी’ फेम रिया चक्रवती के साथ हाथों में हाथ डालकर चलने लगे। हालांकि 14 जून 2020 को हमें सुशांत सिंह द्वारा आत्महत्या करने की दुखद खबर मिली। अब इस मामले में उनकी गर्लफ्रेंड रिया चक्रवर्ती ही सबसे बड़ी खलनायक नजर आ रही हैं। सुशांत के पिता ने बेहद गंभीर आरोप लगाते हुए रिया चक्रवर्ती के खिलाफ पटना में रिपोर्ट दर्ज कराई है।
थोड़ा पीछे लौटें तो एक समय प्रियंका चोपड़ा और हरमन बावेजा के बीच जबरदस्त रोमांस हुआ। कहा गया कि इस संबंध का अंजाम तो शादी ही होगा, लेकिन जैसे ही हरमन की फिल्मी पारी का आगाज बिल्कुल ठंडा साबित हुआ और बाद में भी उन्हें सफलता नहीं मिली, वैसे ही प्रियंका और हरमन की राहें अलग-अलग हो गईं। यहां तक कि प्रियंका ने हरमन के साथ फिल्में करना भी बंद कर दीं।
इसके बाद हरमन बावेजा, बिपाशा बसु के साथ देखे जाने लगे। बड़ा दिलचस्प संयोग है कि दोनों का साथ आना तभी हुआ है जब दोनों का फिल्मी कॅरियर लगभग एक ही स्तर यानी ढलान पर रहा। बिपाशा इससे पहले जॉन अब्राहम के साथ थीं। जब वे दोनों साथ हुए थे तब जॉन के कॅरियर की शुरुआत थी और बिपाशा पहचान बना चुकी थीं। जल्द ही दोनों कॅरियर की दृष्टि से बराबरी पर आ गए और उनका रिश्ता कायम रहा। जब जॉन अब्राहम ऊपर निकल गए तो रिश्ता भी टूट गया।
इसके बाद विपाशा और हरमन बावेजा का संबंध भी टूट गया, क्योंकि हरमन का कॅरियर उस स्तर के आसपास तक भी क्लिक नहीं कर पाया, जिस स्तर पर बिपाशा थीं। बाद में अपने फिल्मी करियर की ढलान पर विपाशा ने करण सिंह ग्रोवर से शादी कर ली।
एक समय करीना कपूर और शाहिद कपूर की जोड़ी जबरदस्त दिखती थी। दोनों ने साथ में कई फिल्में भी कीं। फिर दोनों की जोड़ी वाली फिल्में पिटने लगीं। इसी के साथ शाहिद की अन्य फिल्में भी बहुत ऊंचा मकाम हासिल नहीं कर पाईं और उनका कॅरियर करीना के मुकाबले कमतर दिखाई देने लगा। करीना, आमिर, सलमान और शाहरुख की हीरोइन थीं जबकि शाहिद के हिस्से में ज्यादातर नई हीरोइन आ रही थीं। कॅरियर की इस ऊंच-नीच का असर ये हुआ कि जब इस जोड़ी की फिल्म “जब वी मेट” सुपरहिट हुई तब तक बहुत देर हो चुकी थी और यह जोड़ी अलग हो चुकी थी।
हालांकि करीना की वो फिल्में भी नहीं चलीं जिनमें उनके साथ सैफ थे, लेकिन सैफ ने अन्य फिल्मों के जरिये अपना रुतबा कायम रखा और इससे पहले कि ज्यादा देर हो, करीना से शादी कर ली।
शाहिद कपूर का यह अंजाम प्रियंका चोपड़ा के साथ वाले रिश्ते में भी हुआ। “कमीने” से दोनों नजदीक आए, लेकिन प्रियंका भी खान स्टारों के साथ ही रितिक रोशन के स्तर की हीरोइन बन गई थी, जबकि शाहिद उस ऊंचाई तक नहीं पहुंच पा रहे थे, लिहाजा यह रिश्ता भी ज्यादा लंबा नहीं खिंच पाया।
ऐश्वर्य राय और विवेक ओबेराय के रिश्ते में भी यही हुआ। ये रिश्ता कुछ ही समय तक चला। इस दौरान विवेक वो ऊंचाई हासिल करते नहीं दिखे, जो उन्हें ऐश्वर्य के समकक्ष ला पाती। उस दौरान विवेक के बाल भी बहुत तेजी से गिरने लगे थे और वह व्यक्तित्व में ऐश्वर्य से मैच नहीं कर पा रहे थे।
प्रिटी जिंटा ने फिल्मी दुनिया के बाहर यानी युवा उद्यमी नेस वाडिया से रिश्ता जोड़ा। हो सकता है कि हमारा आंकलन गलत हो पर तथ्य यही है कि यह रिश्ता भी तभी तक परवान चढ़ा जब तक जिंटा हीरोइन के तौर पर सफल रहीं। जैसे ही उनका फिल्मी कॅरियर नीचे आया, रिश्ता टूट गया।
मनोवैज्ञानिकों के अनुसार बेहद समृद्ध और प्रसिद्ध लोगों में भी अपने फ्रेंड सर्किल में यह जताने की इच्छा होती है कि देखो मेरा रिश्ता कितनी चर्चित लड़की या लड़के से है। गीतकार साहिर लुधियानवी स्वयं में एक हस्ती थे, मगर वे अपने फ्रेंड सर्किल में इस बात को जरूर रेखांकित करते थे कि अमृता प्रीतम जैसी बेहद खूबसूरत लड़की और साहित्यकार उन पर मरती है। इसीलिए हो सकता है कि जिंटा का फिल्मी कॅरियर खत्म होते ही नेस वाडिया की भी दिलचस्पी उनमें खत्म हो गई हो।
लारा दत्ता कई साल तक कैली दोरजी के साथ लिव इन रिलेशनशिप में रहीं, मगर जब शादी की बात आई तो उन्होंने एक चर्चित और सफल नाम टेनिस खिलाड़ी महेश भूपति को चुना। बॉलीवुड में इस तरह के उदाहरण दर्जनों हैं।
हमें नहीं भूलना चाहिए कि बॉलीवुड में पुरुष हो या स्त्री, हर कलाकार के पास अपना साथी चुनने के ढेरों विकल्प हैं। एक से बढ़कर एक चेहरे और सुदर्शन व्यक्तित्व यहां नजर आते हैं। भले ही अभिनय ही हो, लेकिन एक साथ काम करने से जिस्म से जिस्म टकराते हैं। जब उम्र जवां हो और ऐसी खुली परिस्थितियां हों तो ऐसे रिश्ते बनने का सबसे पहला आधार देह ही बनती है। जब देह सुकून पा जाती है तो फिर दिमाग सोचना शुरू करता है और तब कलाकार रुतबा, स्टेटस आदि देखने लगता है। किसी के साथ होने या दिखने का नुकसान, फायदा सोचने लगता है। इसी के बाद एक जोड़े के कॅरियर की ऊंच-नीच उनके बीच की दूरी बढ़ा देती है।
ऊंच-नीच की इस सोच में साथी चुनने के ढेरों विकल्प भी मददगार बनते हैं। फिल्मी दुनिया में देह का आग्रह कितना प्रबल है यह इसी से जाहिर होता है कि अमृता सिंह के बाद और करीना कपूर से पहले सैफ के कई महिलाओं से संबंध रहे हैं। जितने साल का रणबीर कपूर का कॅरियर है, करीब उतनी ही लड़कियों के साथ उनके रिश्ते बन चुके हैं। अक्षय कुमार के प्रेम के ढेरों किस्से हैं। सुष्मिता सेन नियमित रूप से अपना ब्वायफ्रेंड बदल लेती हैं। जॉन अब्राहम और बिपाशा बसु का रिश्ता बहुत लंबा रहा, मगर इसके बावजूद दोनों की लव लिस्ट में कई और नाम भी मौजूद हैं। ये सिर्फ चंद उदाहरण हैं।
आज के दौर के कुछ और रिश्तों पर नजर डालें तो हम पाते हैं कि ज्यादातर मामलों में वे ही अभिनेता-अभिनेत्रियां एक-दूसरे के नजदीक रहे या हैं, जिनके फिल्मी कॅरियर समान ऊंचाई पर रहे हैं। जैसे रणबीर कपूर-कट्रीना कैफ (बाद में आलिया भट्ट), दीपिका पादुकोण-रणवीर सिंह, सोहा अली-कुणाल खेमू, वरूण धवन-आलिया भट्ट आदि।
बिल्कुल ताजा उदाहरण लें तो गायिका नेहा कक्कड़ चार साल से हिमांश कोहली को डेट कर रही थीं। लेकिन जैसे ही इंडियन आइडल के जरिये नेहा कक्कड़ के करियर ने एक ऊंची और नई उड़ान भरी, हिमांश के साथ उनका संबंध टूट गया।
कुल मिलाकर फिल्मी दुनिया का प्यार भी अप्रत्यक्ष रूप से ही सही, ऊंच-नीच मानता है और जिंदगी में ऊंच-नीच आते ही रिश्ते में पहले जैसी बात नहीं रहती। हम ये भी कह सकते हैं कि आज प्यार नाम की चीज बहुत कम हो गई है और उसकी जगह प्रैक्टिकल अप्रोच ने ले ली है।
एक सवाल के साथ अपनी लेखनी को विराम देता हूं। सवाल यह कि यदि फिल्मी दुनिया के प्रेम संबंधों में यह ऊंच-नीच न होती तो क्या सुशांत सिंह राजपूत आज हमारे बीच जीवित होते? क्या अंकिता लोखंडे उनके साथ होती तो सुशांत सिंह राजपूत हमारे बीच जीवित होते? शायद हां। स्वयं अंकिता ने कहा है कि सुशांत अचानक उन्हें छोड़कर चले गए। उन्हें उम्मीद थी कि वे वापस आएंगे लेकिन वे नहीं आए। तभी उनकी जिंदगी में रिया चक्रवर्ती आ गईं और सुशांत हमेशा के लिए शांत हो गए।
- लव कुमार सिंह
- लव कुमार सिंह
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