Saturday 9 May 2020

गृह मंत्री अमित शाह के स्वास्थ्य को लेकर सोशल मीडिया का एक वर्ग बौराया हुआ क्यों है?

Why is a section of social media nervous about Home Minister Amit Shah's health?


  • अपनी घृणा को संतुष्ट करने के लिए पहले अफवाह फैलाई जा रही है
  • First, rumor is being spread to satisfy one's hatred
  • उसके बाद इस अफवाह के सच होने की उम्मीद की जा रही है
  • After that this rumor is being wished to come true



पिछले कुछ दिन से गृहमंत्री अमित शाह के स्वास्थ्य को लेकर उनके विरोधी खेमे में सोशल मीडिया पर खासी हलचल देखने को मिल रही है। सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाई जा रही है कि अमित शाह का स्वास्थ्य बेहद खराब है और इन्हीं अफवाहों पर कमेंट के जरिये भाजपा, नरेंद्र मोदी और अमित शाह को नापसंद करने वाले लोग उनके लिए तरह-तरह की बुरी कामनाएं कर रहे हैं। हालांकि यह नई बात नहीं है। कई विरोधी खेमे के लोग तो (जिनमें पत्रकार भी शामिल हैं) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए भी मौत की कामना कर चुके हैं।


लिपोमा का सफल ऑपरेशन पिछले वर्ष ही करा चुके हैं अमित शाह 


जनसत्ताडॉटकॉम समेत कई मीडिया रिपोर्ट के अनुसार चार सितंबर 2019 को अमित शाह ने लिपोमा नामक रोग का अहमदाबाद में ऑपरेशन कराया था। अहमदाबाद के केडी (कुसम धीरजलाल) अस्पताल ने इस संबंध में एक स्वास्थ्य बुलेटिन भी जारी किया था जिसके अनुसार यह सर्जरी सफल रही थी। लिपोमा त्वचा के नीचे एक प्रकार का छोटा ट्यूमर होता है लेकिन यह कैंसर जैसा खतरनाक नहीं होता है। इसमें दर्द होता है जिससे निजात के लिए ऑपरेशन किया जाता है।

लिपोमा एक धीमी गति से बढ़ने वाली वसायुक्त गांठ होती है जो मोटापे, हाई कोलेस्ट्रॉल, मधुमेह, लिवर की समस्या या आनुवंशिक कारणों से हो सकती है। लिपोमा की गांठ शरीर में गर्दन, कंधे, पीठ, पेट, हाथ, जांघ आदि में कहीं पर भी हो सकती है। अमित शाह के शरीर में यह गांठ गर्दन के नीचे, कंधे के ऊपरी हिस्से में हुई थी। अमित शाह लिपोमा का सफल आपरेशन करा चुके हैं। इस ऑपरेशन के बाद उन्होंने जमकर राजनीति कार्य भी किया था। उनके खराब स्वास्थ्य को लेकर फिलहाल कोई सूचना नहीं है। जो भी है वह केवल अफवाह है। वे गृह मंत्रालय का काम पूरी कुशलता के साथ संभाल रहे हैं। हम उनके स्वस्थ और दीर्घ जीवन की कामना करते हैं।


मार्च से उड़ाई जा रही है अफवाह


दरअसल अमित शाह के बारे में यह अफवाह भी पुरानी है, जिसे अब नया रूप दिया गया है। एशियानेटन्यूजडॉटकाम के अनुसार यू-ट्यूब पर ‘वाईकेबी’ नाम के एक चैनल के जरिए 18 मार्च 2020 (करीब डेढ़ महीने पहले) को एक वीडियो डाला गया जिसमें दावा किया गया कि गृहमंत्री अमित शाह को कोरोना हो गया है। एशियानेटन्यूजडॉटकाम ने इस वीडियो का फैक्ट चेक किया और पाया कि यह खबर पूरी तरह से फर्जी थी। यहां तक कि वीडियो में इस संबंध में कोई जानकारी ही नहीं दी गई थी। केवल सनसनीखेज हैडलाइन लगाकर ही वीडियो अपलोड कर दिया गया था।

इसके बाद देश में लॉकडाउन घोषित हो गया। इस दौरान समय बीतने के साथ हमने देखा कि बहुत से लोगों का हुलिया थोड़ा बदल गया। स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी टीवी पर गमछे के साथ बदले हुए से नजर आए। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी का भी हुलिया बदला हुआ है और वह पहले के मुकाबले थोड़े बड़े बालों में अलग नजर आ रहे हैं। इसी प्रकार प्रधानमंत्री के साथ होने वाली बैठकों में गृहमंत्री अमित शाह भी थोड़े बदले हुए से नजर आए। बस, फिर क्या था, उनके विरोधी जुट गए अफवाह फैलाने में।

ट्विटर पर तो किसी ने अमित शाह का फेक एकाउंट बनाकर उनके नाम से ट्वीट भी कर दिया, जिसमें खुद अमित शाह से कहलवाया गया है कि उन्हें बोन कैंसर हो गया है। उधर, फेसबुक पर भी इस संबंध में कई पोस्ट लिखी और शेयर की जा रही हैं। मेरी नजर में सोशल मीडिया पर अमित शाह के स्वास्थ्य को लेकर कई पोस्ट नजर आईं, जिनमें कई लोगों ने खुलकर अपनी घृणा का इजहार किया है। हालांकि कुछ लोगों ने संयमित टिप्पणी भी की है। यहां प्रस्तुत हैं दो पोस्ट के स्क्रीन शॉट-

पहली पोस्ट




 इस पोस्ट पर आए कुछ कमेंट इस प्रकार हैं-




दूसरी पोस्ट देखें-





इसी बीच, आम आदमी पार्टी की समर्थक और एनआरआई पत्रकार विजयलक्ष्मी नादर ने भी फेसबुक पर अमित शाह की मृत्यु की कामना कर डाली। आठ मई को अपनी फेसबुक पोस्ट में नादर ने लिखा कि ऐसा लगता है कि कुछ महीने पहले हुई लिपोमा सर्जरी अब पूरे कैंसर में बदल गई है। इस पोस्ट में यह भी दावा किया गया कि ज्योतिषियों के अनुसार अमित शाह की बीमारी की अवस्था अक्टूबर तक रहेगी। नादर ने उम्मीद जताई कि इसके बाद ये 'अंतिम तौर से खत्म' हो जाएगी।

टाइम्स ऑफ इंडिया, डीएनए, मुंबई मिरर जैसे संस्थानों में काम करने वाली और अब दुबई के एक प्रकाशन में कार्यरत पत्रकार लेखा मेनन ने भी कुछ इसी तरह की बातें की हैं। मेनन ने अपना ट्वीट तो डिलीट कर दिया है लेकिन रिप्लाई सेक्शन में किसी यूजर से उनकी बातचीत का स्क्रीनशॉट कुछ लोगों ने सुरक्षित कर लिया है।

नादर और लेखा से पहले भी कश्मीर में टाइम्स के साथ काम करने वाली एक पत्रकार सामिया लतीफ ने कोरोना महामारी के बीच में इच्छा जताई थी कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह कोरोना से संक्रमित हो जाएं।


कुल मिलाकर अपने देश में कोरोना महामारी के बीच कुछ लोगों की घृणा खुलकर सामने आ रही है। कुछ लोग कोरोना से नहीं बल्कि मोदी और  केंद्र सरकार से लड़ रहे हैं। इसी संदर्भ में पिछले दिनों सोशल मीडिया पर एक वाक्य बहुत चर्चित हुआ था। हुआ यह कि 'मन की बात' की बात कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि रमजान के पावन मौके पर मुस्लिम भाई दुआ करें कि विश्व और भारत को कोरोना से मुक्ति मिल जाए। इस पर कुछ लोगों ने प्रतिक्रिया दी कि 'मोदी जी, यदि इनकी दुआओं में इतना दम होता तो आज आप भारत के प्रधानमंत्री नहीं होते।


पोस्ट लिखते-लिखते आ गया अमित शाह का ट्वीट


इस पोस्ट को लिखने के थोड़ी देर बाद यानी 9 मई 2020 को दोपहर बाद गृह मंत्री अमित शाह का असली ट्वीट भी सामने आ गया। उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल से लिखा-
"मेरे स्वास्थ्य की चिंता करने वाले सभी लोगों को मेरा संदेश।"
"पिछले कई दिनों से कुछ मित्रों ने सोशल मीडिया के माध्यम से मेरे स्वास्थ्य के बारे में कई मनगढंत अफवाएं फैलाई हैं। यहां तक कि कई लोगों ने मेरी मृत्यु के लिए भी ट्वीट कर दुआ मांगी है।
देश इस समय कोरोना जैसी वैश्विक महामारी से लड़ रहा है और देश के गृह मंत्री के नाते देर रात तक अपने कार्यों में व्यस्त रहने के कारण मैंने इस सब पर ध्यान नहीं दिया। जब यह मेरे संज्ञान में आया तो मैंने सोचा कि यह सभी लोग अपनी काल्पनिक सोच का आनंद लेते रहें, इसलिए मैंने कोई स्पष्टता नहीं की।
परन्तु मेरी पार्टी के लाखों कार्यकर्ताओं और मेरे शुभचिंतकों ने विगत दो दिनों से काफी चिंता व्यक्त की, उनकी चिंता को मैं नजरअंदाज नहीं कर सकता। इसलिए मैं आज स्पष्ट करना चाहता हूं कि मैं पूर्ण रूप से स्वस्थ हूं और मुझे कोई बीमारी नहीं है।
हिन्दू मान्यताओं के अनुसार ऐसा माना जाता है कि इस तरह की अफवाह स्वास्थ्य को और अधिक मजबूत करती है। इसलिए मैं ऐसे सभी लोगों से आशा करता हूं कि वो यह व्यर्थ की बातें छोड़ कर मुझे मेरा काम करने देंगे और स्वयं भी अपना काम करेंगे।
मेरे शुभचिंतकों और पार्टी के सभी कार्यकर्ताओं का मेरा हालचाल पूछने और मेरी चिंता करने के लिए मैं आभार व्यक्त करता हूं।

जिन लोगों ने ये अफवाएं फैलाई हैं उनके प्रति मेरे मन में कोई दुर्भावना या द्वेष नहीं है। आपका भी धन्यवाद।"

- लव कुमार सिंह

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