Saturday, 16 May 2020

2029 में नरेंद्र मोदी चौथी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ले रहे हैं

In 2029, Narendra Modi is swearing in as the Prime Minister for the fourth time


It is nobody else but Rajdeep Sardesai, the anti-Modi journalist is saying




इंडिया टुडे (#IndiaToday) के 13 जनवरी 2020 के अंक में वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने फ्यूटर शॉक’ (#FutureShock) के नाम से एक लेख लिखा  जिसमें उन्होंने अगले दशक के भारत के बारे में कुछ कल्पनाएं की हैं।

राजदीप सरदेसाई की इस कल्पना के अनुसार 2029 में भी नरेंद्र मोदी चौथी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ले रहे हैं। साथ ही राजदीप कहते हैं कि अगला दशक अशांत रहने वाला है। सरदेसाई का विचार है कि 2029 की जीत के बाद मोदी राष्ट्रपति भी बन सकते हैं।

उन्होंने कल्पना की है कि अगले 10 वर्षों में लोकतंत्र को तार-तार कर दिया गया है और संविधान में बदलाव करके राष्ट्रपति द्वारा सरकार चलाने का प्रावधान किया गया है।

राजदीप कल्पना कर रहे हैं कि 2029 में धर्मनिरपेक्ष शब्द को संविधान से निकाल दिया गया है और लोकसभा व विधानसभा के चुनाव एक साथ हो रहे हैं। उनकी कल्पना के अनुसार भारत हिंदू राष्ट्र बन गया है और मोदी जिंदगीभर के लिए राष्ट्रपति बन गए हैं।

राजदीप के अनुसार अयोध्या, काशी और मथुरा में मंदिरों का निर्माण शुरू हो जाएगा। विश्व हिंदू परिषद और आरएसएस इन कामों में लगे होंगे। 2024 में एक भव्य राम मंदिर भी बन जाएगा। शिक्षा व्यवस्था हिंदुत्व के अनुसार चलेगी। मंदिरों की सुरक्षा के लिए एक अलग मंत्रालय होगा।
राजदीप ने यह कल्पना भी की है कि भारत पीओके पर कब्जे का प्रयास करेगा, लेकिन सफल नहीं होगा। साथ ही जम्मू-कश्मीर अलग हो जाएगा। उधर, नॉर्थ ईस्ट में हिंसा भी होगी। उत्तर भारत और दक्षिण भारत के बीच भी टकराव बढ़ेगा। दक्षिण भारत के सभी मुख्यमंत्री मिलकर केंद्र के खिलाफ मोर्चा खोल देंगे।

राजदीप के अनुसार 2029 तक राहुल गांधी तीन बार इस्तीफा देकर कांग्रेस के पुनः अध्यक्ष बन चुके होंगे। इसी के साथ प्रियंका गांधी को कांग्रेस का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया जा चुका होगा।

यह सब बताने के बाद राजदीप ने यह भी उम्मीद जताई है कि विपक्ष नहीं बल्कि सिविल सोसायटी मोदी की कथित तानाशाही के खिलाफ आवाज उठाएगी। साथ ही देश में भयंकर दंगे होंगे और मोदी सरकार अपदस्थ कर दी जाएगी।

इस लेख के कई अर्थ निकाले गए। मोदी समर्थकों का मानना है कि इस लेख के बहाने राजदीप मोदी विरोधी खेमे के साथ ही मोदी विरोधी वोटरों में डर पैदा करना चाहते थे ताकि इतना लंबा इंतजार न किया जाए और अभी कुछ ऐसा किया जाए जिससे यह सरकार लंबी न खिंच पाए। यह बात ठीक भी लगती है क्योंकि मोदी विरोधियों को यह बात हजम नहीं हो सकती कि आज से दस साल बाद भी मोदी ही प्रधानमंत्री बनें और फिर वे आजीवन राष्ट्रपति भी बन जाएं। लिहाजा वे मोदी के खिलाफ एकजुट होने में पूरी ताकत लगा देंगे।

इसकी झलक हमें दिखाई दे भी रही है। पहले सीएए विरोध के नाम पर, फिर कोरोना संकट की आड़ में मजदूरों के पलायन के बहाने, फिर किसानों के आंदोलनों के बहाने से मोदी सरकार पर हमला करने की पुरजोर कोशिश की गई। इसी के साथ विपक्ष और मोदी विरोधी मीडिया अब फेक न्यूज से भी परहेज नहीं कर रहा है। शेखर गुप्ता के नेतृत्व में चलने वाली वेबसाइट 'द प्रिंट' ने तो अपने लेख में विपक्ष से यह आह्वान भी कर डाला है कि यदि मोदी को हराना है तो विपक्ष को झूठ फैलाने से भी परहेज नहीं करना चाहिए। इसी क्रम में बड़े-बड़े सूरमा भी फेक न्यूज और ट्वीट में जुटे हुए हैं। इनमें रवीश कुमार और योगेंद्र यादव तक शामिल हैं। रवीश कुमार ने दिल्ली दंगों के दौरान सरेआम गोली चलाने वाले शाहरूख के नाम को खुलेआम छिपाने की कोशिश की। इसके बाद पिछले दिनों उन्होंने एक के बाद एक लगातार तीन फेक न्यूज पोस्ट/ट्वीट कीं। उनकी टाइम पत्रिका के कवर पेज वाली पोस्ट/ट्वीट को तो स्वयं फेसबुक ने फैक्ट चेक करके गलत कह दिया। इसी तरह योगेंद्र यादव ने पिछले दिनों ट्वीट किया कि कोरोना संकट के बीच सरकार ने सांसदों के भत्तों को बढ़ा दिया है, जबकि वास्तविकता यह थी कि भत्ते घटाए गए थे। साथ ही सांसद निधि पर भी कैंची चलाई गई है। पिछले दिनों में 'वायर' जैसी वामपंथी वेबसाइट कई बार गलत खबर प्रकाशित करते देखी गई है।

कुल मिलाकर 2024 हो या 2029, विपक्ष के नेता और विपक्षी मीडिया अभी से नरेंद्र मोदी के खिलाफ पूरी ताकत से जुट गए हैं। इसी बीच, कोरोना की दूसरी लहर ने मोदी को काफी पीछे धकेला है। ऐसे में नरेंद्र मोदी को विपक्षियों से मुकाबले के लिए अतिरिक्त और बड़े प्रयासों की जरूरत होगी। बाकी इतने आगे की भविष्यवाणी कोई नहीं कर सकता। समय कब बदल जाए, पता नहीं चलता।

- लव कुमार सिंह

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