Monday 11 May 2020

कोरोना वायरस को हराने का गोल्डन पीरियड जानिए

कोरोना वायरस को हराने का गोल्डन पीरियड जानें। यह पीरियड है छह घंटे का। किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी लखनऊ के विशेषज्ञ बता रहे हैं कि इन छह घंटे में और उससे पहले क्या करना है


Know the golden period of defeating the corona virus. This period is six hours. Experts from King George Medical University Lucknow are telling you what to do in this six hours



मेरठ (उत्तर प्रदेश) में कोरोना महामारी की बिगड़ती स्थिति पर काबू पाने में मदद के लिए 11 मई 2020 को लखनऊ से विशेषज्ञों की टीम आई। इसमें लखनऊ की किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के पलमोनरी एंड क्रिटिकल केयर के विभागाध्यज्ञ डॉ. वेदप्रकाश का नाम काफी चर्चा में रहा। उन्हें मीडिया से भी काफी अटेंशन मिली। डॉ. वेदप्रकाश और अन्य विशेषज्ञों ने डॉक्टरों को प्रशिक्षण दिया, जहां कमियां दिखीं उन्हें ठीक करने के निर्देश दिए। इसी दौरान उन्होंने गरम पानी और गरारे के बारे में एक ऐसी बात बताई जो बहुत सामान्य है लेकिन बहुत ही काम की भी है।

डॉ. वेदप्रकाश ने बताया कि कोरोना वायरस कोशिकाओं में प्रवेश करने में करीब छह घंटे का समय लेता है। इस समय को हमें कोरोना को हराने के लिए गोल्डन पीरियड के रूप में लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर आप बार-बार हाथ धोते हैं, 60 डिग्री तक गर्म किए पानी में नमक डालकर गरारा करते हैं और गर्म पानी पीते हैं तो ज्यादातर मामलों में इलाज करने की नौबत ही नहीं आएगी। इसे वायरस खत्म हो जाएगा या कमजोर पड़ जाएगा।

डॉ वेदप्रकाश ने बताया कि वायरस सांस और आंख के रास्ते म्यूकस और म्यूकस मेंब्रेन से होकर कोशिकाओं से जा चिपकता है। इस कार्य में उसे कम से कम छह घंटे लगते हैं। इस दौरान यदि हम बार-बार हाथ धोते रहे हैं और 60 डिग्री तक गर्म पानी से नियमित अंतराल पर गरारे करते रहें और साथ में गर्म पानी पीते भी रहें तो वायरस का लोड बहुत ही कम हो जाएगा।

इसलिए यदि आपको अपनी तबीयत जरा सी भी नासाज लगे तो गर्म पानी और गरारे का प्रयोग करना शुरू कर दीजिए। बेहतर तो यही रहेगा कि जब तक कोरोना का खतरा रहे, तब तक गुनगुने पानी का सेवन आप छोड़ें ही नही।

गर्म पानी से गरारे और गर्म पानी पीने का क्या फायदा होता है, यह नीचे दी गई एक फेसबुक पोस्ट से भी पता चलता है। शकेंद्र सिंह नाम के सज्जन की यह फेसबुक पोस्ट ध्यान से पढ़ने लायक है-
......................................

ब मुझे कोरोना संक्रमण हुआ (शायद)

21 मार्च को मैं कोटा से किच्छा (उत्तराखंड) वापस आ गया था. 28 या 29 मार्च को मुझे सुबह से ही खांसी, लगातार छींक, जुकाम की शिकायत हो गई. छींक तो थोड़ा देर बाद ही बन्द हो गईं लेकिन धीरे धीरे गले में नीचे की तरफ दर्द बढ़ने लगा. मैंने सबसे पहले तो पिताजी (आयु 75 वर्ष) के कमरे से पूरी दूरी बना ली. छोटे भाई के बच्चे (आयु 6 और 10 वर्ष) को पत्नी से कहलवा दिया कि ताऊ के सिरदर्द है, वो भी वापस ऊपरी मंजिल पर चले गये. सिर्फ पत्नी ही मेरे पास कमरे में पानी-खाना आदि लेकर आ रही थी. मैंने दिन में 3-4 बार गर्म पानी में नमक मिलाकर गरारे किये. कफ सिरप लिया. लेकिन शाम तक कोई लाभ नहीं. मुझे लगा कि शायद मैं कोरोना संक्रमित हो गया हूँ. शाम करीब 7.30-8.00 के बीच फोन पर एक नजदीकी मित्र (जो आगरा में डॉक्टर हैं) से बात कर मैंने अपनी समस्या बताई. पहले तो वह मजाक में ले रहे थे, लेकिन जब मैंने बताया कि गले में नीचे भी काफी दर्द है तो वह भी सीरियस हो गये.

डॉक्टर साहब ने भी गरारे आदि के लिये ही कहा. पर साथ ही एक एन्टी एलर्जिक टैबलेट लेने की भी सलाह दी. घर पर कुछ दिन पहले ही एक एन्टी एलर्जी दवा छोटे बेटे के लिये मंगानी पड़ी थी- वो बच गई थी, तो उसमें से एक टैबलेट ले ली. बुखार अभी नहीं था -यह ग़नीमत थी. रात को सोने जाने से पहले मैंने पत्नी को मोटा मोटा हिसाब बताया कि किससे कितना लेना देना है. और मानसिक रूप से निश्चित कर लिया कि सुबह उठकर हैल्पलाइन पर फोनकर अपने आप को सरकारी हॉस्पीटल व डॉक्टरों के हवाले कर देता हूँ।

मैं ऊपर से बहादुर बन रहा था. पत्नी भी मजाक में कह रही थी कि अगर मुझे कोरोना है तो फिर पक्का उसे भी होगा और वह भी 2-4 दिन में हॉस्पीटल पहुंच जायेगी. लेकिन पत्नी के सोने के बावजूद मुझे बाद में भी नींद नहीं आ रही थी. मेरी आयु 50 वर्ष हो चुकी है. थोड़ा सा बीपी भी अधिक ही रहता है. खाने पीने का शौकीन हूं, तो पेट भी खराब रहता है. तो क्या सुबह हॉस्पीटल जाते हुये मैं अपने पिताजी, अपने छोटे भाई, अपनी पत्नी और बच्चों को अंतिम बार देख रहा होऊंगा? क्या मेरा 'नम्बर' आ चुका है? कहीं मेरी जानकारी में आये बिना मुझसे मेरे वृद्ध पिताजी को तो वायरस नहीं पहुंच चुका? मेरे बाद मेरे बच्चों का क्या होगा? छोटे का तो कॉलेज में अभी एडमीशन भी नहीं हुआ।

गले में दर्द लगातार था. बीच बीच में खांसी भी थी. और (शायद घबराने की वजह से, लगातार अपने आप को कोरोना संक्रमित मानने से) कभी कभी सांस लेने में भी तकलीफ सी महसूस कर रहा था। बीच में दो-तीन बार लेटा नहीं रह पाया, बैठ गया तब सांस सही से आई. रात 12 से 3 के बीच 2 बार कफ सिरप लिया. और दो बार ही खुद पानी गर्म कर नमक मिला गरारे किये। बार बार यही सब ख्याल आ रहे थे कि कल से मेरी जिन्दगी के अंतिम कुछ दिन शुरू होने वाले हैं - परिवार से दूर, अकेले. किसी तरह सुबह 4.00 के आसपास कभी नींद आई. 8.00 के आसपास पत्नी ने जगाया -गर्म पानी पीने को दिया और पूछा कि तबीयत कैसी है. मैंने महसूस किया कि अभी पिछले दिन से काफी आराम है. मैंने पत्नी से यही कहा कि अभी कुछ घंटे हेल्पलाइन को फोन नहीं करना है. फिर गरारे, कफ सिरप।

खैर. दोपहर होते होते मेरी तबीयत बिल्कुल सामान्य हो गई थी. आगरा वाले डॉक्टर साहब का फोन आया -मैंने बताया कि सब सही है -तो वो छूटते ही यही बोले कि पिछले दिन तो उन्हें भी लगा था कि कहीं कोरोना ही न हो. पर बुखार नहीं था -इसीलिये उन्हें आशा थी कि शायद कोरोना न हो.
और तब से लगभग 35 दिन हो चुके. अभी तक मैं स्वस्थ हूँ. कोरोना से अभी तक दूर.

-शकेंद्र सिंह
..............................................

... तो गरारे और गर्म पानी को अपना लीजिए। हां, एक-दो बार से काम नहीं चलेगा। यह काम नियमित करना होगा।

इसी के साथ नीचे दिए गए लिंक पर यह भी पढ़िए। आपके बहुत काम आएगा-
होम्योपैथी और आयुर्वेद के वे नुस्खे जो कोरोना वायरस को शरीर से दूर रखने का दावा करते हैं
https://stotybylavkumar.blogspot.com/2020/02/Homeopathy-and-Ayurveda-remedies-that-claim-to-keep-the-corona-virus-away-from-the-body.html

- लव कुमार सिंह

#Lockdown4 #CoronaWillEndSoon #coronavirus #COVID19


No comments:

Post a Comment