Answer Sheet evaluation: Contact me on this number if I am failing
कॉपी जांचने के दौरान शिक्षकों के अनुभव चौंकाने वाले हैं
कोरोना महामारी से पहले कुछ अनुभवी शिक्षकों के साथ बैठने का सौभाग्य प्राप्त हुआ था। चर्चा उच्च शिक्षा पर चल रही थी और उसमें मुख्य बिंदु यह था कि परीक्षा के बाद जब कॉपी जांचने का समय आता है तो कैसी-कैसी उत्तर पुस्तिकाएं देखने को मिलती हैं।
एक शिक्षक के अनुसार, एक छात्र ने कॉपी में लिखा था, "सर जी परीक्षा से एक दिन पहले मेरा जन्मदिन था, इसलिए मैं पढ़ नहीं पाया, पास करने की कृपा करें।"
एक छात्र ने आश्चर्यजनक रूप से दस से भी ज्यादा 'बी' कॉपी का प्रयोग किया हुआ था, लेकिन उत्तर के रूप में उसने कहीं प्रश्नपत्र को ही उतार रखा था तो कहीं एक ही उत्तर को बार-बार लिखा हुआ था। इस छात्र को 75 में से पांच अंक प्राप्त हुए थे। जबकि एक अन्य छात्र की 'ए' कॉपी भी पूरी नहीं भरी हुई थी, लेकिन उसने बिंदुवार ज्यादातर उत्तर सही दिए थे, लिहाजा उसके 75 में से 62 नंबर थे।
इस वाकये को बताने वाले शिक्षक के अनुसार उनके कक्ष में एक अन्य शिक्षक बहुत थोड़े समय में उत्तर पुस्तिकाओ का ढेर का ढेर निपटा रहे थे। ऐसे में अगर दस से ज्यादा 'बी' कॉपी लगाने वाले और अधिकांश उत्तर सही न लिखने वाले छात्र की कॉपी उन "फर्राटा शिक्षक" के पास पहुंच जाती तो हो सकता है कि उसे पास लायक नंबर भी मिल जाते।
शिक्षकों ने बताया कि शेरो-शायरी और दुनियादारी की तमाम बातें भी उत्तर पुस्तिकाओं में देखने को मिलती हैं, लेकिन सबसे ज्यादा रोचक वाकया मुझे उस कॉपी का लगा जिसमें, एक शिक्षक के अनुसार, यह लिखा हुआ था, "सर जी, अगर मैं फेल हो रहा हूं तो मुझे इस नंबर पर संपर्क करें।"
एक प्रश्नपत्र में किसी प्रश्न में किसी विषयवस्तु की विशेषता पर प्रकाश डालने को कहा गया था। इसके उत्तर में एक छात्र ने विषयवस्तु का चित्र बनाकर और उसके बगल में टॉर्च बनाकर, टॉर्च का प्रकाश विषयवस्तु पर डाला हुआ था।
शिक्षकों की बातचीत से पचा चला कि उच्च शिक्षा में भी कई छात्र-छात्राएं उत्तर पुस्तिका में रुपये लगाने की ट्रिक आजमाते हैं। एक शिक्षक के अनुसार, एक उत्तर पुस्तिका में 50 का नोट लगा था, लेकिन वह इस तरह से चिपकाया गया था कि कॉपी के पन्ने से अथक प्रयासों के बाद ही निकल सका। अब उत्तर पुस्तिकाओं में नोट लगे नहीं मिलते क्योंकि अब संभवतः बार कोडिंग के दौरान बार कोडिंग करने वाले कर्मचारी ही इन नोटों को निकाल लेते हैं।
एक परीक्षार्थी ने पूरी उत्तर पुस्तिका में भद्दी-भद्दी गालियां लिखी हुई थीं। यह देखकर परीक्षक ने कारर्वाई करने की ठानी और उस संस्थान के कुलपति को इस बारे में लिखा गया। गाली लिखने वाले छात्र को तलब किया गया और संस्थान से डिबार कर दिया गया।
- लव कुमार सिंह
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