Tuesday 31 August 2021

केबीसी में एक करोड़ जीतने वाली प्रतियोगी का 'मैम' फार्मूला

केबीसी में एक करोड़ जीतने वाली प्रतियोगी का 'मैम' फार्मूला


MAM formula of  KBC contestant who won 1 crore



केबीसी यानी कौन बनेगा करोड़पति के 13वें सीजन में पहली बार आगरा की हिमानी बुंदेला ने एक करोड़ रुपये जीते। 11वीं क्लास में पढ़ते हुए एक सड़क दुर्घटना के बाद अपनी आंखों की रोशनी गंवा चुकी हिमानी पेशे से एक शिक्षक हैं। चूंकि वे नेत्रहीन हैं, इसलिये वह अपने छात्रों को उंगलियों पर गणित के सवाल हल करना सिखाती हैं। केबीसी में उन्होंने संख्याओं का गुणा करने का एक फार्मूला अमिताभ बच्चन के सामनेे प्रस्तुत किया जिसे उन्होंने 'मैम' (MAM) फार्मूला नाम दिया।

MAM यानी मल्टीप्लाई, एडीशन, मल्टीप्लाई। यह फार्मूला समान संख्याओं का आपस में गुणा करने में काम आता है। उदाहरण के रूप में यदि 41 को 41 से गुणा किया जाये तो मन ही मन में या उंगलियों पर इस फार्मूले के जरिये बहुत जल्दी सही उत्तर प्राप्त हो सकता है। यह इस प्रकार से होगा-


41 गुणा 41


एम- यानी मल्टीप्लाई

सबसे पहले दोनों संख्याओं के इकाई अंकों का आपस में गुणा करेंगे। यहां इकाई अंक हैं 1 और 1 व 1 का गुणा किया तो उत्तर आया 1

ए- यानी एडीशन

अब दोनों संख्याओं के दहाई अंकों को जोड़ेंगे। यहां दहाई अंक हैं 4

4 प्लस 4 हुआ 8

एम- यानी फिर मल्टीप्लाई

अब दोनों संख्याओं के दहाई अंकों का गुणा कर देंगे।

4 गुणा 4 किया तो उत्तर आया 16

अंतिम उत्तर

तीनों चरणों में जो उत्तर थे उन्हें उसी क्रम में रख देंगे। उत्तर आया 1681


जब जोड़ 10 या उससे ज्यादा आए


मान लीजिये 81 का गुणा 81 से करते हैं।

पहला चरण- पहले इकाई अंक का गुणा किया। 1 गुणा 1, उत्तर आया 1

दूसरा चरण- अब दहाई अंकों को जोड़ा। 8 प्लस 8, उत्तर आया 16

अब करना यह है कि 16 का इकाई अंक 6 ही इस उत्तर में रखेंगे। दहाई अंक 1 को अगले चरण के उत्तर में जोड़ देंगे।

तीसरा चरण- दहाई अंकों का गुणा किया। 8 गुणा 8, उत्तर 64, लेकिन इसमें दूसरे चरण का 1 भी जोड़ेंगे तो उत्तर आया 65

अंतिम उत्तर- इस प्रकार 81 गुणा 81 का उत्तर आया- 6561

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- लव कुमार सिंह

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Sunday 8 August 2021

क्या शब्द-ओलंपिक में 'फेंकना' शब्द गोल्ड मेडल हासिल करेगा?

Will the word 'Fenkna' win a gold medal in the Word-Olympics?



टोक्यो ओलंपिक की भाला फेंक (जैवलिन थ्रो) स्पर्धा में नीरज चोपड़ा के स्वर्ण पदक जीतने के बाद भारत में 'फेंकना' शब्द चर्चा में है। इसका कारण यह है कि अपने यहां फेंकने के दो अर्थ विशेष रूप से प्रचलन में हैं। एक फेंकना यानी किसी चीज को उछालकर एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुंचा देना, जैसे नीरज चोपड़ा ने भाले के साथ किया। दूसरा फेंकना, यानी ऐसी बातें करना जिनका सत्य से कोई संबंध नहीं होता।

मोदी विरोधियों को शायद भाजपा सरकार में देश को स्वर्ण पदक मिलना रास नहीं आया। इसलिये चुटकलों का दौर चल पड़ा।

  • किसी ने कहा- 

गोल्ड भी मिला तो फेंकने में।

  • एक टिप्पणी आई-

फेंकने में दुनियाभर में हमारा कोई सानी नहीं...भाला!

  • कोई बोला- 

मोदी जी ने गोल्ड मेडल जीतने के बाद नीरज चोपड़ा को बधाई दी और उससे पूछा कि इतनी दूर तक फेंकना आपने कहां से सीखा? इस पर नीरज चोपड़ा ने जवाब दिया- सर आप ही से सीखा है।

  • एक अन्य टिप्पणी आई- 

पता नहीं लोग अब ये अफवाह फैला रहे हैं कि नीरज चोपड़ा ने फेंकने की ट्रेनिंग मोदी जी से ली है। कहते रहो तुम, मैं नहीं मानता।

  • किसी ने कहा- 

काश ओलंपिक में मुंह से फेंकने का खेल शामिल होता तो देश को एक स्वर्ण पदक और मिल जाता।

  • उधर मोदी समर्थक भी कहां चूकने वाले थे। एक बेहद ही रोचक टिप्पणी कुछ यूं आई-

सबसे दूर 2127 किलोमीटर फेंकने का रिकार्ड आज भी स्मृति  ईरानी के नाम दर्ज है। अमेठी से वायनाड। नारी शक्ति को नमन।

- लव कुमार सिंह