Concept and Technique of Photo Editing in Print Media
फोटो के प्रमुख भाग
समाचार पत्र में फोटो के प्रमुख भाग निम्न
प्रकार से होते हैं-
बार्डर लाइन-
समाचार पत्र में लगे फोटो को एक बार्डर लाइन
से घेरा जाता है जो करीब .3 प्वाइंट की होती है। किसी समाचार पत्र की शैली के
अनुपालन में यह बार्डर लाइन मौजूद नहीं भी हो सकती है।
बॉक्स लाइन-
फोटो में बार्डर लाइन के बाहर एक बॉक्स
लाइन भी हो सकती है जो बार्डर लाइन से मोटी होती है। ऐसी बॉक्स लाइन अमूमन तब दी
जाती है जब कोई फोटो बिना खबर के ही पेज पर लगाया जाता है। अगर कोई फोटो खबर के
साथ या खबर के अंदर लगा होता है तो बार्डर लाइन नहीं होती है।
फोटो कैप्शन-
समाचार पत्रों में फोटो के नीचे उसका
परिचय दिया जाता है जिसे फोटो कैप्शन कहते हैं। इसमें यह विवरण होता है कि फोटो
किस स्थान या किस घटना का है और इसे कब खींचा गया था। समाचार पत्रों में फोटो
कैप्शन प्रायः फोटो के नीचे ही होता है, लेकिन पत्रिकाओं में यह फोटो के नीचे वाले
सिरों पर बाएं या दाएं भी लगाया जा सकता है।
कैच वर्ड या स्लग-
जिस प्रकार खबर के अंदर क्रासर के साथ
विषय से संबंधित कोई कैच वर्ड या स्लग लगाया जाता है, ठीक उसी प्रकार कई समाचार
पत्रों में फोटो के साथ भी एक कैच वर्ड दिया जाता है ताकि उसे देखते ही पाठक समझ
जाए कि फोटो किस बारे में है। कैच वर्ड फोटो कैप्शन के ठीक पहले भी लगा हो सकता है
या उसे फोटो के ऊपरी बाएं किनारे पर फोटो के ऊपर या फोटो से बाहर भी लगाया जा सकता
है।
क्रेडिट लाइन-
फोटो के स्रोत का विवरण अर्थात यह जानकारी
देना कि फोटो कहां से लिया गया है या किसने खींचा है, क्रेडिट लाइन कहलाता है।
इसमें फोटो खींचने वाले का नाम हो सकता है या फिर जिस भी स्रोत (जैसे पीटीआई,
यूएनआई, एपी, रायटर आदि) से वह फोटो प्राप्त किया गया, उसका नाम क्रेडिट लाइन में
हो सकता है। समाचार पत्रों में क्रेटिड लाइन या तो फोटो कैप्शन के ठीक बाद दी जाती
है या फिर यह फोटो के ठीक ऊपर दाएं कोने में भी दी जा सकती है।
कैप्शन लाइन-
समाचार पत्रों में फोटो कैप्शन के नीचे
करीब .5 प्वाइंट की लाइन भी दी जाती है जो फोटो कैप्शन को समाचार सामग्री से अलग
करने का काम करती है।
अखबार में फोटो का क्या महत्व है?
- फोटो का महत्व इसी से समझा जा सकता है कि एक फोटो को हजार शब्दों के बराबर माना गया है। अक्सर जो काम हजार शब्द मिलकर भी नहीं कर पाते हैं, वह काम एक फोटो कर डालता है।
- यूरोप में अखबारों द्वारा पाठकों की रुचि जानने के लिए एक प्रयोग किया गया जिसे ‘कार्निया रिफ्लेक्स मैथड’ का नाम दिया गया। इसका उद्देश्य पाठकों की आंखों की हलचल और समाचार पढ़ते वक्त उनकी प्राथमिकता के बारे में जानना था। इसके लिए कुछ पाठकों के चेहरे पर माइक्रो कैमरे लगाए गए। इसी के साथ समाचार पत्र के पेजों पर भी माइक्रो कैमरे लगाए गए। इस प्रयोग से पता चला कि प्रयोग में शामिल 90 प्रतिशत पाठक ऐसे थे जिन्होंने समाचार पत्र में लगी फोटो को देखा, जबकि पूरी खबर को अंत तक पढ़ने वाले पाठक शून्य से 50 फीसदी थे। इस प्रकार इस प्रयोग से फोटो के महत्व का पता चलता है।
- कहा जाता है कि जिस प्रकार नग्न व्यक्ति को कपड़ा चाहिए, उसी प्रकार अखबार को भी फोटो की जरूरत होती है। रंगीन टेलीविजन और इंटरनेट आने के बाद तो समाचार पत्रों के लिए फोटो और भी जरूरी हो गए हैं, क्योंकि पाठक टेलीविजन और कंप्यूटर पर इतने रंग देखते हैं कि ऐसे में यदि समाचार पत्रों को रंगहीन या फोटो विहीन कर दिया जाए तो शायद ही कोई उन्हें पढ़ना चाहेगा।
- फोटो न केवल समाचार पत्रों के रंग-रूप को आकर्षक बनाते हैं, बल्कि ये पाठक को किसी पेज पर रोकने का काम भी करते हैं और इस प्रकार से समाचार पत्र को पठनीय बनाने में महत्वपूर्ण सहयोग देते हैं।
फोटो का चयन करते और समाचार में फोटो लगाते वक्त किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
समाचार पत्र में फोटो
लगाते समय निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए-
- कोई भी फोटो निरर्थक नहीं होना चाहिए अर्थात समाचार पत्र में फोटो केवल स्थान घेरने के लिए नहीं लगाना चाहिए बल्कि उस फोटो का कोई अर्थ होना चाहिए। फोटो किसी उद्देश्य (रंग-रूप निखार, पठनीयता, पाठक से जुड़ाव आदि) की पूर्ति के लिए लगाया जाना चाहिए।
- ऐसे फोटो का चयन करना चाहिए जो ऐसी सूचना प्रेषित करे जो पाठक को खबर में नहीं मिल पाती है
- अगर एक ही घटना के कई फोटो लगाए जा रहे हैं तो प्रत्येक फोटो में कोई अलग बात होनी चाहिए। एक ही फोटो को अलग-अलग कोण से छापना केवल समाचार पत्र के कीमती स्थान की बर्बादी करना होगा
- छोटे-छोटे ऐसे फोटो नहीं लगाने चाहिए जिनमें बड़ी संख्या में लोग मौजूद हों। इससे पाठक फोटो में कुछ भी नहीं देख पाता है। जीवंत और ज्यादा लोगों की मौजदूगी वाले फोटो को बड़े आकार में लगाना चाहिए
- समाचार पत्र के फोटोग्राफ में यह जरूरी है कि फोटो में मौजूद लोग कैमरे की तरफ नहीं देख रहे हों। फोटो में मौजूद लोग कैमरे की तरफ देखने के बजाय अपने काम में मगन होने चाहिए। कुल मिलाकर फोटो में जीवन अपनी सामान्य गति में दिखाई देना चाहिए। उसमें बनावट नहीं लगनी चाहिए।
- फोटो में मौजूद लोग वास्तविक भी लगने चाहिए। उदाहरण के लिए फोटोग्राफर यह दिखाना चाहता है कि किसी समस्या को लेकर लोगों में रोष है और उन्होंने कलक्ट्रेट या किसी प्रशासनिक भवन के सामने प्रदर्शन किया है। ऐसे में फोटो में मौजूद लोगों के चेहरे पर रोष दिखना चाहिए। ऐसा न हो कि उन्होंने नारे लगाने के लिए हाथ तो खड़े कर रखे हैं, लेकिन उनके चेहरे पर मुस्कान दिखाई दे रही है।
- समाचार पत्रों में बेवजह अधिकारियों के फोटो देने से भी परहेज किया जाता है। उदाहरण के तौर पर किसी पुरस्कार समारोह में मुख्य अतिथि का एक फोटो देकर बाकी फोटो उन व्यक्तियों के दिए जाते हैं जिन्हें वह पुरस्कार मिला होता है। इसी तरह पुलिस अधिकारियों के फोटो उसी स्थिति में दिए जाते हैं जब पुलिस ने किसी बड़े अपराध का खुलासा किया होता है।
- समाचार पत्र के लिए वीभत्स फोटो का चुनाव करने से भी बचना चाहिए, क्योंकि समाचार पत्र सुबह-सुबह लोगों के हाथों में पहुंचता है और सुबह-सुबह ऐसे वीभत्स फोटो देखकर पाठक का मन खराब हो जाता है।
- ज्यादातर समाचार पत्रों के कागज की गुणवत्ता बहुत उत्तम नहीं होती है। ऐसे में उन्हीं फोटो का चुनाव करना चाहिए जिनमें व्यक्ति या वस्तुएं क्लोज अप शॉट में हों। ऐसे फोटो अखबारी कागज पर ठीक से उभरते हैं। लॉन्ग शॉट वाले फोटो अखबार कागज पर छपकर पहले से भी ज्यादा धूमिल लगने लगते हैं
- यदि किसी व्यक्ति की पहचान को खबर में छुपाया जा रहा है तो उसकी पहचान फोटो में भी छिपानी जरूरी है। इसके लिए या तो फोटो छापना ही नहीं चाहिए और यदि छापना जरूरी है तो उसके चेहरे को धुंधला (ब्लर) करके छापना चाहिए।
- अखबार में किसी भी फोटो के आकार को न तो ज्यादा घटाना (रिड्यूस) चाहिए और न ही ज्यादा बढ़ाना (एक्सपेंड) चाहिए। इससे उसकी गुणवत्ता प्रभावित होती है। समाचार पत्रों में फोटो को प्रायः 5 प्रतिशत तक रिड्यूस या एक्सपेंड करने की अनुमति दी जाती है। इससे ज्यादा नहीं।
- फोटो का चयन करने के बाद फोटो को पेज पर लगाते वक्त भी खास सावधानी की जरूरत होती है। सबसे जरूरी सावधानी तो यह रखनी चाहिए कि फोटो समाचार पत्र के मुड़ने के स्थान (समाचार पत्र के आधे हिस्से पर पड़ने वाली लाइन) पर नहीं लगना चाहिए। यदि वहां पर लगाने की मजबूरी हो तो भी फोटो का आधा से ज्यादा हिस्सा समाचार पत्र के ऊपरी फोल्ड पर होना चाहिए।
- समाचार पत्र के किसी पेज पर फोटो लगाते समय संतुलन का भी उसी प्रकार से ध्यान रखना होता है जिस प्रकार खबर लगाते समय किया जाता है। ऐसा नहीं होना चाहिए कि किसी पेज पर सारे फोटो पेज के किसी एक ही हिस्से (ऊपर, नीचे, बाएं या दाएं) में लग जाएं। ऐसा होने पर पेज का संतुलन बिगड़ जाता है। यदि किसी पेज पर दो बड़े फोटो हैं तो एक फोटो ऊपरी हिस्से में और दूसरा निचले हिस्से में होना चाहिए। इसी के साथ दोनों फोटो ऊपर नीचे एक ही सीध में नहीं होने चाहिए। यदि ऊपरी हिस्से का फोटो बाएं तरफ लगा है तो नीचे के हिस्से वाला फोटो दाएं तरफ लगाना चाहिए।
- अमूमन अखबारों में पेज के निचले दाएं हिस्से में विज्ञापन लगे होते हैं। ये विज्ञापन भी एक प्रकार से फोटो का ही काम करते हैं। यदि विज्ञापन निचले दाएं हिस्से में लगा है तो पेज का प्रमुख फोटो समाचार पत्र के ऊपरी हिस्से पर बाएं तरफ लगना चाहिए।
फोटो संपादन की दो प्रमुख तकनीक
फोटो संपादन के लिए दो प्रमुख तकनीकों का प्रयोग होता है-
ब्लीड पिक्चर
प्रयोग के स्तर पर ‘ब्लीड पिक्चर्स’ ऐसे
चित्र हैं जो उस पन्ने से बड़े होते हैं जिन पर वे छापे जाते हैं। ऐसी स्थिति में
चारों ओर से ट्रिमिंग पद्धति द्वारा उन्हें ‘एडजस्ट’ किया जाता है।
क्राप्ड पिक्चर
क्राप्ड पिक्चर्स ऐसी तस्वीरों
को कहते हैं जिनके कमजोर हिस्से को हटाने के लिए उन तस्वीरों की क्रापिंग करनी
पड़ती है। इस प्रक्रिया में चित्र के सबसे रोचक, प्रासंगिक और नाटकीय
पक्ष को उभारने का प्रयास किया जाता है। इसमें अक्सर किसी तस्वीर के प्रमुख हिस्से को लेने के बाद उसकी पृष्ठभूमि (बैकग्राउंड) को गायब भी कर दिया जाता है।
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Main parts of the photo
In the newspaper, the main parts of the photo are as follows-
Border Line-
The photo taken in the newspaper is surrounded by a border
line which is close to .3 points. This border line may not exist in compliance
with the style of a newspaper.
Box line-
In the photo, there may be a box line outside the Border
Line, which is thicker than the Border Line. Such a box line is usually given
when a photo is placed on the page without news. If a photo is attached to the
news or in the news, then there is no border line.
Photo Caption-
Under the photo, its introduction is given in the newspapers which
is called photo caption. It contains the details of location, event and time of
the photo. In newspaper, photo captions are usually placed below the photo, but
in magazines, captions are also placed bottom left or right of the photo.
Catch word or slug-
Just as a catch word or slug is attached to the crosser inside
the news, in the same way, a catch word is also given in many newspapers along
with the photo so that the reader can understand the subject of the photo. The
catch word can be found just before the photo caption or it can be placed on
the top left corner of the photo above the photo or even outside of the photo.
Credit line-
Details of the source of the photo, ie, to give information
about where the photo is taken or who is drawn, is called the credit line. In
credit line, it may be the name of the photographer or any source (such as PTI,
UNI, AP, Reuters etc.) that photo was received. In the newspapers, the credit
line is given either after photo caption or it can be given in the right corner
just above the photo.
Caption line-
Under the photo captions in newspapers, a line of approximate
.5 points is also given which separates photo captions from news content.
Importance of the photo in the newspaper
- The significance of the photo can be understood from the fact that a photo is considered equal to thousand words. Often, thousands of words can not do a job together, but a photo done this job successfully.
- An experiment was done in newspapers in Europe to know the interest of readers, known as the 'cornea reflex method'. Its purpose was to learn about the reader's eyes and his priorities while reading the news. For this, some micro cameras were installed on the faces of some readers. With this, micro-cameras were also installed on newspaper pages. This experiment showed that 90 percent of the readers in the experiment were those who saw the photograph in the newspaper, while the reader who read the entire news till the end was less than 50 percent. Thus, this experiment reveals the importance of photos.
- It is said that as the naked person needs the clothes, the newspaper also needs a photo. After colour television and the Internet, photos have become even more important for newspapers, because the readers see so many colours on television and computers that in such a situation if newspapers are printed colourless or photoless, then hardly anyone would like to read them.
- Photo is another way to preserve history, and as such, it is extremely valuable, since what is in the frameand in the shot is what we will remember.
- Photos increase the importance of the news.Its increases the credibility of the news, because seeing the photo, the reader believes that the journalist was present at the time of the incident.
- Photos change the appearance of the newspaper. They make the page more attractive and force the reader to read the news.
What should be kept in mind while selecting and placing a photo for the newspaper?
While putting a photo in the newspaper,
the following points should be kept in mind:
- Any photo should not be null, i.e. in the newspaper, the photo should not be used for the sake of space only, but that photo should have some meaning. Photographs should be applied to fulfill any purpose (colour variation, readability, connectivity with reader etc.).
- Selects the photo which will send such information which the reader can not get in the news.
- If multiple photos are being planted in the same event, then each photo should have some different thing. Printing a single photo from a different angle will only ruin the precious space of the newspaper.
- Small photos should not be used where a large number of people are present in photo. From this, the reader can not see anything in the photo. Vibrant photos and photos with more people should be put in large size.
- In the photograph of the newspaper, it is necessary that people present in the photo are not looking at the camera. People in the photo should be immersed in their work instead of looking at the camera side. Overall, life in the photo should appear in its normal pace. There should not be texture in it.
- People present in the photo should also look real. For example, the photographer wants to show that there is anger in people about any problem and they have performed in front of the collector office or any administrative building. In such a situation, there should be fury on the face of people present in the photo. It should not be that they have kept their hands standing for slogans, but a smile appears on their face.
- In newspapers, unnecessary photographs of officers are avoided. For example, by giving a photograph of the chief guest at an award ceremony, the remaining photos are given to those people who received the award. Likewise, the photographs of the police officers are given in that situation when the police have disclosed a major crime.
- You should also avoid vicious photos for the newspaper, because the newspaper arrives in the hands of people in the morning and seeing such photos in the morning, the reader's mind gets spoiled.
- Paper quality of most newspapers is not very good. In this case, those photos should be selected in which the person or objects are in close-up shot. Such photos emerge properly on the newsprint. Photographs of long shots start appearing more than ever before by printing on paper paper. Photos with long shots do not look good by printing in the newspaper.
- If the identity of a person is being hidden in the news then it is necessary to hide his identity even in the photo. For this, either the photo should not be printed and if it is necessary to print, then its face should be blurred.
- The size of any photo in the newspaper should not be reduced or expand. This affects its quality. In newspapers, photos are allowed to reduce or extend up to 5 percent. No more than that.
- After selecting the photo, special care is needed even when applying the photo to the page. The most urgent caution should be taken so that the photo should not be placed on the newspaper's turn point (the line falling on half of the newspaper). Even if there is a compulsion to apply it, more than half of the photo should be on the upper hand of the newspaper.
- When applying photos to any page of the newspaper, balance is also taken care of in the same way as the news is done. It should not be that all the photos on a page are placed in any part of the page (top, bottom, left or right). If this happens, the balance of the page gets deteriorated. If there are two big photos on a page then one photo should be in the upper and the lower part. At the same time, both photos should not be in the same straight in top and bottom. If the photo of the upper part is placed on the left side, then the photo of the bottom part is to be applied on the right side.
- Typically newspapers have advertisements in the lower right side of the page. These ads also work as photos. If the ad is placed in the lower right corner then the main photo of the page should be on the upper left part of the newspaper.
Two major photo editing techniques
Two main techniques are used for photo editing -
Bleed Pictures
At the level of experiment, bleed pictures are the images
that are larger than the pages on which they are printed. In such a situation,
they are adjusted by the trimming system around them.
Cropped pictures
Cropped pictures are such pictures, which
have some weak parts and that weak parts are removed by cropping. In this
process, we try to highlight the most interesting, relevant and dramatic side
of the picture. It often disappears the background (background) after taking the major part of a picture.
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