Leave aside the common people, even highly educated people are not avoiding spreading fake news
.................................फर्जी खबर, पुरानी खबर, फेक न्यूज आदि का धंधा सोशल मीडिया पर खूब चल रहा है। पत्रकारों के प्रमुख संगठन नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स इंडिया (एनयूजेआई) ने कोरोना संक्रमण काल के इस कालखंड में फर्जी खबरों के जरिये मानवता, समाज और राष्ट्र की संप्रभुता के साथ किए जा रहे खिलवाड़ पर एक रिपोर्ट जारी की है। इसमें कहा गया है कि बिना पंजीकरण के हजारों न्यूज वेबसाइट पर राष्ट्रविरोधी अभियान चलाया जा रहा है। इसी के साथ सोशल मीडिया फर्जी खबरों का सबसे बड़ा जरिया बन गया है। खास बात यह है कि अब सामान्य जन ही नहीं बल्कि उच्च शिक्षित लोग भी फेक न्यूज फैलाने में परहेज नहीं कर रहे हैं।
देखिए कितनी तेजी से आगे बढ़ती है गलत खबर
11 मई 2020 को एक फेसबुक एकाउंट से एक खबर साझा की गई। इसका स्क्रीन शॉट नीचे दिया गया है। इसे देखने से पता चलता है कि यह खबर 'टाइम्स इंडिया 24 हिंदी डॉट इन' नामक वेबसाइट की है। इसका शीर्षक है- 'कैबिनेट मंजूरी- सांसदों का भत्ता बढ़ा, अब 3 लाख 20 हजार रुपये मिलेंगे हर महीने'।
इस शेयर की गई खबर के स्क्रीन शॉट को देखने पर पता चलता है कि इस पोस्ट को 1 हजार लोगों ने शेयर किया है। साथ में पोस्ट करने वाले ने टिप्पणी भी की है- 'इन्हें शर्म क्यों नहीं आती।'
इस पोस्ट को देखकर ऐसा लगता है कि कोरोना जैसे महासंकट के बीच भी सरकार ने सांसदों का भत्ता बढ़ा दिया है जबकि दूसरी तरफ हर विभाग में वेतन कटौती और डीए आदि के स्थगित होने की खबरें आ रही हैं। हालांकि यदि कोई व्यक्ति पिछले दिनों की खबरों पर नजर बनाए रखे होगा तो उसे पता होगा कि वास्तविकता यह है कि कोरोना संकट के बीच सरकार ने सांसदों का भत्ता कम करने की घोषणा की है। इसी के साथ ही सांसदों की सांसद निधि पर भी सरकार ने कैंची चलाई है।
फेसबुक पर 11 मई 2020 को की गई पोस्ट
'टाइम्स इंडिया 24 हिंदी डॉट इन' पर 10 मई 2020 की खबर
लाइव हिंदुस्तान वेबसाइट पर 1 मार्च 2018 की खबर जिसे 'टाइम्स इंडिया 24 हिंदी डॉट इन' ने 10 मई 2020 को छाप दिया
खास बात यह है कि उच्च शिक्षित लोग भी फर्जी खबरें शेयर करने से परहेज नहीं कर रहे हैं। जिस फेसबुक पोस्ट का यहां जिक्र किया गया है वह पीएचडी डिग्रीधारी व्यक्ति की है। जिन लोगों ने उनकी पोस्ट को पसंद और शेयर किया है, उनमें भी पीएचडी डिग्री धारी और उच्च पदों पर रहे शिक्षकगण तक शामिल हैं।
हताशा इतनी बढ़ी कि योगेंद्र यादव जैसे व्यक्ति भी गलत सूचनाएं दे रहे
पिछले दिनों स्वराज इंडिया के संस्थापक योगेंद्र यादव ने भी दावा किया कि सरकार ने चुपचाप सांसदों के निर्वाचन क्षेत्र भत्ते बढ़ा दिए हैं। योगेंद्र यादव ने लिखा-
In the meanwhile, instead of #FreeTrains4Workers the government has quietly increased the constituency allowance for each MP to ₹ 49,000— Yogendra Yadav (@_YogendraYadav) May 4, 2020
Order issued on 7th April pic.twitter.com/PJ9ogU71ow
लेकिन इस ट्वीट में योगेंद्र यादव यह बात छिपा गए कि अगर 49,000 रुपये भत्ता किया गया है तो पहले भत्ता क्या था। यदि वह ऐसा करते तो उनकी पोल खुल जाती। वास्तविकता यह है कि अभी तक सांसदों को निर्वाचन क्षेत्र भत्ते के रूप में 70,000 रुपये मिल रहे थे जिसमें सरकार ने कोरोना संकट के मद्देनजर 30 प्रतिशत की कटौती करके इसे 49,000 हजार रुपये कर दिया है। यानी भत्ता बढ़ा नहीं है बल्कि घटाया गया है। संसद की संयुक्त समिति ने इसकी सिफारिश की थी जिसे राज्यसभा अध्यक्ष वेकैया नायडू और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने स्वीकार किया था।
इससे पहले सरकार ने सांसद निधि को भी दो वर्ष के लिए निलंबित कर दिया है। यानी 2020-21 और 2021-2022 में सांसदों को सांसद निधि नहीं मिलेगी।
- लव कुमार सिंह
#FakeNewsAlert #Fake #FactCheck #MediaWatch
No comments:
Post a Comment