- Modi and Opposition in Corona period- A poem in Daroga Happu Singh Style
- Modi and Opposition in Corona period- A poem in Daroga Happu Singh Style
जब मोदी बोलै तो बोलत हैं कि बहुत बोलतो है
जब मंत्री बोलें तो बोलत हैं कि मोदी काहे ना बोलतो
मोदी ज्यादा नजरन में आवै तो वन मैन शो कहत हैं
मोदी नजर न आवै तो कहत हैं- कहां गयो, हमारो मन ना लगतो।
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हम पीपीई किट, मास्क में आत्मनिर्भर बनगे, हजारों मरने से बचगे
वे पूछत हैं लॉकडाउन से का लाभ मिलो?
अबकै वानै सोची पूरे देश में ताला ना ठोकूं
तो लॉकडाउन की टेर लगा दी, लो बात सुन लो।
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जब मोदी आगे-आगे चल रहौ हतो
तो इनने राज्यन को आगे रखने को राग छेड़ौ
जब मोदी ने राज्यन को आगे कियौ
तो घबड़ाके बोले- अरे मोदी सामने आ, पीछे काहे खड़ौ?
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मोदी सखत दिखै तो कहवैं जाकौ ना पतौ दुख-दर्द किसी कौ
मोदी रोवै तो कहें घड़ियाली आंसू बहा रौ पीएम कहीं कौ
वाकू महामानव कह दिए कईयन ने तो चिड़-चिड़ जावैं
ऊ आम आदमी सौ दिखे तो चाहवैं सब कुछ याई क्यूं ना करतौ।
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जिस वायरस को पतौ-ठिकानौ वैज्ञानिकों को ना पतौ
उसके लाने पूछत हैं- तुमने वादो कियो थो 21 दिन कौ
जिस वायरस की अभी कोई दवा भी ना बनी ठीक से
उसके लाने कहत हैं- ठीक कर, ठीक कर पीएम कहीं कौ।
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अरे दादा मोदी... विपक्ष कमजोर जरूर है, पर बहुत बड़ी चिरांद है
जो तुम कहोगे सूरज पूरब में उगे हैं तो जे पश्चिम बोलंगे
लप्पकै
जे कोरोना-फोरोना से ना लड़ रहे, इनके निशाने पे तो तुम हो
इन्हें लाशन के ढेर चाही, ताकि तुमरो इस्तीफा
मांग सकें खुलकै।
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अभी तक जा बिपक्ष ने इतनो जोर लगायो, कि गुर्दा हाथ में आ गए इनके
पर जब तुमरी घुइंया ना उखाड़ सके जे लोग, तो नयो एलान कर दो है
कि अरे दादा...मोदी ऐसे तो ना हटैगो, सो फेक न्यूज की संख्या बढ़वाओ
इसी लाने इनके साथी पत्तलकारों ने फेक न्यूज को साथ, खुलके घोषित कर दो है।
(चिरांद का अर्थ है- लफड़ा, मुसीबत, आफत)
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