Interpretative writing (व्याख्यात्मक लेखन)
BJMC Semester-5, Unit-1, Paper- Mass Media writing skills
- जब हम किसी जटिल अंश या विषय को समझकर प्रस्तुत करते हैं तो उसे व्याख्या कहते हैं। व्याख्या के लिए विषय के किसी अंश की विस्तार से, एक-एक बात को समझकर, व्याख्या की जाती है। व्याख्या में भाषा अत्यंत सहज रखी जाती है। इस शैली में पहले किसी सूत्रात्मक तथ्य को ले लिया जाता है फिर उसकी व्यास शैली में व्याख्या की जाती है।
When we understand and present a
complex part or subject, it is called interpretation. For interpretation, a
part of the subject is explained in detail, understanding each and every thing.
The language is kept very simple in interpretation. In this style a formulaic
fact is first taken and then it is explained in Vyasa style.
- परिभाषा की बात करें तो- कठिन पदों, पद्यांशों, सूक्तियों तथा पारिभाषिक शब्दों के अर्थ स्पष्ट करने के लिए जिस शैली का प्रयोग किया जाता है, उसे व्याख्यात्मक शैली कहते हैं।
Talking about the definition, the
style used to explain the meaning of difficult words, passages, axioms and
definitional words is called interpretative or explanatory style.
- इस प्रकार की लेखन शैली का प्रयोग किसी संक्षिप्त या अस्पष्ट अथवा जटिल वाक्य को समझाने के लिए किया जाता है।
This type of writing style is used to
explain a short or ambiguous or complex sentence.
- यह शैली सूत्र के रूप में कही गयी किसी बात को प्रस्तुत करने के लिए भी प्रयोग की जाती है।
This style is also used to present
something said in the form of a formula or thread.
- इसमें लेखक या वक्ता स्वयं व्याख्या करता है इसलिए तटस्थ नहीं रह पाता।
In this, the author or speaker
interprets himself, so he cannot remain neutral.
- ये किसी भी चीज की व्याख्या करते हैं और उसके बारे में सूचना देते हैं। अर्थात ये परिभाषा, वर्गीकरण, उदाहरण आदि के साथ चित्र प्रस्तुत करते हुए किसी विषय का प्रकटीकरण (उद्घाटन) करते हैं।
They explain anything and give
information about it. That is, they reveal (open) a subject by presenting a
picture with definition, classification, examples etc.
- कथा वाचकों द्वारा सुनाई जाने वाली धार्मिक कथाएं, धार्णिक श्लोकों की व्याख्या या शिक्षक द्वारा किसी विषय को समझाया जाना या किसी रिपोर्टर/लेखक द्वारा किसी खबर/विषय की व्याख्या करना, व्याख्यात्मक लेखन के उदाहरण हैं।
Religious stories narrated by
storytellers, interpretation of religious verses or teacher explaining a topic
or a reporter/writer explaining a news/topic, are examples of explanatory
writing.
व्याख्यापरक
शैली का महत्व
Importance of interpretive style
- व्याख्यापरक शैली का प्रयोग अध्यापन कार्य में विशेष रूप से किया जाता है।
The
interpretative style is specially used in teaching work.
- कथ्य को स्पष्ट करने के लिए यह शैली सर्वाधिक उपयुक्त
मानी जाती है। इसके अतिरिक्त प्रवचनकार, राजनीततिज्ञ, साहित्यिकार इसका काफी प्रयोग करते
हैं।
This
style is considered most suitable for clarifying the content. Apart
from this, lecturers, politicians, literary figures use it a lot.
- साहित्यिक विषयों के प्रतिपादन में मनोरम कल्पना को उन्मुक्त उड़ान देने में व्याख्या शैली का विशेष महत्व है।
The
interpretation style has a special importance in giving free flight to the
captivating imagination in the rendering of literary subjects.
- काल्पनिक साहित्यिक कलाओं में जीवन्तता प्रदान करना व्याख्यात्मक शैली का कार्य है।
Providing
vitality to the fictional literary arts is the function of the interpretive
style.
- इसमें वक्ता तथस्ट नहीं रहता है, इसलिए आलंकारिक शब्दों, बढ़ा-चढ़ाकर वर्णन और मन की उन्मुक्त उड़ान
से वक्ता विषय को सरस बना देता है।
In this
the speaker does not remain neutral, so the speaker makes the subject gloomy by
rhetorical words, exaggerated descriptions and free flight of mind..
- यह शैली 'सूत्र' से कथित बात को स्पष्ट करने के लिए प्रमुख
रूप से प्रयुक्त होती है। यह शैली परिभाषिक शब्दों से युक्त तथ्य को स्पष्ट करने
के लिए भी महत्वपूर्ण है।
This
style is mainly used to explain the said thing from the 'sutra'. This style is
also important for clarifying the fact containing the terminology.
- अध्ययन-अध्यापन, धर्म, दर्शन एवं आजकल व्यावसायिक क्षेत्र में
व्याख्यात्मक शैली का महत्व असंदिग्ध है।
The
importance of explanatory style in study-teaching, religion, philosophy and
today's professional field is unquestionable.
व्याख्यात्मक लेखन
की विशेषताएं
Features of Interpretative writing
Following are the features of this
style-
इस शैली की
विशेषताएं निम्नलिखित हैं-
- किसी बात को स्पष्ट करने के लिए एक ही बात को कई प्रकार से कहा जाता है। अतः इस प्रकार की शैली अध्यापन के लिए विशेष रुप से प्रभावी होती है।
The same thing is said in many ways to
make something clear. Therefore, this type of style is especially effective for
teaching.
- इस शैली में उदाहरण वाक्यों को महत्व दिया जाता है ताकि कोई भी बात पूरी तरह स्पष्ट हो सके।
In this style, importance is given to
example sentences so that a point can be made completely clear.
- इस प्रकार की शैली में जो भी वाक्य प्रयोग किये जाते हैं वे एक सुनिश्चित अर्थ वाले होते हैं।
Whatever sentences are used in this
type of style, they have a definite meaning.
- व्याख्यात्मक शैली में सरल अर्थ का प्रयोग किया जाता है।
Simple meaning is used in interpretative
style.
- इस शैली में अधूरे अथवा दो अर्थों वाले वाक्यों का प्रयोग नहीं होता है।
In this style, incomplete or double
meaning sentences are not used.
- इस शैली में आवश्यकतानुसार ऐसी क्रियाओं का प्रयोग होता है जो किसी भी काल को व्यक्त करने के लिए प्रयोग होती हैं।
In this style, as needed, such verbs
are used which are used to express any tense.
- इस शैली में कारण-कार्य सम्बन्ध के वाक्यों का अत्यधिक महत्व होता है। इनसे व्याख्या के सूत्र एक दूसरे के साथ सम्बद्ध हो जाते हैं।
In this style, the sentences of
cause-action relationship are of utmost importance. From these the threads of
interpretation become related to each other.
- व्याख्यात्मक शैली में निम्न प्रकार के शब्द प्रयोग किये जाते हैं- यदि, मान लिया जाये, अतएव, वरन, किन्तु आदि।
The following types of words are used
in the explanatory style- if, let's say, therefore, but etc.
- किसी भी बात की स्पष्ट व्याख्या करने के लिए किसी बात की निषेधात्मक बात को भी प्रकट किया जाता है।
The negation of something is also
expressed in order to explain something clearly.
- व्याख्या के प्रसंग में जिस बात की व्याख्या की जाती है उससे सम्बद्ध विषयों का आख्यान भी किया जाता है अर्थात जिस विषय में चर्चा की जाती है उससे संबंधित विषय के बारे में भी थोड़ी बहुत जानकारी दी जाती है।
In the context of interpretation, the
topics related to what is explained are also narrated, that is, a little bit of
information is also given about the subject related to the subject in which it
is discussed.
- व्याख्यात्मक लेखन में एक कारण से शुरू करके उसके प्रभाव या प्रभावों का विवरण दिया जा सकता है। या एक प्रभाव से शुरू करके उसके कारण या कारणों पर जा सकते हैं।
In interpretative writing, starting
with a cause, its effect or effects can be described. Or start with an effect
and go to its cause or causes.
- इस शैली में हम दो या दो से अधिक व्स्तुओं, अवधारणाओं अथवा प्रक्रियाओं की तुलना या विषमता दिखा सकते हैं।
In this style we can compare or
contrast two or more objects, concepts or processes.
- आप कोई विचार प्रस्तुत कर सकते हैं। आप तर्क प्रस्तुत कर सकते हैं जो किसी विचार का समर्थन करते हैं या उसके विरुद्ध जाते हैं।
You can submit an idea. You can
present arguments that support an idea or go against an idea.
- आप वस्तुओं का विस्तृत विवरण सबसे महत्वपूर्ण से शुरू करके सबसे कम महत्वपूर्ण तक अथवा इसके उलटे क्रम में दे सकते हैं।
You can give a detailed description of
items in order starting from most important to least important, or vice versa.
- आप उन वस्तुओं का विस्तृत विवरण भी कर सकते हैं जो उतने ही महत्व की होती हैं। दूसरे शब्दों में व्याख्यात्मक लेखन में संरचनाओं की एक व्यापक श्रेणी प्राप्त कर सकते हैं।
You can also elaborate on items that
are of equal importance. In other words, a broad range of structures can be
found in interpretative writing.
Interpretative reporting/writing
व्याख्यात्मक लेखन/रिपोर्टिंग
- व्याख्यात्मक रिपोर्टिंग/लेखन तथ्यों की व्याख्या करती है। रिपोर्टर विकास के कारणों और अर्थों के साथ लेखन को संतुलित करने का प्रयास करता है। रिपोर्टर इसके महत्व की व्याख्या के साथ-साथ जानकारी प्रदान करता है। वह अपने ज्ञान और अनुभव का उपयोग पाठक को किसी घटना की पृष्ठभूमि के बारे में एक विचार प्रदान करने के लिए करता है और इसके परिणामों की व्याख्या करता है।
Interpretative reporting interprets facts. Reporter tries to
balance the writing with reasons and meanings of a development. Reporter
provides the information along with an interpretation of its significance. He
uses his knowledge and experience to offer the reader an idea of the background
of an event and explain the results it could led to.
- अपने स्वयं के ज्ञान और शोध के अलावा, रिपोर्टर रिपोर्ट का समर्थन करने के लिए विशेषज्ञों की राय भी लेता है।
Besides his own knowledge and research, the reporter also takes
the opinions of specialists to support the report.
- व्याख्यात्मक रिपोर्टिंग के लिए पहला महत्वपूर्ण इनपुट प्रथम विश्व युद्ध द्वारा प्रदान किया गया था। जब प्रथम विश्व युद्ध छिड़ा, तो अधिकांश अमेरिकी आश्चर्यचकित रह गए। वे इसके कारणों की व्याख्या करने में असमर्थ थे। इसके परिणामस्वरूप रिपोर्टिंग की शैली में बदलाव आया। 1939 में, जब द्वितीय विश्व युद्ध शुरू हुआ, अमेरिकियों के भारी बहुमत ने इसकी उम्मीद की थी या कम से कम यह जानते थे कि यह संभव है।
First
important inputs to interpretative reporting was provided by World War-I. When
the First World War broke out, most Americans were taken by surprise. They were
unable to explain its causes. This resulted in changes in the style of
reporting. In 1939, when the Second World War started, an overwhelming majority
of the Americans expected it or at least knew it was possible.
- व्याख्यात्मक रिपोर्टर इस तथ्य से अवगत है कि एक समाचार एक अलग घटना नहीं है, बल्कि महत्वपूर्ण घटनाओं की एक श्रृंखला के लिए एक अनिवार्य कड़ी है। एक व्याख्यात्मक रिपोर्टर सफल नहीं हो सकता है यदि वह पूर्वाग्रहों और रूढ़िबद्ध दृष्टिकोणों से बाधित है, जो मानवीय मामलों की उसकी धारणा को पूर्वाग्रहित करेगा। इस प्रकार व्याख्यात्मक रिपोर्टिंग समाचार के पीछे जाती है, छिपे हुए महत्व को सामने लाती है।
interpretative reporter is aware of the fact that a news item is
not an isolated incident, but an inevitable link to a chain of important
events. An interpretative reporter cannot succeed if he is hampered by
prejudices and stereotyped attitudes, which would bias his perception of human
affairs. Interpretative reporting thus goes behind the news, brings out the
hidden significance.
- पुस्तक 'इंटरप्रिटेशन रिपोर्टिंग' के लेखक कर्टिस डी. मैकडोंगल के अनुसार एक सफल पत्रकार को इतिहास, अर्थशास्त्र, समाजशास्त्र, राजनीति विज्ञान और अन्य शैक्षणिक विषयों के पढ़ने के साथ एक अच्छी तरह से प्रशिक्षित यात्राकर्ता से अधिक होना चाहिए।
According to Curtis D. MacDongall, author of
book ‘Interpretation Reporting’ a successful journalist should be more
than a thoroughly trained journeyman with his reading of history, economics,
sociology, political science and other academic subjects.
उदाहरण के लिए
- लोकसभा के चुनाव हुए। व्याख्यात्मक रिपोर्टिंग में, रिपोर्टर/लेखक अपने पाठकों को परिणामों का विवरण देगा और साथ ही सदन के गठन के संबंध में तथ्यों को सामने रखेगा।
- पांच राज्यों की विधानसभा के चुनाव हुए। व्याख्यात्मक रिपोर्टर न केवल तीन राज्यों में एक पार्टी की जीत की खबर देगा, बल्कि इसके पीछे के कारणों का विश्लेषण करेगा और इस जीत से जीतने वाली पार्टी और अन्य पार्टियों के भविष्य के परिणामों पर विचार करेगा।
For Example
The elections to the Lok Sabha took place. In interpretative
reporting, the reporter would give the reader the breakup of the results and
would provide facts the composition of the House have been made.
The elections of the five states assembly were held. The interpretative reporter would not only convey the news of the victory of a party in three states, but analyses the reasons behind it and reflect on the consequences of his victory for the future of the winning party and other parties.
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- लव कुमार सिंह
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