शादी कर लो साधो !
हे साधो...
केवल शादी न करने से ही कोई संत नहीं बन जाता
संत बनने के लिये सत्कर्म से चाहिये नाता
एक गृहस्थ भी सत्कर्म कर संत हो सकता है
और एक साधू, संन्यासी होकर भी संत नहीं हो जाता
यदि वह संपत्ति का सौदाई होगा
हिंसा का हिमायती होगा
वासना का पुजारी होगा।
....................
इसलिये मन भटकने से पहले ही
शादी कर लो साधो, बहुत लाभ में रहोगे
शादी कर लो साधो, मगन ध्यान में रहोगे
क्योंकि तब न मन मचलेगा
न कोई फोटो, वीडियो बनेगी
न बदनामी का डर होगा
न जिंदगी का यूं साथ छूटेगा
न कारावास में वास होगा
समाज की सेवा करोगे
समाज को दिशा दोगे
संत, सुधारक सभी रहोगे।
......................
जरा पीछे देखो साधो
सभी महान मुनि पत्नी संग वन में रहते थे
पिता भी बनते थे, तपस्या भी करते थे
वे धर्मात्मा भी थे और शक्तिमान भी।
अत्रि मुनि-अनसुइया देखो
वशिष्ठ संग अरुंधति देखो
दधीचि संग गभस्तिनी
भृगु-पौलमी का साथ देखो
भारद्वाज की गृहस्थी देखो
कर्दम का भरा-पूरा परिवार देखो
अगस्त्य संग थी लोपामुद्रा
गौतम और अहिल्या देखो
रेणुका थीं जमदग्नि के संग
कश्यप संग दिति, अदिति देखो।
और आम जनों तुमसे विनती है
अपने मन मस्तिष्क को ललकारो
जो हैं संपत्ति के सौदाई, उन्हें संत ना पुकारो
जो भगवा संग अय्याशी करें, तुम उन्हें मत दुलारो
इससे धर्म का नुकसान है, बहुत ही नुकसान है
मेरा नुकसान है, तुम्हारा नुकसान है
हम सबका नुकसान है।
- लव कुमार सिंह
No comments:
Post a Comment