Narrative writing (कथा या कथात्मक लेखन)
कथा या कथात्मक लेखन क्या है?
What
is Narrative Writing ?
नैरेटिव का अर्थ कथा है, जो वास्तविक या एक काल्पनिक घटना हो सकती है।
कथा लेखन किसी कहानी या वास्तविक घटना का वर्णन करने के बारे में है।
Narrative
means story, which can be a real or an imaginary event. Narrative writing is
all about narrating a story or describing a real incident.
कथात्मक या वर्णनात्मक लेखन, लेखन का वह प्रकार है जिसमें कोई कहानी
कही जाती है। इस प्रकार के लेखन में, एक लेखक कोई कहानी कहता है या फिर अपना अनुभव
दूसरों के साथ साझा करता है।
Narrative or descriptive writing is the type of writing in which a
story is said. In this type of writing, a writer tells a story or shares his
experience with others.
सामान्यतः इस प्रकार के लेखन को एक क्रमबद्ध तरीके से प्रस्तुत किया
जाता है ताकि पाठक की रुचि बनी रहे। इस लेखन का उद्देश्य पाठक को कहानी में शामिल
करना होता है, जिससे पाठक बताई गई स्थिति की कल्पना कर सकता है।
Usually this type of writing is presented in a sequential manner
so that the reader's interest remains. The purpose of this writing is to
include the reader in the story, so that the reader can imagine the situation
described.
कथात्मक लेखन में लेखक कहानी को संवेदनात्मक ब्योरों के साथ प्रस्तुत
करता है और सुस्पष्ट विवरण देता है ताकि पाठक का ध्यान आकर्षित कर सके।
In the narrative writing, the author presents the story with
emotional particulars and gives clear details so that the reader's attention
can be drawn.
कथात्मक
लेखन में, लेखक शब्दों के साथ एक तस्वीर पेंट करता
है। इसमें व्यक्तियों, भावनाओं, जगह,
अनुभव, वस्तुओं, स्थितियों,
यादों का वर्णन किया जाता है। यहाँ सिर्फ दिए हुए विषय का वर्णन
नहीं कि जाता बल्कि शब्दों के माध्यम से पाठक के दिल तक पहुँचने की कोशिश की जाती
है।
In the narrative writing, the author paints a picture with the
words. It describes individuals, emotions, places, experiences, objects,
situations, memories. Here is not just a description of the given subject, but
it is tried through the words to reach the heart of the reader.
कथा लेखन के दो रूप होते हैं- एक काल्पनिक कहानी (फिक्शन) और दूसरी वास्तविक (नॉन फिक्शन) कहानी।
There are two forms of story writing- One is fiction story and second
is real or non-fiction story.
पहले प्रकार यानी काल्पनिक कहानी में लेखक किसी काल्पनिक
कहानी या घटना का वर्णन करता है जो वास्तविक नहीं होती। इस रूप के उदाहरण, कहानी,
उपन्यास, नाटक आदि हैं।
In the first type of fictional story, the author describes a
fictional story or event that is not real. Examples of this form are story,
novel, drama etc.
दूसरे प्रकार के कथात्मक लेखन में लेखक वास्तविक
कहानी प्रस्तुत करता है जो वास्तविक तथ्यों पर आधारित होती है। जीवनी, आत्मकथा आदि इसके अंतर्गत आती हैं।
In other types of narrative writing, the author presents the real story based on the real facts. Biography, autobiography etc come under it.
कथात्मक लेखन के रूप
(Forms/Types of narrative writing)
कथा लेखन के मुख्यतः निम्नलिखित रूप/प्रकार देखने को मिलते
हैं-
Mainly the following forms / types of fiction writing are
seen-
लोक कथा (Folktale) :
लोक कथा ऐसी कहानी है जिसे मौखिक रूप से दूसरों
को सुनाया जाता है। यह जीवन या प्रकृति में होने वाली चीज़ों के बारे में कुछ सत्य
बयान करती है।
A folk
tale is a story that is orally narrated to others. It reveals certain truth
about life or something that happens in nature.
महाकाव्य (Epic):
महाकाव्य एक लंबी कविता है जो नायक या नायिका के
वीर कृत्यों का वर्णन करती है।
Epic is
a long poem that describes the heroic acts of hero or heroines.
दंत कथा (Fable):
यह ऐसी कहानी है, जो
मनुष्य की तरह व्यवहार करने वाले जानवरों के पात्रों की सहायता से सबक देती है।
Fable
is a story, which gives a lesson with the help of animal characters that act
like people.
कैद की कथा (Captivity
Narrative) :
ऐसी कथा लोगों और उनकी पीड़ा, उनके पकड़े जाने, भागने और बचाव के बारे में होती है। यह मानव
भावनाओं की व्याख्या करती है।
Captivity
narrative is kind of story about the people and their suffering, capture,
escape and rescue. It explains human emotions.
कल्पना (Fantasy) :
यह पूरी तरह काल्पनिक पात्रों और कल्पनाशील घटना
को प्रस्तुत करती है।
It is a
story about imaginary characters and imaginative event.
लघु कहानी (Short
Story) :
इस प्रकार की कहानी मुख्य रूप से एक चरित्र और
एक घटना पर ध्यान देती है।
This
type of story primarily pays attention on one character and one event.
नाटक (Play):
इसकी प्रस्तुति मंच पर होती है, जिसमें पात्र
संवाद के माध्यम से संचार करते हैं।
A play
is generally performed on stage where the characters communicate through
dialogue.
वास्तविक कहानी (Realistic
Fiction):
इस प्रकार की कहानी वास्तविक घटना पर आधारित
होती है।
This
type of story contains characters and settings that are based on a real life
event or incident.
ऐतिहासिक कथा (Historical
Fiction):
इस प्रकार की कहानी अतीत में हुई ऐतिहासिक
घटनाओं का वर्णन करती है।
This
type of story describes the historical events that have happened in the
past.
जीवनी (Biography) :
जीवनी किसी प्रसिद्ध व्यक्ति की दिलचस्प और आकर्षक
कहानी होती है।
A
biography is interesting and fascinating stories of famous people.
आत्मकथा (Autobiography):
यह लेखक के अपने जीवन का विस्तृत विवरण होता है।
It is a
detailed description of a writer’s own life.
उपन्यास (Novel):
एक उपन्यास क्रमवार तरीके से काल्पनिक घटनाओं और
पात्रों का वर्णन करता है।
A novel
explains fictional events and characters in a sequential manner.
मिथक (Myth):
ऐसी कहानी प्रकृति के चमत्कार और जीवन के
रहस्यों को बताती है।
This
type of story explains the wonders of nature and the mysteries of life.
प्रश्न- कहानी
क्या है? इसके प्रमुख तत्वों (गुण या विशेषताएं) का वर्णन करिए।
Question:
What is the story? Describe its key elements.
उत्तर- समय-समय पर
कहानी की कई परिभाषाएं दी गई हैं-
अमेरिका के कवि-आलोचक-कथाकार 'एडगर एलिन पो' के अनुसार-
- कहानी वह छोटी आख्यानात्मक रचना है
- जिसे एक बैठक में पढ़ा जा सके,
- जो पाठक पर एक समन्वित प्रभाव उत्पन्न करने के लिये लिखी गई हो,
- जिसमें उस प्रभाव को उत्पन्न करने में सहायक तत्वों के अतिरिक्त और कुछ न हो
- जो अपने आप में पूर्ण हो।
From time to time, many
definitions of the story have been given. According to American
poet-critic-story writer Edgar Elin Po-
- The story is that short narrative composition
- which can be read in one sitting,
- which is written to generate a coordinated effect on the reader,
- in which there is nothing more than supporting elements to generate that effect
- which is complete in itself.
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हिंदी कहानी को सर्वश्रेष्ठ रूप देने वाले
'प्रेमचन्द' ने कहा है कि
- ‘कहानी (गल्प) एक रचना है जिसमें जीवन के किसी एक अंग या किसी एक मनोभाव को प्रदर्शित करना ही लेखक का उद्देश्य रहता है।
- उसके चरित्र, उसकी शैली, उसका कथा-विन्यास, सब उसी एक भाव को पुष्ट करते हैं।
- उपन्यास की भाँति उसमें मानव-जीवन का संपूर्ण तथा विशाल रूप दिखाने का प्रयास नहीं किया जाता।
- वह ऐसा सुंदर बगीचा नहीं जिसमें भाँति-भाँति के फूल सजे हुए हैं, बल्कि एक गमला है जिसमें एक ही पौधे की सुंदरता अपने उन्नत रूप में दिखाई देता है।’
'Premchand', who bestowed the
best form of Hindi story, has said that
- 'The story (fiction) is a composition in which the object of the author is to display any part of life or any one mood.
- Its character, style and story-setting, all reinforce the same emotion.
- Like the novel, there is no attempt to show the complete and vast form of human life.
- Story is not such a beautiful garden that is decorated with different types of flowers, but a flowerpot in which the beauty of the one plant is seen in its advanced form.
(Main elements of story)
रोचकता, प्रभाव और कहानीकार व पाठक के बीच तारतम्य
बनाये रखने के लिये सभी प्रकार की कहानियों में निम्नलिखित तत्व महत्वपूर्ण माने
गए हैं-
The
following elements have been considered important in all kinds of stories to
keep the readability, effectiveness and interaction between the story writer
and the reader-
कथानक (प्लॉट)- Plot
कहानी के ढांचे को कथानक कहा जाता है। कथानक वह तत्व है
जिसके चारों ओर कथा की सभी घटनाएँ बुनी जाती हैं और विकसित होती हैं।
The framework or setup of a story is called the plot. The plot is the element around which all events of the
story are weaved and developed.
‘नायक को नायिका से प्रेम हुआ और अंत में नायक ने नायिका का
वरण कर लिया।' यह कथा है।
'Hero
loved the heroine and in the end, the hero married the heroine.' This is the
story.
‘नायक ने नायिका को देखा। वह उस पर मुग्ध हो
गया। नायिका को पाने के लिए उसने अनेक बाधाओं को अपने शौर्य और लगन से पार किया। अंत
में उसने नायिका से विवाह कर लिया।' यह कथानक है।
'The hero saw the heroine. He became
enchanted at him.To get the heroine he crossed many obstacles
with his bravery and perseverance. In the end, he got married to the heroine.'
This is the plot.
कथा को सुनते या पढ़ते समय पाठक के मन में आगे आनेवाली
घटनाओं को जानने की जिज्ञासा रहती है। वह बार-बार यही पूछता या सोचता है कि फिर
क्या हुआ। जबकि कथानक में यह प्रश्न भी उठता है कि ‘ऐसा क्यों हुआ?' ‘यह कैसे हुआ?' आदि।
When listening or reading the story, there is a curiosity to know about
future events in the reader's mind. He repeatedly asks or thinks what happened
then. Whereas in the plot, the question also arises, 'Why did this happen?' 'How
did this happen?' e.t.c.
वैसे तो कथानक की
पांच अवस्थाएं होती हैं- आरंभ, विकास, कौतुहल, चरमसीमा और अंत। लेकिन प्रत्येक
कहानी में पांचों अवस्थाएं नहीं होती हैं। अधिकांश कहानियों में कथानक संघर्ष की
स्थिति को पार करता है, विकास को प्राप्त कर, कौतूहल को जगाता हुआ, चरमसीमा पर
पहुंचता है। और उसी के साथ कहानी का अंत हो जाता है।
There
are five states of the plot: the beginning, the development, the curiosity, the
extreme and the end. But there are no five states in each story. In most of the
stories, the plot crosses the state of conflicts, achieving development,
raising curiosity and reaching extremes. And with that the story ends.
पात्रों का चरित्र
चित्रण (कैरेक्टराइजेशन)-Characterization
कहानी का संचालन उसके पात्रों द्वारा होता है।
पात्रों के गुण-दोष को उनका 'चरित्र चित्रण' कहा जाता है। चरित्र चित्रण से
चरित्रों में स्वाभाविकता उत्पन्न की जाती है।
The story
is operated by its characters. Quality and fault of the characters is called characterization. Through characterization, naturalism is created in different characters.
चरित्रों का आकलन
दो प्रकार से किया जाता है। एक प्रकार प्रत्यक्ष या वर्णात्मक शैली का है जिसमें
लेखक स्वयं पात्र के चरित्र पर प्रकाश डालता है। दूसरा प्रकार परोक्ष या नाट्य
शैली का है जिसमें पात्र स्वयं अपने वार्तालाप और क्रियाकलापों से अपने गुण-दोषों
का प्रदर्शन करता है। विश्वनीयता और स्वभाविकता के लिए दूसरा तरीका ज्यादा सही
रहता है।
Characters are assessed in two ways. One type is a direct or descriptive style in which the author himself highlights the character of a person. The second type is indirect or dramatic, in which the character himself exhibits his qualities and faults with his conversations and activities. The second method is more accurate for reliability and naturalness.
संघर्ष
(कॉन्फ्लिक्ट)-Conflict/struggle
ऐसी कहानी की
कल्पना करें जहां कोई समस्या नहीं न हो। पात्र बिना किसी परेशानी के खुशहाल जीवन
जीते हैं। क्या वह कहानी आपको रुचिकर लगेगी? ऩहीं। कहानियों में रुचि बनाने के लिए संघर्ष
बहुत महत्वपूर्ण है।
Imagine a story where there is no problem. The
characters live happy life without any problems. Will that story look
interesting to you? No.The struggle to make interest in stories is very
important.
कहानी के सबसे
महत्वपूर्ण तत्व में से एक संघर्ष है। आम तौर पर, मुख्य संघर्ष नायक और प्रतिद्वंद्वी के बीच
होता है, लेकिन यह हमेशा
नहीं होता। संघर्ष समाज के भीतर, एक चरित्र के भीतर,
या प्रकृति के कृत्यों के साथ भी हो सकता है।
One
of the most important elements of the story is the struggle. Generally, the
main conflict occurs between the protagonist and the antagonist, but it is not
always there. Conflicts can happen within the society, within a character, or
with the acts of nature.
दो बुनियादी
प्रकार के संघर्ष हैं: आंतरिक और बाहरी। आंतरिक संघर्ष चरित्र के भीतर होते हैं।
बाहरी संघर्ष चरित्र के बाहर होते हैं। बाहरी संघर्ष पात्र और समाज के बीच,
पात्रों और प्राकृतिक घटनाओं के बीच या दो
पात्रों के बीच में हो सकते हैं।
There
are two basic types of conflict: internal and external. Internal conflicts occur
within the character. External conflicts occur outside the character. External
conflict can occur between characters and society, between characters and
natural phenomena or between two characters.
देशकाल या वातावरण
(एंबीएंस या एनवायरमेंट)- Ambiance
कहानी में
वास्तविकता का पुट देने के लिये देशकाल अथवा वातावरण का प्रयोग किया जाता है।
Ambiance
or environment is used to bring the reality into the story.
कहानी में भौतिक
वातावरण के लिए विशेष स्थान नहीं होता, फिर भी इनका संक्षिप्त वर्णन पात्र के जीवन
और उसकी मानसिक स्थिति को समझने में सहायक होता है। मानसिक वातावरण कहानी का परम
आवश्यक तत्व है।
The
story does not have a special place for the physical ambiance or environment, yet their short description is
helpful in understanding the character's life and its mental state. Mental
environment is the most essential element of the story.
ऐतिहासिक कहानी
में भौतिक वातावरण का विशेष महत्व है। भौतिक वातावरण
द्वारा ही लेखक पाठक को उस युग में ले जाता है
और उस युग की झांकी पेश करता है।
Physical environment has a special significance in the historical story. Through the physical environment, the writer takes the reader into that era and presents the tableau of that era.
संवाद या कथोपकथन
(डायलॉग)- Dialogues
संवाद कहानी
का प्रमुख अंग होते हैं। इनके द्वारा पात्रों की मानसिक स्थिति और अन्य मनोभावों
को प्रकट किया जाता है।
Dialogues are
the main part of the story. By these the mental status of the characters and
other feelings are revealed.
संवादों से
आरंभ होने वाली कहानी वास्तव में प्रभावी होती है। संवादों को देशकाल, पात्र और परिस्थितियों के अनुरूप होना चाहिए। संवाद संक्षिप्त, रोचक, तर्कयुक्त और प्रवाहमय होने चाहिए।
संवादों का कार्य कथा को आगे बढ़ाना, पात्रों के चरित्र पर प्रकाश डालना और
विचार विशेष का प्रतिपादन करना होता है।
The story begins with the dialogue is really effective. Dialogues should be in line with ambiance, characters and circumstances. The dialogue should be brief, interesting, logical and lubricious. The task of dialogue is to advance the story, to highlight the qualities of the character and to rendering a particular idea.
भाषा शैली
(स्टाइल)- Language
कहानी के प्रस्तुतीकरण के ढंग में कलात्मकता
लाने के लिए उसको अलग-अलग भाषा व शैली से सजाया जाता है। प्रभावशाली कहानी के लिए
थोड़े में बहुत कुछ कहने की कला में निपुण होना जरूरी है। लेखक का भाषा पर पूर्ण
अधिकार होना चाहिए।
To bring
artistry in the manner of presentation of the story, it is decorated with
different language and style. For an impressive story, it is important to be
able to say a lot in a few words. The writer should have full authority over
the language.
कहानी की
भाषा सरल, स्पष्ट और विषय के अनुरूप होनी चाहिए। वह कठिन नहीं होनी चाहिए। विषय के
अनुरूप कहानी की शैली आत्मकथात्मक, रक्षात्मक, डायरी, नाटकीय शैली हो सकती है।
The language of the story should be simple, clear and consistent with the subject. It should not be difficult. The style of the story according to the subject can be autobiographical, defensive, diary, dramatic style.
उद्देश्य
(ऑब्जेक्टिव, पर्पज)- Objective
कहानी में
केवल मनोरंजन ही नहीं होता, बल्कि उसका एक निश्चित उद्देश्य भी होता है।
The story
itself has not only entertainment, but also has a definite aim/object.
प्राचीन कहानी का
उद्देश्य मनोरंजन और उपदेशात्मक था, लेकिन आज कहानी के उद्देश्य हैं- विविध
सामाजिक परिस्थियों या जीवन के प्रति विशेष दृष्टिकोण प्रस्तुत करना, किसी समस्या
का समाधान देना या जीवन मूल्यों का उद्घाटन करना।
The
purpose of the ancient story was entertaining and instructive, but today the
objectives of the story are to present a special approach to various social
situations or life, to solve a problem or to disclose the values of life.
- लव कुमार सिंह
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