Tuesday 7 September 2021

कौन हैं दुनिया की शीर्ष गुप्तचर एजेंसियां?

कौन हैं दुनिया की शीर्ष गुप्तचर एजेंसियां?


Who are the world's top intelligence agencies?



अफगानिस्तान में पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई यानी इंटर सर्विसेज इंटेलीजेंस (ISI) की कारस्तानियों के बारे में पढ़ते हुए यह जानकर आश्चर्य हुआ कि पाकिस्तान ने निर्माण के अगले साल ही जासूसी करना शुरू कर दिया था। इसके उलट भारत के नेतृत्व को इसकी जरूरत आजादी के करीब 20 साल बाद महसूस हुई।

जी हां पाकिस्तान ने आईएसआई का गठन 1948 में ही कर दिया था। इसका मुख्यालय इस्लामाबाद के शहराह ए सोहरावर्दी में है। खास बात यह है कि यह आतंकवाद को बढ़ावा देने का काम करती है और इसे दुनिया की ताकतवर खुफिया एजेंसियों में शामिल किया जाता है। आखिर जब दुनिया की शीर्ष खुफिया एजेंसियों की बात होती है तो उसमें ताकतवर देशों के नाम ही जुबान पर आते हैं जैसे कि अमेरिका, रूस, चीन, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी आदि। भारत की बात हम इसलिये करते हैं क्योंकि हम भारतवासी हैं और विश्व राजनीति में भारत का भी एक महत्वपूर्ण स्थान है। लेकिन पाकिस्तान कोई ताकतवर देश नहीं है। उसकी आर्थिक स्थिति खस्ता है, लेकिन इसके बावजूद उसकी खुफिया एजेंसी विश्व की टॉप 10 खुफिया एजेंसियों में शामिल की जाती है तो यह हैरान तो करती ही है, पाकिस्तान का फोकस कहां है, यह भी जाहिर करती है। अमेरिकी मीडिया क्राइम न्यूज ने एक समय पर आईएसआई को दुनिया की बेहतरीन और बेहद ताकतवर खुफिया एजेंसी माना था। लेकिन आईएसआई की प्रसिद्धि कुछ इस प्रकार की लगती है जैसे कहा जाता है कि बदनाम तो होंगे, लेकिन नाम तो होगा।

भारत

भारत ने आजादी के करीब 20 साल बाद 1968 में अपनी गुप्तचर इकाई रिसर्च एंड एनालिसिस विंग यानी ‘रॉ’ (RAW) की स्थापना की। इसका मुख्यालय नई दिल्ली में है। भारत ने इतनी देर से यह गुप्तचर एजेंसी क्यों बनाई, इसका कारण स्पष्ट नहीं है। बहरहाल, रॉ का काम आतंकियों, अपराधियों और विदेशी मामलों के बारे में पूरी जानकारी रखना है। हमारी यह एजेंसी बहुत ही काबिल एजेंसी है और देश की दूसरी खुफिया एजेंसी इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) के साथ मिलकर देश में कई बड़े आतंकी हमलों को विफल किया है। पिछले कुछ वर्षों के दौरान तो कश्मीर के बाहर आतंकी वारदातें करने वाले देश के दुश्मन इन एजेंसियों की सतर्कता के कारण पूरी तरह विफल रहे हैं।

अमेरिका

अमेरिका की खुफिया एजेंसी सीआईए (CIA) सेंट्रल इंटेलिजेंस एजेंसी) 1947 में बनी थी। इसका मुख्यालय वर्जीनिया में है और यह चार भागों में बांटी गई है। सीआईए की पूरी दुनिया में बहुत प्रतिष्ठा है। इसे दुनिया की सबसे ज्यादा बजट वाली खुफिया एजेंसी माना जाता है।

रूस

रूस की खुफिया एजेंसी का नाम फेडरल सिक्योरिटी ब्यूरो (FSB एफएसबी) है। यह 1995 में बनी थी और इसका मुख्यालय मास्को में है। यह भी एक ताकतवर खुफिया एजेंसी है। लेकिन रूस की एक एजेंसी और है जो दुनिया में पाकिस्तान की आईएसआई की तरह बदनाम है। इसका नाम है- ‘जीआरयू यूनिट 29155’। यह रूस की मिलिट्री इंटेलिजेंस की इकाई है। ऐसा माना जाता है, खासकर यूरोपीय देशों की खुफिया एजेंसियों का मानना है कि ‘जीआरयू यूनिनट 29155’ का इस्तेमाल कहीं भी तबाही मचाने, कुछ बर्बाद करने या फिर किसी की हत्या करने के लिये किया जाता है। उल्लेखनीय है कि जब रूस सोवियत संघ के रूप में था तो उसकी खुफिया एजेंसी केजीबी (KGB) हुआ करती थी जिसका दुनिया में सीआईए की तरह ही नाम था।

इजराइल

इजराइल की खुफिया एजेंसी मोसाद (Mossad) को दुनिया की सबसे खतरनाक और तेज तर्रार एजेंसी माना जाता है। इसके लिये कहा जाता है कि यह अपने दुश्मन के खात्मे के लिये किसी भी हद को पार कर सकती है। अपने दुश्मन से बदला लेने की मोसाद की कई हैरतअंगेज कहानियां दुनिया भर में चर्चा का विषय रही हैं। यह 1949 में बनी थी और इसका मुख्यालय तेल अवीव शहर में है।

चीन

चीनी की खुफिया एजेंसी का नाम एमएसएस (MSS) यानी मिनिस्ट्री ऑफ स्टेट सेफ्टी है। इसका गठन 1983 में हुआ था। यह काउंटर इंटेलिजेंस ऑपरेशंस और विदेशी खुफिया ऑपरेशंस चलाती है। यह बेहद गुपचुप तरीके से अपना काम करती है। सही भी है। खुफिया एजेंसी को अपने बारे में दुनिया में हल्ला क्यों मचाना चाहिये? क्या पाकिस्तान की आईएसआई की तरह बदनाम होने के लिये?

ब्रिटेन

ब्रिटेन या यूनाइटेड किंगडम की खुफिया एजेंसी का नाम मिलिट्री इंटेलिजेंस सेक्शन-6 है। इसे संक्षिप्त रूप में एमआई6 (MI6) कहते हैं। यह बहुत पुरानी एजेंसी है और 1909 में ही बन गई थी। यह देश की संस्थाओं पर भी नजर रखती है। साथ ही डिफेंस, ज्वाइंट इंटेलिजेंस और सरकार को जानकारियां देने का काम भी करती है।

जर्मनी

1956 बनाई गई जर्मनी की खुफिया एजेंसी का नाम बीएनडी (BND) यानी Bundes Nachrichten Dienst है। इसका मुख्यालय म्यूनिख के पास पुलाच नामक स्थान पर है। इस एजेंसी को आधुनिक तकनीकों के इस्तेमाल के मामले में सबसे आगे माना जाता है।

फ्रांस

फ्रांस की खुफिया एजेंसी का नाम डीजीएसई (DGSE) यानी डायरेक्ट्रेट जनरल फॉर एक्सटर्नल सिक्योरिटी है। यह पेरिस में 1982 में बनी थी। यह अपनी सरकार के लिये विदेशों से गुप्त सूचनाएं जमा करती है।

आस्ट्रेलिया

आस्ट्रेलिया की खुफिया एजेंसी का नाम एएसआईएस (ASIS) यानी आस्ट्रेलियन सीक्रेट इंटेलिजेंस सर्विस है। यह 1952 में बनी थी। मुख्यालय केनबरा में है। यह भी दुनियाभर में प्रतिष्ठत खुफिया एजेंसी है।

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अफगानिस्तान को लेकर खुफिया एजेंसियों में हलचल तेज


पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के मुखिया फैज हमीद का अफगानिस्तान का दौरान जहां चर्चा का विषय बना हुआ है, वहीं रूस के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार, अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए के चीफ और ब्रिटिश खुफिया एजेंसी एमआई-6 के मुखिया के भारत दौरे से खुफिया जगत में भारी हलचल के संकेत हैं।

उल्लेखनीय है कि रूस के एनएसए निकोले पेत्रुशेव इस हफ्ते (सितंबर 2021 के पहले हफ्ते में) दो दिन के भारत दौरे पर हैं। उन्होंने भारत के एनएसए अजीत डोभाल से चर्चा की है। इससे पहले अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए के चीफ बिल बर्न्स भारत आकर डोभाल से बातचीत कर चुके हैं। इन दो यात्राओं से पहले ब्रिटेन की खुफिया एजेंसी एमआई-6 के मुखिया रिचर्ड मूर भारत आए थे।

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- लव कुमार सिंह

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