Monday 3 February 2020

सौ वर्ष जीने के लिए क्या करना होगा?

What to do for a hundred years of life?


  • कैसे कोई व्यक्ति सौ साल जी लेता है?
  • How does a person live a hundred years?



पिछले दिनों तेरहवीं के एक कार्यक्रम में जाना हुआ। जिनकी मृत्यु पर यह आयोजन था, वह वृद्धा थीं और उनकी उम्र 105 वर्ष बताई गई। इस कार्यक्रम से लौटने के बाद मन में यह सवाल उठा कि आखिर कोई व्यक्ति कैसे 100  या इससे ज्यादा वर्ष जी जाता है, जबकि कोई 60-70 तक आते-आते ही दुनिया छोड़ जाता है। कुछ लोगों का कहना है कि यह सब किस्मत का खेल है और जिसके भाग्य में जितना जीना लिखा है, वह उतना ही जीता है। जितना जिसके भाग्य में लिखा है, वह उससे एक पल भी ज्यादा नहीं जी सकता। यह भी कहा जाता है कि व्यक्ति की आयु उसकी हाथ की रेखाओं में दर्ज होती है।


लेकिन कुछ बातें किस्मत या भाग्य की इस अवधारणा पर प्रश्नचिह्न लगाती हैं। जैसे कि योग गुरु बाबा रामदेव कहते हैं कि मनुष्य का शरीर 100 वर्ष तक जीने के लिए बना है। कुछ अन्य ज्ञानी कहते हैं कि यह 120 वर्ष तक जीने के लिए बना है। इसका अर्थ यह है कि मनुष्य यदि जीवन में कुछ अनुशासन अपनाए और खानपान का ध्यान रखे तो वह 100 वर्ष तक जी सकता है।

उम्र को लेकर जब भाग्य की बात उठती है तो एक प्रश्न दिमाग में आता है। प्रश्न यह है कि यदि हर व्यक्ति की उम्र ऊपर से तय होकर आती है तो स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार होने पर किसी देश में जीवन प्रत्याशा कैसे बढ़ जाती है? जीवन प्रत्याशा बढ़ने पर निश्चित ही अनेक लोग ज्यादा जीते हैं, जबकि भाग्य वाली अवधारणा के अनुसार तो उनकी उम्र पहले से ही ऊपर से लिखी आती है। ऐसे में वे ज्यादा कैसे जी जाते हैं?

एक प्रश्न और मन में उठता है। वह यह कि मान लिया कि पुराने समय में किसी बच्चे या बच्चों का जन्म हुआ। तब तक दुनिया में सड़कें और मोटर वाहन नहीं आए थे। भाग्य की अवधारणा के अनुसार उस बच्चे या बच्चों के बारे में विधाता ने पहले से तय कर दिया होगा कि वे फलां आयु तक जिएंगे और इनकी मृत्यु फलां तरीके से होगी। मरने का यह तरीका कुछ भी रहा होगा, लेकिन रोड एक्सीडेंट तो नहीं रहा होगा क्योंकि उस समय तक यातायात के आधुनिक साधन विकसित नहीं हुए थे। इसके बाद ये सारे बच्चे जब तक जवान या वृद्ध हुए तब तक दुनिया में मोटर वाहन आ गए। अब इन्हीं बच्चों में से कुछ बड़े होकर सड़क हादसों में भी मरे होंगे, जबकि जब उनका जन्म हुआ तो सड़क हादसे होते ही नहीं थे, इसलिए उनके मरने का तरीका विधाता ने 'सड़क हादसे' लिखा ही नहीं था। ऐसे में प्रश्न उठता है कि ऐसे बच्चे सड़क हादसे में कैसे मर गए? क्या विधाता के यहां रजिस्टर में इनके मरने का तरीका बदला गया होगा? इसके जवाब में आप यह कह सकते हैं कि भगवान को पहले से ही पता था कि आगे दुनिया में मोटर वाहन आएंगे, इसलिए उसने पहले से ही मरने के कारणों में सड़क हादसों को शामिल कर लिया होगा।

वैसे देखा गया है कि दुनियाभर में ज्यादा उम्र तक जीने वाले व्यक्तियों में महिलाओं छाई हुई हैं। यह भी देखा गया है कि मध्यम और ठिगने कद के व्यक्ति ज्यादा उम्र तक जीते हैं। अब इसके पीछे क्या राज है यह तो वैज्ञानिक ही बता सकते हैं।

वैसे वैज्ञानिकों ने स्वस्थ और लंबी जिंदगी के लिए सात शर्तें या उपाय बताए हैं। ये बहुत ही संक्षिप्त और सरल सूत्र हैं, लेकिन वास्तविकता यह है कि हम इन सात सूत्रों का पालन भी नहीं कर पाते हैं। दुनियाभर में हुए शोधों का निचोड़ देखें तो वह व्यक्ति स्वस्थ और लंबी जिंदगी जी सकता है जिसने निम्नलिखित सात सूत्रों का लाभ प्राप्त किया हो। ये सात सूत्र हैं-
  • उस व्यक्ति ने बचपन में छह माह तक अपनी मां का दूध पिया हो।
  • वह व्यक्ति रोजाना पर्याप्त मात्रा में फल व सब्जियों का सेवन करता हो।
  • व्यक्ति रोज आधा घंटा व्यायाम करता हो।
  • व्यक्ति ने अपना वजन नियंत्रित कर रखा हो।
  • व्यक्ति रोजाना कम से कम आठ घंटे की नींद एक साथ लेता हो।
  • व्यक्ति ज्यादा फैट और ज्यादा शुगर वाला भोजन काफी कम मात्रा में लेता हो।
  • व्यक्ति अल्कोहल और धूम्रपान का सेवन न करता हो।

- लव कुमार सिंह

#longLive #शतायु #lifestyle #lifeisgood #lifeisbeautiful #सौ_वर्ष_तक_कैसे_जीएं #Mostliveperson


No comments:

Post a Comment