Wednesday, 5 February 2020

होम्योपैथी और आयुर्वेद के वे नुस्खे जो कोरोना वायरस को शरीर से दूर रखने का दावा करते हैं

Homeopathy and Ayurveda remedies that claim to keep the corona virus away from the body



जब से कोरोना वायरस की प्रकोप फैला है, तब से इसके इलाज के संबंध में अनेक चर्चाएं चल रही हैं। एलोपैथी में इसके लिए लिए फिलहाल कोई दवा न होने की बात सामने आई है। लेकिन होम्योपैथी (#Homeopathy) और आयुर्वेद (#ayurveda) में प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए कई बहुत अच्छे नुस्खे हैं, जो कोरोना वायरस को शरीर से दूर रखने काम कर सकते हैं। साथ ही शरीर को कोरोना वायरस से लड़ने में सक्षम भी बनाते हैं। आइए देखते हैं कि होम्योपैथी और आयुर्वेद में किन दवाइयों द्वारा कोरोना वायरस के इलाज की बात कही जा रही है।

यूपेटोरियम-पर्फ 30  eupatorium perf 30


मेरठ के वरिष्ठ होम्योपैथिक चिकित्सक डॉ. ईश्वर सिंह  होम्योपैथी की इस दवा की तीन बूंदें एक चम्मच पानी में डालकर दिन में तीन बार पीने की सलाह देते हैं। दिन में तीन बार के हिसाब से इसे एक हफ्ते तक लेना चाहिए। एक महीने के बाद फिर इसी प्रकार से एक हप्ते तक दिन में तीन बार इस दवा को लें। डॉ. ईश्वर सिंह का दावा है कि ये दवा न केवल प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाएगी बल्कि कोरोना समेत किसी भी प्रकार के वायरल इन्फेक्शन को शरीर से दूर रखेगी।


आर्सेनिक अल्बम-200 और एनफ्लूएजीनम-200
(arsenic album-200, influenzinum 200)


होम्योपैथी की ये दवाएं स्वाइन फ्लू  में काम आती हैं। 
पहले तीन दिन तक रोज़ एक बार 'एनफ्लूएजीनम-200' की दो-तीन बूंदे जीभ पर टपकाने की सलाह चिकित्सक देते हैं। अगर दवा गोलियों में हो तो चार-पाँच गोलियाँ जीभ पर रखकर चूस लेने की सलाद दी जाती है। 
'आर्सेनिक अल्बम-200' को तीन दिन तक पांच-पांच बूंद सुबह-दोपहर-शाम लेने की सलाह दी जाती है। एक हफ्ते बाद यही क्रम फिर से दोहराना चाहिए।
यदि 'आर्सेनिक अल्बम-35' मिल जाती है तो उसकी केवल पांच बूंद,  तीन दिन तक सुबह के समय खाली पेट लेनी होती हैं। 

आयुर्वेदिक उपचार


  • आयुर्वेदिक चिकित्सक एक पाउडर बनाने की सलाह देते हैं। यह पाउडर तुलसी, अश्वगंधा, आमलकी, गिलोय, लहसुन, यष्टिमधु, ग्रीन टी, सहजन को समान मात्रा में मिलाकर बनाना चाहिए। इसके बाद पांच ग्राम पाउडर दिन में दो बार लेने की सलाह दी जाती है।
  • लहसुन की दस कलियां लेकर एक लीटर पानी में तब तक उबालना चाहिए जब तक कि पानी आधा लीटर न रह जाए। इसके बाद इस पानी को छानकर धीरे-धीरे पीना चाहिए।
  • पांच ग्राम गिलोय प्रतिदिन लेने से भी किसी भी तरह का वायरस संक्रमण शरीर के पास नहीं फटकता है। बाजार में पतंजलि या डाबर की 'गिलोय घनबटी' नाम से गोलियां भी मिलती हैं। जुकाम-खांसी-बुखार आदि होने पर या प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए सुबह-शाम एक-एक गोली लेने की सलाह दी जाती है।
  • अदरक, काली मिर्च, दालचीनी और लौंग में गुड़ मिलाकर इनकी चाय बनाकर दिन में दो-तीन बार ली जाय तो गले, फेफड़े और श्वसन नली से जुड़ी बीमारियों से बचे रहने में आसानी हो जाती है। इसी चाय में तुलसी और ज्वराङ्कुश के कुछ पत्ते भी मिला लें तो और फायदा होगा। 
  • उल्लेखनीय है कि कोरोना वायरस से लड़ने के लिए अश्वगंधा, यष्टिमधु और गिलोय जैसी दवाओं की उपयोगिता का क्लीनकल ट्रायल भारत सरकार ने भी शुरू किया है।

- लव कुमार सिंह


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