Thursday 20 February 2020

दलितों पर अत्याचार को रोकने के लिए कुछ कर सकते हैं तो कीजिए, लेकिन इस पर किसी पार्टी की चादर मत चढ़ाइए

If you can do something to stop atrocities on Dalits, then do not put a sheet of parties on it



राज्यों में अलग-अलग दलों की सरकार होने से और वहां होने वाली अन्यायपूर्ण घटनाओं पर लोगों की सहूलियत भरी प्रतिक्रियाओं से हमारे ज्ञानचक्षु खुलने में (अब हम इन्हें खोलना ही न चाहें तो अलग बात है) काफी मदद मिलती है। वो इस तरह कि इससे हमें समझ में आ जाता है कि नागौर में दलितों के साथ क्रूरता इसलिए नहीं हुई क्योंकि राजस्थान में कांग्रेस की सरकार है। इसी तरह ऊना कांड या रोहित वेमुला इसलिए नहीं हुआ था क्योंकि वहां भाजपा की सरकार है। महाराष्ट्र में महिला टीचर इसलिए नहीं जिंदा जलाई गई कि वहां शिवसेना, कांग्रेस व एनसीपी की सरकार थी। ये चीजें कहीं भी, किसी भी सरकार के शासन में हो सकती हैं। 

सरकारों की अपनी अच्छाइयां-बुराइयां होती हैं, लेकिन समाज के अंदरूनी तंत्र में होने वाली घटनाएं सामाजिक जागरूकता आए बिना कोई सरकार नहीं रोक सकती। हां, सरकार लीपापोती करे या कार्रवाई न करे तो जरूर उसे कठोरता से घेरना चाहिए। इससे हमें यह भी समझ में आता है कि हम कितनी भी जुबानी जंग या लफ्फाजी कर लें, अपने को कितना भी प्रगतिशील कह लें, लेकिन हमें आदमी बनने के लिए अभी लंबा सफर तय करना है। हमें आदमी बनाने में सरकारें मदद तो कर सकती हैं, लेकिन हमारे स्वयं के प्रयास के बिना यह संभव नहीं होगा। आज हमारे अंदर यह प्रवृत्ति बहुत तेजी से बढ़ रही है कि बस सरकारों और सिस्टम को कोस लो, मगर अपने अंदर बिल्कुल मत झांको। हमें सारे अधिकार चाहिए लेकिन अपने कर्तव्यों का पालन किए बिना।

अब जमाना बदल गया है। जैसे आज असली मर्द वो है जो औरत की इज्जत करता है, उसी तरह यदि आप असली ठाकुर, राजपूत या ब्राह्मण बनना चाहते हैं तो दलितों को इज्जत देना सीखिए। खाली मूंछ, चोटी और जनेऊ पर हाथ फिराने से कुछ नहीं होगा। आज आपकी मूंछों की रौनक घोड़ी पर चढ़े दलित दूल्हे रामचंद्र का साथ देने से ही बढ़ सकती है। दलित के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने से ही बात बन सकती है।

उसी तरह दलित भाइयों को भी सिर्फ दिलीप मंडल या चंद्रशेखर आजाद बनने से काम नहीं चलेगा। कानून और सरकार आपके साथ है तो वैमनस्य बढ़ाने के बजाय कुछ सौहार्द की भी बात कीजिए। कुछ करिए ऐसे आयोजन जिसमें दलित भाई यह शपथ लेते दिखाई दें कि अत्याचार होगा तो सहेंगे नहीं लेकिन किसी को एससी-एसटी कानून में झूठा भी नहीं फंसाएंगे।

- लव कुमार सिंह

(वर्तमान संदर्भ- अहमदाबाद के एक गांव में 23 मई 2021 को एक दलित युवक पर मूंछें रखने के कारण हमला किया गया। इस मामले में पुलिस ने छह लोगों के खिलाफ एससी/एसटी एक्ट में मुकदमा दर्ज किया है। पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार भी किया है।)


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