When the husband returned home, bathed three times… the sinner wants to be clean?
निर्मला की अपने पति से बहुत अच्छी पटती थी। दोनों को एक-दूसरे पर पूरा विश्वास था। शादी को आठ साल हो गए थे। निर्मला पति की हर छोटी-बड़ी बात, आदत से वाकिफ थी। एक बार पति कई दिन के दौरे के बाद घर लौटा तो दिन में तीन बार देर तक नहाया।
गर्मी के दिन थे, इसलिए यह अस्वाभाविक नहीं था, लेकिन हाल ही में पढ़े एक लेख की वजह से निर्मला का माथा ठनक गया। संदेह इसलिए भी हुआ क्योंकि पति रोज स्नान तो करता था, पर स्नान से पहले उसका उत्साह मर सा जाता था। यह उसकी कोई पसंदीदा क्रिया नहीं थी।
गर्मी के दिन थे, इसलिए यह अस्वाभाविक नहीं था, लेकिन हाल ही में पढ़े एक लेख की वजह से निर्मला का माथा ठनक गया। संदेह इसलिए भी हुआ क्योंकि पति रोज स्नान तो करता था, पर स्नान से पहले उसका उत्साह मर सा जाता था। यह उसकी कोई पसंदीदा क्रिया नहीं थी।
निर्मला ने हाल ही में एक पत्रिका में शेक्सपीयर के नाटक में मैकबेथ का खल यानी बुरा चरित्र निभाने वाली कलाकार का साक्षात्कार पढ़ा था। कलाकार बताती है कि भूमिका निभाने के बाद मैं घर जाने का इंतजार नहीं कर सकी और मैंने थिएटर का शॉवर इस्तेमाल किया। यहां तक कि शरीर पर लगे खून के नकली धब्बों को मिटाने के लिए मैंने आठ गैलन पानी खर्च किया।
यह लेख कलाकार के बयान के जरिये यह बताना चाहता था कि पाप करने के बाद व्यक्ति साफ होना चाहता है। निर्मला उस लेख का स्मरण करके चौंक गई। उसे मैकबेथ की कलाकार के बयान और पति के नहाने में एक साम्य नजर आया। आज तक उसने पति की गतिवधियों को लेकर कोई परवाह नहीं की थी, लेकिन अब पड़ताल जरूरी थी।
पड़ताल की तो आशंका सच निकली। पति के दफ्तर, दोस्तों और कुछ अन्य जगहों से जुटाई जानकारी से निर्मला को पता लग गया कि उसका पति उस दिन किसी दूसरी औरत के साथ सोकर आया था। इसके बाद काफी दिन बेहद कड़वाहट भरे और निराशाजनक रहे पर अंततः निर्मला पति को पटरी पर लाने में कामयाब रही। आज वह पति के साथ है। कमाल हो गया। एक लेख ने उसकी आंखें खोल दीं। किसी ने सही कहा है कि अनुभव हमें बहुत कुछ सिखाते हैं। ये अनुभव स्वयं के भी हो सकते हैं और किसी दूसरे के भी।
- लव कुमार सिंह
#Life #Thoughts #Motivation #ShortStory
सर क्या इस लेख में अंत में कुछ लाइनें छोड़ दी गई है, क्योंकि पत्नी जैसे ही असलियत से रूबरू हुई होगी तो उसका नाराज होना भी स्वाभाविक था। हां हो सकता है इसके बाद वह शांत चित से आत्म मंथन करती और अपने जीवन में मचने वाली उथल पुथल से बचने के लिए यह कदम उठाती। पर शायद आपने लेख थोड़ा जल्दी ही खत्म कर दिया।
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