Friday 12 June 2020

आपको गोबर भले ही पसंद न हो, पर गोबर खरीदी योजना जरूर पसंद आएगी

You may not like cow dung, but you will definitely like the cow dung purchase scheme


कोई सरकार पहली बार किसानों से गोबर खरीद रही है

इस गोबर से जैविक खाद बनाकर किसानों को ही बेचा जाता है

छत्तीसगढ़ सरकार की इस योजना से मिल रहे कई तरह के फायदे




किसान न्याय योजना के बाद छत्तीसगढ़ में एक और काम बहुत अच्छा हुआ है। वहां 21 जुलाई 2020 से सरकार ने किसानों से गाय-भैंस का गोबर खरीदने की योजना शुरू कर रखी है। इस गोबर से सरकार जैविक खाद तैयार कराती है और फिर उस खाद को किसानों को मुहैया कराया जाता है। 

यह गोबर किसानों से 2 रुपये प्रति किलो की दर से खरीदा जाता है और फिर उस गोबर से तैयार जैविक खाद को किसानों को 8 रुपये प्रति किलो की दर से उपलब्ध कराया जाता। हालांकि कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में गोबर खरीदी की दर डेढ़ रुपये प्रति किलो बताई गई है। जो भी हो, यह एक बहुत अच्छा फैसला है। इससे कई लाभ होंगे। जैसे-

  • किसानों को अतिरिक्त आमदनी होती है।
  • गांवों में गंदगी कम दिखती है और यहां-वहां गोबर पड़ा नहीं दिखाई देता।
  • जैविक खेती को बढ़ावा मिलता है।
  • जैविक खेती को बढ़ावा मिलने से पर्यावरण संरक्षण को भी बढ़ावा मिलेगा।
  • ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत होगी।
  • किसान गौपालन के प्रति उत्साहित होंगे और उनकी देखभाल भी करेंगे। 

इस गोबर खरीदी की शुरुआत 21 जुलाई से इसलिए हुई क्योंकि 21 जुलाई को इस राज्य में 'हरेली' नामक त्योहार मनाया गया। हरेली किसानों द्वारा मनाया जाने वाला त्योहार है, जिसमें किसान अपने द्वारा इस्तेमाल में लाए जाने वाले हल, बैल और खेती के उपकरणों की पूजा करते हैं। किसान इसे बड़ी धूमधाम से मनाते हैं। कहीं-कहीं भैंस व बैलों को नमक व बगरंडा की पत्तियां खिलाई जाती हैं ताकि पशु बीमारियों से बचे रहें। कहीं-कहीं इस दौरान मुर्गे और बकरे की बलि भी दी जाती है। उत्तराखंड में ऐसा ही त्योहार 'हराला' के नाम से मनाया जाता है।

गोबर खरीदने के लिए हर गांव में गौठान समिति बनाई गई है। स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से घर के और गौठान के गोबर को तौलकर खरीदा जाता है। इस गोबर से बनने वाली वर्मी कम्पोस्ट को सहकारी समितियां सोसायटी के माध्यम से खरीदती हैं।

मुझे ऐसा लगता है कि दूसरे राज्यों को भी ऐसी योजना को अपनाना चाहिए। इसी के साथ यदि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार अपने स्वच्छ भारत अभियान को शत-प्रतिशत सफल होते देखना चाहती है तो उसे भी चाहिए कि एक दिन प्रधानमंत्री लोगों के सामने आएं और घोषणा कर दें कि फलां तारीख से सरकार देशभर में फलां दर पर लोगों से कूड़ा खरीदेगी। इस कूड़े से बिजली बनाई जाएगी और जो भी उत्पाद दुनिया में कूड़े से बनने संभव हुए हैं, वे सभी बनाए जाएंगे। यदि ऐसी कोई घोषणा केंद्र सरकार करती है तो सड़कों पर कूड़े का नामोनिशान नहीं रहेगा और देश पूरी तरह स्वच्छ हो जाएगा। साथ ही इससे लोगों को अतिरिक्त आमदनी भी होगी। बहुत से लोगों को रोजगार भी मिलेगा।

इस योजना के बारे में यह पोस्ट मैंने पिछले साल इस योजना के शुरू होने पर लिखी थी। योजना धरातल पर कैसी चल रही है, मुझे नहीं पता। लेकिन नीचे दी गई एक खबर बता रही है कि योजना शायद अच्छी चल रही है।

बिल्कुल ताजा-ताजा

आज तक की वेबसाइट पर 21 जून 2021 की खबर है कि छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले के एक गांव से गाय का गोबर चोरी हो गया। इस जिले के धुरैना गांव से करीब 800 किलो गोबर चोरी हुआ है, जिसकी कीमत करीब 1600 रुपये बताई गई है। पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है।

-लव कुमार सिंह

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