Read a DM's Facebook post on Corona and understand the seriousness of the situation
- कोरोना वायरस के कारण एक जिले के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक (सीएमएस) की मृत्यु हो गई। इस पर वहां के डीएम की फेसबुक पोस्ट पढ़ें और हालात की गंभीरता को समझें-
- The chief medical superintendent of a district died due to corona virus. Read the DM's Facebook post on this and understand the seriousness of the situation-
अंबेडकर नगर के जिलाधिकारी राकेश कुमार मिश्र
उत्तर प्रदेश में जिला अंबेडकर नगर के
मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. संत प्रसाद गौतम की कोरोना से मृत्यु हो गई। इस पर इस
अंबेडकर नगर के जिलाधिकारी राकेश मिश्र ने अपने फेसबुक पेज पर 9 जून 2020 को एक
पोस्ट लिखी है। आप भी इसे पढ़ें-
जाना एक बहादुर योद्धा का
हाँ सर, हाँ सर,
मोबाइल कॉल को रिसीव करने की आवाज़ होती
कभी रात के 2 बजे और कभी भोर के 5 बजे भी।
देखिए लाइन बहुत लम्बी हो रही है, लोग घंटों से खड़े हैं,
अभी स्क्रीनिंग पटल बढ़वाता हूँ सर, ज़बाब होता।
मेरे पहुँचने से पहले ही वह उपस्थित मिलते।
नाम संत प्रसाद गौतम, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक, काम विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम के मुखिया, 30 लाख आबादी के ज़िले के हज़ारों मरीज़ों, सैंकड़ों गर्भवती महिलाओं को 24 घंटे चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवाना। कभी भी कोई पहुँचे, वह उपस्थित मिले, एक आदर्श चिकित्सा व्यवस्था उपलब्ध करायी, जिसके लिए उन्हें व जनपद को प्रशंसा मिलती।
कभी रात के 2 बजे और कभी भोर के 5 बजे भी।
देखिए लाइन बहुत लम्बी हो रही है, लोग घंटों से खड़े हैं,
अभी स्क्रीनिंग पटल बढ़वाता हूँ सर, ज़बाब होता।
मेरे पहुँचने से पहले ही वह उपस्थित मिलते।
नाम संत प्रसाद गौतम, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक, काम विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम के मुखिया, 30 लाख आबादी के ज़िले के हज़ारों मरीज़ों, सैंकड़ों गर्भवती महिलाओं को 24 घंटे चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवाना। कभी भी कोई पहुँचे, वह उपस्थित मिले, एक आदर्श चिकित्सा व्यवस्था उपलब्ध करायी, जिसके लिए उन्हें व जनपद को प्रशंसा मिलती।
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फिर कोरोना का एक नया दौर आया
दिन रात
प्रवासी मज़दूरों का आगमन...
पैदल, साइकिल, बस, ट्रक, श्रमिक ट्रेनें....
चौबीसों घंटे करोना की जाँच चलती रहती
सबके भोजन, विश्राम, परिवहन की ज़िम्मेदारी में जिले का हर अधिकारी और कर्मचारी लगा था।
डॉक्टर गौतम के ज़िम्मे Covid hospital की भी ज़िम्मेदारी थी, जहां संक्रमित मरीज़ भर्ती हैं। उन्हीं में से एक मरीज़ के कमरे में round के दौरान डॉक्टर गौतम संक्रमित होते हैं। पर सेवा के भाव में साथी डॉक्टर जान नहीं पाते हैं कि वह लगातार असहज हो रहे हैं। बात जब मालूम हुई, संक्रमण फेफड़े में था, तुरंत विशेषज्ञों की टीम लगती है, परंतु अंग एक के बाद एक साथ देना छोड़ रहे हैं। हम सभी रो रहे हैं। पर हर कोई काम में लगा है!
पैदल, साइकिल, बस, ट्रक, श्रमिक ट्रेनें....
चौबीसों घंटे करोना की जाँच चलती रहती
सबके भोजन, विश्राम, परिवहन की ज़िम्मेदारी में जिले का हर अधिकारी और कर्मचारी लगा था।
डॉक्टर गौतम के ज़िम्मे Covid hospital की भी ज़िम्मेदारी थी, जहां संक्रमित मरीज़ भर्ती हैं। उन्हीं में से एक मरीज़ के कमरे में round के दौरान डॉक्टर गौतम संक्रमित होते हैं। पर सेवा के भाव में साथी डॉक्टर जान नहीं पाते हैं कि वह लगातार असहज हो रहे हैं। बात जब मालूम हुई, संक्रमण फेफड़े में था, तुरंत विशेषज्ञों की टीम लगती है, परंतु अंग एक के बाद एक साथ देना छोड़ रहे हैं। हम सभी रो रहे हैं। पर हर कोई काम में लगा है!
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आज हर उम्मीद
को तोड़ती ख़बर आयी। हम सब लखनऊ भागे।
अंतिम विदाई, पूरा परिवार था,
पर body bag में सील्ड देह थी
अंतिम दर्शन, मुख देखना नहीं हो सका
बिजली शवदाह गृह के कर्मचारी अपने विशेष वस्त्र पहनने लगे
हमें भी अपने पाँव, सर, हाथ-मुँह, सब ढंकना था
वहाँ सबकी पहचान खो गयी सहसा
आपस में गुथमगुत्था होकर विलाप करता परिवार ,सड़क के इस पार ही खड़ा रहा,
बेटी ने रोते हुए मुझसे कहा- बहुत बिज़ी रखा आप लोगों ने, पिताजी की सेहत ख़राब होती रही...
मैंने हाथ जोड़े....और क्या कहता।
समय का यह दौर, मैं सोचता था, निकल जाएगा एक दिन, भूल जाऊँगा सब कुछ,
डॉक्टर गौतम का यूँ जाना... इसे अब भूलने भी नहीं देगा,
मैं लखनऊ से वापस मुख्यालय लौट रहा हूँ। कल हम सभी उस लड़ाई को आगे बढ़ाएँगे, जिसे डॉक्टर गौतम ने जी जान से लड़ा,
अलविदा डॉक्टर संत प्रसाद गौतम,
आप को हम भूल नहीं पाएँगे।
अंतिम विदाई, पूरा परिवार था,
पर body bag में सील्ड देह थी
अंतिम दर्शन, मुख देखना नहीं हो सका
बिजली शवदाह गृह के कर्मचारी अपने विशेष वस्त्र पहनने लगे
हमें भी अपने पाँव, सर, हाथ-मुँह, सब ढंकना था
वहाँ सबकी पहचान खो गयी सहसा
आपस में गुथमगुत्था होकर विलाप करता परिवार ,सड़क के इस पार ही खड़ा रहा,
बेटी ने रोते हुए मुझसे कहा- बहुत बिज़ी रखा आप लोगों ने, पिताजी की सेहत ख़राब होती रही...
मैंने हाथ जोड़े....और क्या कहता।
समय का यह दौर, मैं सोचता था, निकल जाएगा एक दिन, भूल जाऊँगा सब कुछ,
डॉक्टर गौतम का यूँ जाना... इसे अब भूलने भी नहीं देगा,
मैं लखनऊ से वापस मुख्यालय लौट रहा हूँ। कल हम सभी उस लड़ाई को आगे बढ़ाएँगे, जिसे डॉक्टर गौतम ने जी जान से लड़ा,
अलविदा डॉक्टर संत प्रसाद गौतम,
आप को हम भूल नहीं पाएँगे।
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उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश के अंबेडकर नगर के जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक (सीएमएस) डॉक्टर संत प्रसाद गौतम की कोरोना वायरस के संक्रमण से 9 जून को मृत्यु हो गई। विगत 5 जून से उनका इलाज लखनऊ के पीजीआई में चल रहा था। वे लंबे समय से शुगर और ब्लड प्रेशर के मरीज भी थे। 4 जून की रात उनकी तबीयत बिगड़ी थी। पहले उन्हें जिला अस्पताल में भर्ती किया गया था। उनकी कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। बाद में हालत गंभीर होने पर पीजीआई लखनऊ ले जाया गया लेकिन वहां भी उन्हें बचाया नहीं जा सका।
एक डीएम की ये पोस्ट बताती है कि कोरोना कितना खतरनाक है। सीएमएस के लिए तो डॉक्टरों ने इलाज में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी होगी, लेकिन वे फिर भी उन्हें नहीं बचा सके। इसलिए हम सभी को कोरोना के खतरे को गंभीरता से लेना चाहिए और देश के अनलॉक होने की स्थिति में भी सोशल व फिजिकल डिस्टेंस के नियमों का पालन करना चाहिए।
- लव कुमार सिंह
#COVID19 #coronavirus #CoronavirusIndia
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