Monday 22 June 2020

जानिए एक पत्रकार ने कैसे घर पर ही कोरोना को हराया

Know how a journalist beat Corona at home


  • अस्पतालों की अव्यवस्था से डरकर घर पर ही आइसोलेशन में रहने का फैसला किया
  • अपने घर पर ही रहकर 14 दिन तक बहुत ही कड़ी दिनचर्या का पालन किया
  • जब उसने फेसबुक पर लिखी अपनी कहानी तो फेसबुक ने एकाउंट बंद करने का नोटिस दिया



पिछले दिनों टीवी9 भारतवर्ष के पत्रकार श्याम त्यागी को कोरोना का संक्रमण हुआ। चूंकि श्याम त्यागी को पहले से कोई बीमारी नहीं थी यानी कोई पुराना रोग नहीं था, इसलिए उन्होंने बहुत सोच-समझकर घर पर ही आइसोलेशन में रहकर इस बीमारी से लड़ने का फैसला किया। इस फैसले का कारण यह भी रहा क्योंकि अस्पतालों की अव्यवस्थाओं की खबरें लगातार मीडिया में आ रही थीं और श्याम त्यागी कोरोना संक्रमित होने के बाद बहुत ज्यादा डरे हुए थे।


श्याम त्यागी ने अपनी फेसबुक पोस्ट में लिखा है कि 21 मई 2020 को दफ्तर में काम करते हुए उन्हें सिरदर्द हुआ, जो कुछ ही घंटों में पूरे शरीर का दर्द बन गया। इसके बाद उन्हें बुखार भी हो गया। उन्होंने पैरासिटामाल की गोलियां लीं। गोली लेने पर बुखार कुछ उतर जाता, लेकिन थोड़ी देर बार फिर चढ़ जाता। बुखार के साथ उन्हें खांसी भी हो गई। श्याम जोर देकर कहते हैं कि यह खांसी बलगम वाली थी। अर्थात् यह जरूरी नहीं है कि कोरोना संक्रमित व्यक्ति को सूखी खांसी ही हो। खांसी बलगम वाली भी हो सकती है।


बार-बार खांसी और बुखार होने पर श्याम ने 28 मई 2020 को अपोलो अस्पताल में जाकर 4850 रुपये में अपनी जांच कराई। 30 मई को अस्पताल ने उन्हें बताया कि वे कोरोना पॉजिटिव हैं। श्याम ने अपनी पोस्ट में लिखा कि रिपोर्ट को देखते ही वे ऐसे हिल गए जैसे कोई व्यक्ति भूकंप आने पर हिल जाता है। हालांकि एक अच्छी बात यह रही कि उनके दफ्तर के लोगों और कुछ दोस्तों ने उन्हें बहुत हिम्मत बंधाई। कोरोना का डर तो था ही, अस्पतालों की अव्यवस्था का डर उससे भी ज्यादा था। इसीलिए श्याम त्यागी ने बहुत सोच-विचार के बाद घर पर ही आइसोलेशन में रहकर इलाज करने का फैसला किया। इस इलाज के बारे में उन्हें उनके दोस्तों, परिचितों, दफ्तर के लोगों आदि ने ही बताया था।


इलाज यह था


श्याम त्यागी की फेसबुक पोस्ट के अनुसार 14 दिन तक उन्होंने यह सब कुछ किया-

  • गर्म पानी में नमक और हल्दी डालकर गरारे करने शुरू किए। ये उन्होंने सुबह, दोपहर और शाम को किए। गरारे के लिए एक गिलास गर्म पानी में थोड़ा सफेद नमक और आधा चम्मच हल्दी मिलाई।
  • इसके बाद सुबह उठकर खाली पेट वे कच्चे आंवला और गिलोय का जूस लेते थे। लेकिन तीन-चार दिन बाद उन्होंने खट्टा होने और खांसी में नुकसान करने के कारण आंवला लेना बंद कर दिया। गिलोय के जूस को लेना जारी रखा।
  • इसके बाद वे काढ़े का सेवन करते थे। काढ़ा भी उन्होंने सुबह, दोपहर, शाम यानी तीन वक्त लिया। (काढ़े का विवरण सबसे अंत में है)
  • दिन में 4-5 लीटर गर्म पानी पीना शुरू कर दिया।
  • उन्होंने दूध पीना बंद कर दिया क्योंकि वह बलगम बनाने में सहायक होता है।
  • इसी बीच, श्याम त्यागी की पत्नी को भी उनके जैसे ही लक्षण दिखने शुरू हो गए तो उन्होंने बिना टेस्ट कराए पत्नी को भी ये सभी चीजें सेवन कराना शुरू कर दिया।
  • श्याम त्यागी रोज सुबह गर्म पानी से ही नहाते थे।
  • नहाने के बाद वे 15-20 मिनट छत पर जाकर धूप में बैठते थे। (धूप में विटामिन डी होता है, जो रोग प्रतिरोधक क्षमता के लिए बहुत जरूरी है।)
  • इसके अतिरिक्त त्यागी एक गिलास गर्म पानी में 8-10 बूंदें तुलसी अर्क की डालते थे और दिन में एक बार इसे लेते थे।
  • उन्होंने जब भी गर्म पानी पीया तो उसमें हल्दी भी डाली।
  • एक दिन में एक गोली जिनकोविट (#Zincovit) की दोपहर के खाने के बाद ली। (इस गोली में जिंक के साथ ही विटामिन और अन्य बेहद जरूरी मिनरल होते हैं जो रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं।)
  • उन्होंने सुबह-शाम एक-एक गोली लाइमसी विटामिन सी चूसने वाली (limcee vitamin c chewable tablets) भी ली। (यह गोली विटामिन सी की कमी को पूरा करने के लिए ली जाती है।)
  • श्याम त्यागी ने सुबह-शाम गर्म पानी में अजवाइन डालकर भाप भी ली।
  • खाने में उन्होंने भोजन के अतिरिक्त रोज एक सेब खाया। साथ में थोड़ा पपीता भी खाया। साथ ही बादाम और किशमिश जैसे कुछ ड्राइफ्रूट भी खाए।
  • उन्होंने अपनी बर्तन स्वयं साफ किए। अपने कपड़े खुद धोए। हर रोज सेनेटाइजर से कमरे की सफाई की। घर में भी मास्क लगाकर रखा। हर बार साबुन से हाथ धोए।


क्या सभी को ऐसा ही करना चाहिए?


श्याम त्यागी अपनी पोस्ट में लिखते हैं कि जिन्हें पहले से किडनी, फेफड़े, सांस या दिल संबंधी कोई बीमारी है तो उन्हें अवश्य ही अस्पताल में भर्ती हो जाना चाहिए। उन्हें घर पर ही इलाज करने का रिस्क नहीं लेना चाहिए। त्यागी लिखते हैं कि यदि आप कोरोना का संक्रमण होने से पहले स्वस्थ रहे हैं और आपको कोई परेशानी नहीं रही है, पुरानी गंभीर बीमारी नहीं रही है तो घर में रहकर इस बीमारी का इलाज संभव है।


(यहां यह भी उल्लेखनीय है कि बहुत से कोरोना संक्रमित यदि श्याम त्यागी जैसा ही करना चाहें भी तो आसपास के लोग उन्हें ऐसा करने नहीं देंगे। श्याम त्यागी के आस-पड़ोस में भी लोगों में उन्हें लेकर दहशत रही और उनके द्वारा तरह-तरह की बातें बनाई गईं।)


अपनी पोस्ट के अंत में श्याम त्यागी लिखते हैं-


मैं कोई आयुर्वेदाचार्य या कोई डॉक्टर नहीं हूं। मुझे भी इस तरह के ट्रीटमेंट की जानकारी अपने दोस्तों और वरिष्ठों से मिली थी। मैंने इसे अपने ऊपर आजमाया था। ये मेरा फैसला था। अगर आप को इस तरह की कोई परेशानी होती है तो एक बार अपने डॉक्टर की सलाह जरूर लें। अपनी हेल्थ स्थिति को मद्देनजर रखकर ही किसी भी चीज का सेवन करें। मैं इस पोस्ट को लिखने से डर रहा था। कहीं किसी का कुछ नुकसान ना हो जाए। इसलिए बिना किसी डॉक्टर की सलाह के कुछ ना करें। अपनी सेहत के हिसाब से चीजों का इस्तेमाल करें। बाकी महाकाल बाबा सबका भला करेंगे। देश इस वायरस पर जल्द पूरी तरह फतह हासिल करेगा। मास्क लगाकर रखें। दूरी बनाकर रखें। हाथ धोते रहें।


उल्लेखनीय है कि श्याम त्यागी की यह पोस्ट बहुत तेजी से वायरल हुई। नतीजा यह हुआ कि मैदान में फेसबुक भी उतर आया। फेसबुक ने उन्हें चेतावनी दी कि या तो आप इस पोस्ट को हटाइए या फिर आपको एक वर्ष तक अपने एकाउंट से हाथ धोना पड़ेगा। फेसबुक का कहना था कि श्याम त्यागी की पोस्ट से फिजिकल हार्म हो सकता है।


श्याम त्यागी एक और पोस्ट में लिखते हैं- अब पता नहीं किसी का फिजिकल हार्म होगा या 'मेडिकल लूटमार' से जुड़े लोगों का फाइनेंसियल हार्म होगा। भगवान जाने।


फेसबुक ने उन्हें दो ऑप्शन भी दिए। एक पोस्ट डिलीट करने का और दूसरा फेसबुक के डिसीजन के खिलाफ अपील करने का। श्याम ने अपील की है। लेकिन स्वयं श्याम के अनुसार- अपील वहां की है जहां जज भी यही हैं वकील भी यही हैं, मुजरिम सिर्फ मैं। हो सकता है जिस एकाउंट को मैंने इतने साल तक सींचा था वो डिलीट हो जाए। बैन हो जाए। या एक साल तक कुछ लिख पढ़ ना पाऊं।

 

श्याम त्यागी ने जो काढ़ा पीया, उसे बनाने की विधि इस प्रकार है- 


(एक व्यक्ति के लिए)

सामग्री- लौंग 3-4, इलायची हरी 2, काली मिर्च गोल 3-4, दालचीनी 2-3 टुकड़े, सौंठ 1/2 चम्मच, मुनक्का 2

विधि- एक गिलास पानी में सारी सामग्री डाल लें। आग पर पकाएं। जब पानी पककर आधा रह जाए तो उसे छानकर पी लें।


- लव कुमार सिंह


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