Sunday 23 May 2021

क्रिकेट में क्या होती है 'ड्रॉप इन' पिच?

What is 'drop in' pitch in cricket?



आस्ट्रेलिया के पर्थ शहर में भारत और आस्ट्रेलिया के बीच दूसरे टेस्ट मैच (2019-20) के दौरान एक नया शब्द 'ड्रॉप इन' पिच सुनने को मिला। पर्थ में अभी तक जिस मैदान पर टेस्ट मैच होते थे, उसे वाका के नाम से जाना जाता था। लेकिन अब पर्थ में वाका के साथ ही एक नया स्टेडियम 'ऑप्टस' बनाया गया है और इसमें क्रिकेट मैच के आयोजन के दौरान 'ड्रॉप इन' पिच का इस्तेमाल किया जाता है।

दरअसल 'ऑप्टस' स्टेडियम कई खेलों का स्टेडियम है। यहां केवल क्रिकेट ही नहीं खेला जाता बल्कि फुटबाल समेत तमाम खेल खेले जाते हैं। जाहिर है कि जब इस मैदान पर फुटबाल का खेल खेला जाएगा तो क्रिकेट की पिच के खराब होने की पूरी संभावना रहेगी। इसीलिए इस मैदान पर क्रिकेट मैच के दौरान 'ड्रॉप इन' पिच का तरीका अपनाया गया है।

'ड्रॉप इन' पिच को किसी दूसरी जगह पर तैयार किया जाता है। जब भी स्टेडियम में क्रिकेट मैच का आयोजन होता है तो उससे ठीक पहले ऐसी पिच को स्टेडियम में स्थापित कर दिया जाता है। जब स्टेडियम में क्रिकेट से अलग कोई और खेल होता है तो इस पिच को वहां से हटा दिया जाता है।

पर्थ के दूसरे टेस्ट मैच को टेलीविजन पर देख रहे दर्शकों को भी स्पष्ट रूप से पिच का वह हिस्सा बाकी मैदान से कुछ अलग रंग का दिखाई दिया। पिच के उस चौकोर हिस्से की घास का रंग अलग होने से कई बार तो ऐसा एहसास भी हुआ जैसे कि मैदान पर केवल पिच वाले स्थान पर ही सूरज की रोशनी पड़ रही हो। खासकर दोपहर के बाद यह नजारा विशेष रूप से दिखाई दिया।

'ड्रॉप इन' पिच का मुख्य लाभ यही है कि इसकी वजह से एक ही मैदान पर कई प्रकार के खेल और कार्यक्रम आयोजित किए जा सकते हैं। अभी तक विशेष रूप से क्रिकेट के लिए बने स्टेडियमों में क्रिकेट के अतिरिक्त अन्य कोई गतिविधि नहीं हो सकती थी, लेकिन जहां 'ड्रॉप इन' पिच की सुविधा है, वहां क्रिकेट के अलावा फुटबाल, रग्बी जैसे खेल और म्यूजिकल नाइट जैसे आयोजन भी कराए जा सकते हैं।

'ड्रॉप इन' पिच का यह फायदा भी है कि इसे क्यूरेटर अपने मनमाफिक यानी अपने देश और अपनी टीम के अनुकूल बना सकता है। पहली 'ड्रॉप इन' पिच पर्थ के ही वाका स्टेडियम में स्थापित की गई थी।

- लव कुमार सिंह

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