Monday 10 May 2021

कोरोना के खिलाफ सारे अधिकारी इस प्रकार से काम करें तो बहुत कम जनहानि होगी

If all officers work against Corona in this way, there will be very little loss of life

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दूसरी कड़ी...जो सफल है, उसकी बात सुननी चाहिए

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कोरोना के खिलाफ जानदार लड़ाई का श्रेय मुंबई नगर निगम (बीएमसी) के कमिश्नर इकबाल सिंह चहल और उनकी टीम को दिया जा रहा है। हालांकि इस सफलता से पहले वे काफी समय तक पूरे देश के लिए हंसी का पात्र भी बने। लेकिन उन्होंने सीखा और काम किया। इसलिए हमें, नेताओं को, जिलों की कमान संभाल रहे अधिकारियों को और डॉक्टरों को भी जानना चाहिए कि चहल और उनकी टीम ने यह काम कैसे किया और उनका मॉडल क्या है? यह सब चहल ने एक अंग्रेजी दैनिक के साथ बातचीत में कहा है। यहां कुछ कड़ियों में इस बातचीत का सार प्रस्तुत है... (इस कड़ी का विषय है- अफसर बहुत कुछ कर सकते हैं, बस उनमें काम करने का जज्बा होना चाहिए।)



अप्रैल 2021 के मध्य में मुंबई में ऑक्सीजन की आपूर्ति और भविष्य की मांग का हिसाब-किताब लगाया ही जा रहा था कि 16-17 अप्रैल की रात इकबाल सिंह चहल के पास आए एक फोन ने उनके होश उड़ा दिए। 16-17 अप्रैल 2021 की रात मुंबई के छह अस्पतालों में ऑक्सीजन खत्म हो गई थी और इमरजेंसी ऑपरेशन वाले 168 मरीजों की जान अटक गई थी। यह चहल के करियर की सबसे मुश्किल रातों में से एक थी।

रात एक से सुबह पांच बजे के बीच 150 एंबुलेंस लगाकर मरीजों को जंबो कोविड सेंटरों में शिफ्ट किया गया जहां 3600 में से 850 बेड ऑक्सीजन वाले थे। इस अभियान को खत्म करने के तुरंत बाद चहल ने सुबह 7 बजे केंद्र और राज्य सरकार के सभी शीर्ष अधिकारियों को संदेश भेजे और कहा कि ऐसी रात फिर आ सकती है।

केंद्र सरकार महाराष्ट्र के लिए बंगाल के हल्दिया से ऑक्सीजन की व्यवस्था कर चुकी थी लेकिन वहां से ऑक्सीजन आने में अभी कई दिन लगने थे। चहल के मैसेज करने के 15-20 सेकेंड बाद ही चहल के पास केंद्र से कैबिनिट सेक्रेटरी राजीव गौबा का फोन आ गया। चहल ने गौबा को अपनी मुश्किल बताई। हल्दिया से गैस आने में अभी कई दिन थे। चहल ने कहा कि यदि मुंबई को 16 घंटे की दूरी पर स्थित गुजरात के जामनगर से 125 एमटी गैस की आपूर्ति हो जाए तो काम बन सकता है। गौबा ने कहा कि केवल एक शहर के लिए ऐसा एलोकेशन नहीं हो सकता।

चहल ने कहा कि आप पूरे महाराष्ट्र के लिए कर दीजिए। उस 125 एमटी को केवल मुंबई में लाने की जिम्मेदारी मेरी। केंद्र और राज्य के दो अधिकारियों की चपलता, निर्णय लेने की क्षमता और सूझबूझ से तुरंत काम हो गया। मुंबई के लिए गुजरात के जामनगर से 125 एमटी गैस की व्यवस्था उसी शाम से शुरू हो गई।

इस घटना के बाद राज्य सरकार ने भी इमरजेंसी व्यवस्थाएं कीं। टीमें बनाकर ऑक्सीजन की सप्लाई को संतोषजनक बनाया। हल्दिया से भी गैस आ गई। मुंबई में छह इमरजेंसी स्टॉक प्वाइंट बनाए गए। इनमें 50 एमटी ऑक्सीजन रखी जाती है। हर प्वाइंट 24 वार्डों को सेवा देता है। यदि ऑक्सीजन के लिए कोई एसओएस कॉल आती है तो इन प्वाइंट की मदद से तुरंत ऑक्सीजन मुहैया कराई जाती है।
जारी...
- लव कुमार सिंह

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