Glory of tea, Sorry of tea
#InternationalTeaDay2021 #InternationalTeaDay #TeaLovers #चाय
महिला चाय की, कमियां चाय की
हम इतना चाहें इसको कि ‘चाह’ भी कहने लगे
ये जिंदगी का अंग बनके अंगों में समा रही
सबको ये सुलभ तो समतावादी कहिए इसे
अमीर हो या हो गरीब, सबके दिल पे छा रही।
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ये दे सुकून, ताजगी, आराम का बहाना भी
आरंभ दिन का इससे ही, और अंत में भी आ रही।
यह सादा है, सरल है और श्याम रंग धारणी
इसकी यही खूबियां, तन-मन को भा रहीं।
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पर सावधान चाय को बस, दोस्ती तक सीमित रखें
ज्यादा मुलाकातें सबब, समस्या बनके आ रहीं
ताजगी और स्वाद को, जज्ब बेशक कीजिए
पर बार-बार मुंह लगाके, चीनी घर बना रही।
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प्यार में भी कभी-कभी, ऐसा हो जाता है
मिलने आती प्रेमिका, सहेली संग ला रही
बने मरीजे मधुमेह, तो हैरत में पड़ गए
चाय की सहेली चीनी, तन को तड़पा रही।
- लव कुमार सिंह
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