Wednesday 19 May 2021

विष्णु शास्त्री चिपलूणकर : मात्र 32 वर्ष की उम्र में मराठी भाषा के 'शिवाजी' कहलाए

विष्णु शास्त्री चिपलूणकर के बारे में 10 प्रमुख तथ्य जो प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए बहुत काम के हैं



  1. विष्णु शास्त्री चिपपूणकर मराठी गद्य के युग प्रवर्तक साहित्यकार और संपादक कहलाते हैं।
  2. चिपलूणकर को मराठी भाषा का ‘शिवाजी’ कहा जाता है।
  3. जनवरी 1981 में जीजी अगरकर और बाल गंगाधर तिलक के साथ मिलकर मराठी में ‘केसरी’ और अंग्रेजी में ‘मराठा’ नाम के समाचार पत्र प्रकाशित करना प्रारंभ किया। ये वे समाचार पत्र थे जिनकी वजह से तिलक न केवल महाराष्ट्र बल्कि पूरे भारत में प्रसिद्ध हो गए। इन समाचार पत्रों के जरिये ही तिलक अपने जनजागरण अभियान को सफल बना सके।
  4. इससे पहले उन्होंने ‘निबंधमाला’ नाम की मासिक पत्रिका निकाली। अनेक लेख, निबंध लिखे जिनमें ‘आमच्या देशाचीं सद्यस्थिति’ (हमारे देश की वर्तमान स्थिति) बहुत चर्चित हुआ और इससे अंग्रेज भी उनसे नाराज हो गए।
  5. उन्होंने सेमुअल जॉनसन के उपन्यास ‘रासेलस’ का मराठी में अनुवाद भी किया। उन्होंने 1872 से 1879 तक सरकारी स्कूल में अध्यापक के रूप में काम किया। उन्होंने एक मासिक ‘काव्येतिहास संग्रह’ भी निकाला।
  6. उन्होंने बाणभट्ट की ‘कादंबरी’ के अलावा ‘अरेबियन नाइट्स’ का भी मराठी में अनुवाद किया।
  7. ‘चित्रशाला’ नामक प्रेस की स्थापना की जो भारत में रंगीन चित्रों को प्रकाशित करने वाले सबसे पहले छापेखानों में से एक थी। उन्होंने ‘किताबखाना’ नाम से पुस्तकों की एक दुकान भी खोली।
  8. युवाओं में स्वदेशप्रेम जागृत करने के उद्देश्य से चिपलूणकर ने ‘न्यू इंग्लिश स्कूल’ नाम की पाठशाला की भी स्थापना की।
  9. ये सब काम चिपलूणकर जी ने मात्र 32 वर्ष के जीवन में ही कर डाले थे।
  10. उनका जन्म पुणे में 20 मई 1850 को हुआ था जबकि निधन 17 मार्च 1882 को हो गया। उनके निधन का कारण टायफाइड की बीमारी बनी।
- लव कुमार सिंह

 

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