Monday 17 May 2021

लॉकडाउन : क्या दुकानदार-ग्राहक वीडियो कॉल से बच सकता है कारोबार?

Lockdown : Can video calls between shopkeeper and customer prevent business from collapsing?



कोरोना काल में व्यापारी परेशान हैं क्योंकि उनकी दुकानें कई हफ्तों से बंद हैं। धंधा तो चौपट है ही, दुकानें बंद होने से उनमें रखा सामान भी धूल फांककर खराब हो रहा है। वे इस बात से और ज्यादा परेशान हैं कि उनका धंधा तो बंद पड़ा है लेकिन ऑनलाइन कारोबार जोर-शोर से चल रहा है।

लेकिन व्यापारियों के लिए इस बहुत बुरे समय में भी कपड़ों की दुकान चलाने वाले रवि अग्रवाल (बदला हुआ नाम) को बहुत ज्यादा नुकसान नहीं हुआ है। दरअसल, जब 2020 में पहली बार लॉकडाउन लगा था तब रवि भी बहुत परेशान हुए थे। कुछ दिन तो ठीक से कट गए थे, लेकिन बाद में घर चलाना बहुत मुश्किल हो गया। बाद में जब लॉकडाउन खुला तो रवि अग्रवाल ने निश्चय कर लिया कि यदि आगे इस प्रकार की स्थिति आती है तो उसका हल सोचना होगा। सोच-विचार के दौरान ही उनके मन में एक विचार आया। उन्होंने बाजार अनलॉक होते ही अपने विचार को मूर्त रूप दे दिया।

रवि अग्रवाल ने यह किया कि उनकी दुकान में जो भी ग्राहक आता, उन्होंने उसका नाम-पता नोट करना शुरू कर दिया। साथ ही उन्होंने हर ग्राहक को अपना विजिटिंग कार्ड भी देना शुरू किया और ग्राहकों से कहा कि यदि लॉकडाउन जैसी स्थिति दोबारा आती है तो वे विजिटिंग गार्ड पर लिखे नंबर पर फोन करें। उनका सामान उनके घर पर ही पहुंचा दिया जाएगा। 

रवि अग्रवाल की दुकान अच्छी चलती थी, लिहाजा उनकी डायरी ग्राहकों के नाम-पते से काफी भर गई। यही डायरी इस बार यानी 2021 के लॉकडाउन में उनके बहुत काम आ रही है। लॉकडाउन लगने की आशंका होते ही रवि अपनी दुकान का काफी सारा सामान घर ले आए थे। लॉकडाउन के दौरान उन्होंने एक-एक करके अपने ग्राहकों को फोन करना शुरू किया। उन्होंने अपने ग्राहकों को बताया कि यदि उन्हें किसी चीज की जरूरत हो तो वे  कॉल करके बताएं, वो घर पर ही उस चीज को पहुंचा देंगे। रवि ने ग्राहकों से यह आग्रह भी किया कि हो सके तो वे वीडियो कॉल करें ताकि वे उन्हें उनकी पसंद का सामान दिखा भी सकें।

शुरू में उन्हें मेहनत लगी, लेकिन एक बार जब सभी ग्राहकों के पास फोन चला गया तो उसके एक-दो दिन बाद से उनके पास ग्राहकों की वीडियो कॉल आने लगीं। वीडियो कॉल पर रवि अपने ग्राहकों को उनकी जरूरत और साइज के हिसाब से वस्त्र दिखाते और उसके बाद इस चीज की होम डिलीवरी करवा देते। कुछ दिन बाद तो उनके पास ऐसे ग्राहकों की भी वीडियो कॉल आने लगीं जिनका नाम-पता उनके पास नहीं था। दरअसल, ऐसे लोगों को उनके पुराने ग्राहकों ने इसके बारे में बताया था। बेशक रवि अग्रवाल को पहले से ज्यादा खपना पड़ा रहा है, लेकिन लॉकडाउन के दौरान भी वे बहुत अच्छी बिक्री कर ले रहे हैं। उनका धंधा अच्छी तरह चल रहा है।

इसके अलावा रवि अग्रवाल ने अपने व्यापार को ऑनलाइन बिक्री करने वाले प्लेटफार्म से भी जोड़ दिया है और अपनी दुकान के प्रीमियम प्रॉडक्ट्स को उसमें प्रदर्शित कर दिया है। इससे ऑनलाइन प्लेटफार्म के जरिये भी उनका काफी माल बिक रहा है।

बाकी व्यापारियों को भी रवि अग्रवाल की इस युक्ति को अपनाकर लॉकडाउन के दौरान हो रहे नुकसान से स्वयं को बचाना चाहिए। उधर, सरकार को भी चाहिए कि जिस प्रकार रेस्टोरेंट के संबंध में व्यवस्था होती है, उसी प्रकार बाकी दुकानों के संबंध में भी ऐसी व्यवस्था हो सकती है। रेस्टोरेंट के बारे में व्यवस्था है कि रेस्टोरेंट खुल सकते हैं, लेकिन उसमें ग्राहक नहीं आ सकते। यानी रेस्टोरेंट खाने की होम डिलीवरी कर सकते हैं। इसी प्रकार अन्य दुकानें भी खोलने की इजाजत दी जानी चाहिए, लेकिन उनमें ग्राहक के जाने पर रोक होनी चाहिए। इससे ये दुकानवाले भी अपने ग्राहकों से संपर्क करके उन्हें होम डिलीवरी कर सकते हैं।

- लव कुमार सिंह 



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