Saturday 8 May 2021

कोरोना को हरा सकती हैं नई स्वदेशी दवाएं

New indigenous medicines can defeat Corona


कोरोना की इस आंधी में एक दवा की बहुत कमी है....एक बार जरूर सुनें...


2-डीजी

2-डीजी यानी डीऑक्सी-डी-ग्लूकोज। इस दवा के जरिये टूटे दिल को जोड़ने वाली खबर दी है डीआरडीओ (रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन) ने। डीआरडीओ की इनमास लैब ने डॉ. रेड्डीज लैबोरेटरीज के साथ मिलकर टू-डीजी नाम की कोरोना की दवा बना डाली है। यह दवा बहुत जल्द ( करीब तीन दिन में) कोरोना के मरीज को ठीक कर देती है। तीन फेज के क्लीनिकल ट्रायल में सफल होने के बाद इस दवा को मंजूरी मिल गई है। इससे पहले कि कयामत आ जाए, जल्दी से बाजार में आ जाओ टू-डीजी।


आयुष-64

आयुष-64 आयुष मंत्रालय की हर्बल दवा है जिसे कोरोना मरीजों के लिए रामबाण बताया जा रहा है। देशभर में 40 हजार लोगों पर इसका अध्ययन हुआ है और परिणाम बहुत सुखद हैं। किसी तरह का दुष्प्रभाव भी नहीं है। ज्यादातर मरीज छह से आठ दिन में निगेटिव हो गए। इस दवा को मंत्रालय ने सेंट्रल काउंसिल फार रिसर्च इन आयुर्वेदिक साइंसेज के सहयोग से बनवाया है। हल्के और मध्यम श्रेणी के मरीजों में तो यह कारगर है ही, अति गंभीर मरीजों की हालत भी सुधारने में सफल रही है। अब आयुष मंत्रालय की तरफ से स्वास्थ्य मंत्रालय को इस दवा का प्रयोग करने के बारे में पत्र लिखा गया है।


कफासुरा कुडीनीर

सेंट्रल काउंसिल फार रिसर्च इन सिद्ध (सीसीआरएस) ने भी कोरोना के लिए एक दवा का व्यापक क्लीनिकल ट्रायल किया है, जो सफल रहा है। इस दवा का नाम कफासुरा कुडीनीर है। आयुष मंत्रालय ने कफासुरा कुडीनीर के इस्तेमाल के लिए भी स्वास्थ्य मंत्रालय को पत्र लिखा है।


वीराफिन

इससे पहले 23 अप्रैल को जाइडस कैडिला की 'वीराफिन' नाम की दवा को मंजूरी मिली थी। क्लीनिकल ट्रायल में वीराफिन ने शुरुआती लक्षण वाले मरीजों को ठीक करने में और गंभीर मरीजों की हालत को बिगड़ने से बचाने में बहुत बढ़िया भूमिका निभाई है। इस दवा को मंजूरी मिले 15 दिन से ज्यादा हो चुके हैं। हो सकता है ये बाजार में आ भी गई हो या फिर आने वाली हो।
.....इन सबके नाम लिख लीजिए, बाजार में आते ही जरूरत के हिसाब से ले सकते हैं।

- लव कुमार सिंह
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