Sunday 30 May 2021

सरकारी कोरोना टेस्ट रिपोर्ट हवाई अड्डे पर अमान्य

Government lab corona test report invalid at airport

अगर विदेश यात्रा पर जाएं तो कोरोना टेस्ट सरकारी लैब से न कराएं, वरना बहुत परेशान होंगे

If you travel abroad, do not get corona test done by the government lab, otherwise it will be very upset



अगर आप या आपका कोई परिजन हवाई यात्रा करने की योजना बना रहे हैं तो सावधान हो जाइए। हवाई यात्रा के लिए कोरोना का टेस्ट कराना अनिवार्य है। यात्रा से 72 घंटे पहले का आररटीपीसीआर टेस्ट या 48 घंटे से पहले का एंटीजन टेस्ट जरूरी होता है। लेकिन यदि ये टेस्ट आपने किसी सरकारी लैब से कराए हैं तो आपको अपनी यात्रा में काफी परेशानी का सामना करना पड़ेगा। 

ऐसा इसलिए है क्योंकि कोरोना की सरकारी टेस्ट रिपोर्ट देश में ही स्थित हवाई अड्डों पर मंजूर नहीं की जा रही है। इसका कारण यह है कि सरकारी टेस्ट रिपोर्ट में क्यूआर कोड नहीं दिया जाता, जबकि 22 अप्रैल 2021 से हवाई यात्रा के लिए यह अनिवार्य किया गया है कि कोरोना टेस्ट रिपोर्ट में क्यूआर कोड होना अनिवार्य है। बिना क्यूआर कोड के रिपोर्ट स्वीकार नहीं होगी। सरकार ने नियम बना दिया जबकि सरकारी रिपोर्ट में ही क्यूआर कोड की व्यवस्था नहीं की गई है। सरकारी रिपोर्ट एक लिंक के जरिये सादा कागज पर प्रिंट मिलती है, जिसे देखकर लगता है कि इसे तो कोई भी अपने कंप्यूटर पर बैठकर बना सकता है। उधर,  प्राइवेट लैब वालों ने रिपोर्ट में क्यूआर कोड की व्यवस्था कर ली है और प्राइवेट लैब की रिपोर्ट हवाई अड्डों पर स्वीकार की जा रही है।

यह कोई सुनी-सुनाई बात नहीं है बल्कि इस लेखक का स्वयं का अनुभव है। 29 मई 2021 की रात को लेखक की पुत्री को अपनी पढ़ाई के सिलसिले में जर्मनी की यात्रा करनी थी। इसके लिए मेरठ के लाला लाजपत राय मेडिकल कॉलेज में कोरोना टेस्ट कराया था। पुत्री की खतौली निवासी सहेली भी उसके साथ जा रही थी। सहेली ने अपना टेस्ट निजी लैब से कराया था। दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर चेक-इन के दैरान वहां मौजूद स्टाफ ने बिना क्यूआर कोड वाली सरकारी टेस्ट रिपोर्ट को मानने से इनकार कर दिया। उन्हें बताया गया कि सरकारी टेस्ट रिपोर्ट में एक लिंक दिया जाता है। उस लिंक को खोलने पर ओटीपी आता है और फिर यह रिपोर्ट खुलती है, लेकिन उन्हें बिना क्यूआर कोड के कुछ भी मंजूर नहीं था।

उधर, पुत्री की सहेली आसानी से आगे बढ़ गई, क्योंकि उसकी निजी लैब वाली रिपोर्ट में क्यू आर कोड था। पुत्री अंदर जाकर फिर से बाहर आ गई। बड़े परेशान हुए। दौड़े-दौड़े वहीं पर स्थित रैपिड एंटीजन टेस्ट के काउंटर पर गए। 1200 रुपये देकर रैपिड एंटीजन टेस्ट कराया। उसकी रिपोर्ट 15-20 मिनट में आ गई। उसे लेकर पुत्री फिर से अंदर गई। उन्होंने उसे रिपोर्ट को मंजूर किया और तब जाकर राहत की सांस मिली। इससे पहले इतनी अफरातफरी का माहौल रहा कि बस पूछिए मत।

...तो यदि आप या आप का कोई परिजन आगे कभी भी हवाई यात्रा पर जाए तो कोरोना का टेस्ट निजी लैब से ही कराएं। यदि ऐसा नहीं करेंगे तो एयरपोर्ट पर बहुत परेशानी उठानी पड़ेगी।

नीचे देखिए सरकारी आरटीपीसीआर टेस्ट रिपोर्ट जिसे देखकर लगता है कि इसे कंप्यूटर पर कोई भी बना सकता है। ना कोई सरकारी लोगो है, न किसी के हस्ताक्षर हैं। बस लिखाए गए फोन नंबर पर एक लिंक भेजा जाता है। उस लिंक को खोलकर फोन नंबर डालना होता है। फोन नंबर पर ओटीपी आता है और उसे डालने पर यह रिपोर्ट खुलती है। व्यवस्था पूरी दुरुस्त है और यह साधारण रिपोर्ट भी बिना लिंक व ओटीपी के नहीं मिलती है, लेकिन यदि हवाई अड्डे के लिए क्यूआर कोड अनिवार्य किया गया है तो इसे सरकारी रिपोर्ट पर भी होना चाहिए। क्यूआर कोड भी किसी अधिकृत/मूल स्रोत या लिंक तक पहुंचने के लिए ही होता है। लेकिन सरकारी कोरोना टेस्ट रिपोर्ट पर यह नहीं है, जबकि हवाई अड्डे पर इस रिपोर्ट में क्यूआरकोड का होना जरूरी है।



- लव कुमार सिंह

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