Friday 4 June 2021

अहिल्याबाई : काफी खोज के बाद पता चला 'कृष्णावल' का अर्थ

Ahilyabai : After much search, the meaning of 'Krishnaval' was found



नौ वर्ष की बहू अहिल्या पढ़ना चाहती है। उसके ससुर और मालवा के सूबेदार मल्हार राव होल्कर बहू की इस इच्छा को पूरा करना चाहते हैं। सास गौतमा रानी और पति खांडेराव, अहिल्या को शिक्षा दिलाने के विरोध में हैं। दोनों का विरोध इसलिए तो है ही कि उस जमाने में महिलाओं को पढ़ने की मनाही थी, लेकिन इसलिए भी है क्योंकि अहिल्या अपनी बुद्धि और चातुर्य में पति खांडेराव से बीस, इक्कीस होती जा रही है। उधर, खांडेराव को उनकी मां के अतिरिक्त कोई भी आगे चलकर पिता की गद्दी संभालने के योग्य नहीं मानता है। लिहाजा, रानी ने बहू को पढ़ने से रोकने के लिए चार प्रश्नों का सही जवाब देने की शर्त रखी है। रानी को लगता है कि अहिल्या उनके प्रश्नों का उत्तर नहीं दे पाएगी और उसकी पढ़ने की इच्छा पर विराम लग जाएगा।

सास ने पहले प्रश्न के रूप में अहिल्या को एक सिक्का देकर चुनौती रखी कि वह इस एक सिक्के से खरीदारी करके एक बड़े कमरे को नीचे से ऊपर तक भरकर दिखाए। बच्ची अहिल्या ने काफी जद्दोजहद के बाद दीपक खरीदकर पूरे कमरे को रोशनी से भर दिया।

दूसरा प्रश्न एक ऐसे फल को लेकर था जिसे बाजार से नहीं खऱीदा जा सकता है और न ही किसी पेड़ आदि से प्राप्त किया जा सकता है। अहिल्या ने इसका उत्तर आशीर्वाद के रूप में दिया।

तीसरे प्रश्न में पूछा गया कि होल्कर हवेली में श्रीकृष्ण से जुड़ी ऐसी चीज क्या है जिसे कृष्णावल कहा जाता है? यहां अहिल्या चकरा गई। होल्कर हवेली में मल्हार राव होल्कर समेत सभी लोग कृष्णावल की पहेली खोजने में जुटे हैं और इधर धारावाहिक देख रहे लोग भी इसी उधेड़बुन में हैं कि कृष्णावल क्या है? एक विचार यह आया कि शायद यह चावल हो, क्योंकि कृष्ण जी ने महाभारत में एक चावल के दाने से ऋषि दुर्वासा और उनके शिष्यों का पेट भर दिया था। लेकिन अब पता चला है कि कृष्णावल प्याज को कहते हैं।

कर्नाटक और तमिलनाडु के ग्रामीण क्षेत्रों में प्याज को अभी भी कृष्णावल ही कहा जाता है। दरअसल प्याज को कृष्णावल इसलिए कहा जाता है क्योंकि जब प्याज को खड़ा काटा जाता है तो वह शंख के आकार में कटती है। जब उसे आड़ा काटा जाता है तो वह चक्र के आकार में कटती है। अब शंख और चक्र, दोनों ही कृष्ण जी धारण करते हैं। यानी एक ही प्याज में कृष्ण जी के दोनों चिह्न दिखाई देते हैं। इतना ही नहीं प्याज को यदि उसकी पत्तियों के साथ उलटा पकड़ा जाए तो वह गदा की तरह दिखती है। इसी तरह यदि उसे बगैर पत्तों के देखा जाए तो कमल की तरह दिखती है। अब गदा और कमल भी विष्णु जी धारण करते हैं। कृष्ण, विष्णु के ही मानव अवतार माने जाते हैं।

इस धारावाहिक की गति थोड़ी धीमी जरूर है, लेकिन इस धारावाहिक के प्रस्तुतीकरण ने दर्शकों को बांधकर रख दिया है। हर क्षण आगे के घटनाक्रम को लेकर उत्सुकता बनी रहती है। अंत में उत्सुकता इतनी ज्यादा बढ़ गई कि गूगल खोलकर अहिल्याबाई का इतिहास पढ़ना पड़ा।

इतिहास पढ़कर हैरानी हुई कि एक जमाने में मालवा क्षेत्र में मल्हार राव होल्कर और अहिल्याबाई होल्कर जैसे गुणी शासक हुए थे।

- लव कुमार सिंह

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