CBSE 12th Physics Paper creates outcry among students
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सर, पेपर बहुत कठिन था। आपकी ड्यूटी है कि
आप हर स्टूडेंट को पास करें। पेपर बहुत लेंथी और ट्रिकी था। ये मैथ वालों के लिए
ठीक था, लेकिन बायो वालो के लिए नहीं। टीचर भी इसे आसानी से हल नहीं कर पा रहे
हैं। सीबीएसई हिस्ट्री का ये सबसे कठिन पेपर था। हमें ग्रेस मार्क मिलने चाहिए....
कुछ ऐसी ही गुहार लगा रहे हैं 2 मार्च 2020 को सीबीएसई 12वीं का फिजिक्स का पेपर देने वाले छात्र। हमने यूपी बोर्ड के छात्रों को तो इस तरह की पास करने की गुहार लगाते देखा है, लेकिन सीबीएसई में यह पहली बार देखने को मिल रहा है। अगर छात्रों की बात सही है तो
सीबीएसई को इस पर जरूर विचार करना चाहिए।
नीचे छात्रों की कुछ और प्रतिक्रिया देखिए---
छात्रों ने फिजिक्स के सेट-1 और सेट-3 के पेपर को 'भयानक' कहा है। उल्लेखनीय है कि अलग-अलग क्षेत्र में छात्रों को अलग-अलग सेट के पेपर मिलते हैं। कुछ छात्र कह रहे हैं कि सीबीएसई ने ऐसा क्यों किया? उसे छात्रों के बारे में सोचना चाहिए था। एक सज्जन टाइम्स ऑफ इंडिया की वेबसाइट पर लिख रहे हैं कि पेपर देने के बाद उनकी पुत्री बहतु डिप्रेशन में आ गई है। वह रो रही है। प्रश्न बहुत कन्फ्यूजिंग थे। यह अब तक का सबसे खराब पेपर था।
इसके अतिरिक्त इस बार सीबीएसई की स्कीम पर भी काफी सवाल उठे। किसी पेपर में केवल एक दिन का गैप जबकि किसी में 15 दिन से ज्यादा का गैप। उदाहरण के रूप में 12वीं ह्यूमेनिटी में भूगोल का पेपर 6 मार्च के पॉलिटिकल साइंस के पेपर के बाद 16 दिन के अंतराल पर 23 मार्च को होगा। लेकिन अंग्रेजी, पॉलिटिकल साइंस के पेपर केवल 2 दिन के गैप पर करा लिए गए हैं। साइकोलॉजी के बाद फिजिकल एजूकेशन के पेपर में केवल एक दिन का गैप था। फिजिक्स के जिस पेपर से छात्र परेशान हैं, उसके लिए केवल एक दिन की छुट्टी उन्हें मिली थी।
- लव कुमार सिंह
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