Festival's side effects
त्यौहार के साइड इफेक्ट
भागो, बचो आया त्यौहारअरे-अरे आ गया त्यौहार
भागो, बचो आया त्यौहार
अरे-अरे आ गया त्यौहार।
.......
ये कौन शोर मचाता है बार-बार?
......
कुछ नहीं सर
ये मेरी जेब कर रही चीख पुकार
मेरी जेब कर रही चीख पुकार
भागो, बचो आया त्यौहार।
.....
मेरी जेब कह रही
सुन मेरे यार
सुन मेरे यार
ज्यादा मत लूटो
खुशियों की बहार
अब लुटने को तुम
हो जाओ तैयार
क्योंकि आया त्यौहार
मेरी जेब कर रही चीख पुकार।
.....
पिछले त्यौहार का
अगर करूं विचार
तो सही कह रही
मेरी जेब बरखुरदार
अब देखो ना
मेरे खाते में थे रुपये दस हजार
न ऑनलाइन धोखा हुआ
न बस में जेब ही कटी
लेकिन अचानक हो गया
जीरो बैलेंस का दीदार।
......
मैंने बैंक वाले दोस्त को फोन लगाया
क्या हुआ जरा पता कर यार
वो बोला- क्यों भांग पीकर करते हो
परेशान बार-बार
याद नहीं कल ही तो बीता है
मुंआ अपना त्यौहार
उसी में साफ हुए हैं
तुम्हारे दस हजार।
.....
फिर बोला- तुम्हारा तो खाता ही खाली हुआ
मैं तो पेट से भी हो गया लाचार
गुड़-गुड़, फट-फट
बस यही करता है बार-बार
त्यौहार में इतना खा लिया
कि अभी टॉयलेट से लौटा हूं चौथी बार।
.....
एक परिचित के घर गया पिछली बार
तो मातम से हुआ दो-चार
चारों ओर मचा था चीत्कार
पता चला अंगूर की बेटी उठा लाया था
अब किसी की बेटी उठायी थी
तो पाप तो लगना ही था
वो यम की बांदी बनकर पेट में दौड़ी
और मच गया हाहाकार।
.....
होली पर मेरे मोहल्ले में
दर्जनों घायल हुुए पिछली बार
कारण?
वही छेड़खानी, बदतमीजी, बदला
और प्रेम की ओट में नफरत का व्यापार
मन तो कसैला हुआ ही
थाने, कोर्ट के चक्कर में
जेब पर भी पड़ी मार।
.....
ये सब देखकर ही शायद
मेरी जेब कर रही चीखपुकार
भागो, बचो आया त्यौहार
तो सुन मेरे यार
जरा प्रेम से मनाओ ना त्यौहार
न जेब पर ज्यादा बोझ पड़े
न मातम की हो बौछार
चारों तरफ खुशियां दिखें
उल्लास की हो बहार।
......
- लव कुमार सिंह
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