Tuesday, 3 March 2020

दरोगा जी! आप पुलिस इंस्पेक्टर हैं या गलतियों की भरमार

Are you a police inspector or glut of mistakes?




दरोगा जी! बड़ी गलती हो गई
ना-ना, हमने कुछ नहीं किया
ना ही हमारी कोई खता है
ये ऊंगली आपकी तरफ है हमको आपसे गिला है दरोगा जी गलती आपसे हो गई। और शायद होती भी रहेगी क्योंकि आपकी खाल मोटी जो हो गई। दरोगा जी! आप मानें न मानें, बड़ी गलती हो गई...
...... अब देखिए ना, बीच आबादी जब तेजाब बनने लगा तब आंख आपकी बंद हो गई।  ऐसा होना स्वाभाविक था क्योंकि बड़ी 'थैली' जो आपके घर पहुंच गई।  उन्होंने साफ कहा कि हम देखेंगे पर आपने नहीं देखा क्योंकि नींद लग गई।  और आपके संरक्षण में बने तेजाब से खाकी की ही आंख फोड़ दी गई।  दरोगा जी! आप मानें न मानें, बड़ी गलती हो गई...
......

और वो तमंचे की फैक्ट्री भी
आपके ही संरक्षण में चलती गई।
क्योंकि वहां भी आपकी जेब
खूब-खूब गर्म की गई।
उसी फैक्ट्री के तमंचों से
ठांय-ठांय गोलियां चलीं
और कईयों के तन को वे
हमेशा के लिए ठंडा कर गईं। 
दरोगा जी! आप मानें न मानें, बड़ी गलती हो गई...
.....

वे कहते हैं कि देश को दहला देंगे
और आप नजर भी नहीं घुमाते कि 
कैसे-कैसे हथियारों की खेप
आपकी चेकपोस्ट से गुजर गई। 
बस वसूली रह गया आपका मुख्य काम
और कोठी दर कोठी बनती चली गई। 
मगर अफसोस अनेकों घर उजड़ते चले गए
और खाकी की तोंद फूलती चली गई। 
दरोगा जी! आप मानें न मानें, बड़ी गलती हो गई...
....

गांव जाता हूं, किशोरों पर तमंचा दिख जाता है
कालेज में छात्रों की लड़ाई में तमंचे पर नजर अटक गई। 
शादियों में तमंचे से फायरिंग आम है
जिनमें कइयों की जान चली गई। 
चेन लुटेरे व झपटमार भी तमंचा लेकर चलते हैं अब
याद है स्याना में कैसे गोली इंस्पेक्टर के शरीर के पार निकल गई। 
तमंचे ही तमंचे, कट्टे ही कट्टे
कैसे इनकी दुकान इतनी बढ़ गई
'तमंचे पर डिस्को' फिल्म आई थी
लेकिन अब तो तमंचे पर भारतीयों की जान ही अटक गई। 
दरोगा जी! आप माने न मानें, बड़ी गलती हो गई...  

(नोट- सारी पुलिस भ्रष्ट नहीं है, लेकिन बहुत सारी ऐसी ही है, इसीलिए यह बात लिखी गई। रक्षक यदि भक्षक बन जाएगा तो समझिए कानून-व्यवस्था की वाट लग गई।)

- लव कुमार सिंह
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