Tuesday 7 July 2020

आज एक कैप्टन (धोनी) का जन्मदिन है तो दूसरे कैप्टन (विक्रम बत्रा) का शहीदी दिवस

Today is the birthday of one Captain (Dhoni) and martyrdom day of another (Vikram Batra)


  • एक कैप्टन कूल है तो दूसरा कैप्टन जोश था
  • One is Captain Cool and the other was Captain Josh
  • एक ने कई विश्व कप जीते तो दूसरे ने अदम्य साहस और शौर्य से 'परमवीर चक्र' पाया
  • One won many World Cups, the other got 'Paramveer Chakra' with indomitable courage and bravery
  • एक की प्रेमिका को ईश्वर ने छीन लिया तो दूसरा अपनी प्रेमिका से अलग हो ईश्वर के पास चला गया
  • One's girlfriend was taken away by God and the other separated from his girlfriend and went to God.


आज भारतीय क्रिकेट टीम के सबसे सफल कप्तान रहे महेंद्र सिंह धोनी का जन्मदिन है तो कारगिल युद्ध के हीरो कैप्टन विक्रम बत्रा का शहीदी दिवस या पुण्यतिथि है। महेंद्र सिंह धोनी की कहानी पढ़ते हुए जहां जोश, परिश्रम और जीवटता जैसी चीजें ध्यान में आती हैं तो कैप्टन विक्रम बत्रा की कहानी पढ़ते हुए अदम्य साहस, शौर्य, पराक्रम दिलो-दिमाग पर छा जाते हैं। कैप्टन विक्रम बत्रा की कहानी कई बार आंखें नम कर देती है।

महेंद्र सिंह धोनी ने जहां कप्तान के रूप में भारत के लिए टी-20 विश्व कप, चैंपियंस ट्राफी और वन-डे विश्व कप जीतने जैसा कारनामा किया तो कैप्टन विक्रम बत्रा ने अपने और अपनी टुकड़ी के अदम्य साहस व शौर्य से 1999 में कारगिल युद्ध के दौरान वे आसमान चूमतीं चोटियां भारत को वापस दिलाईं, जिन पर पाकिस्तानी फौज ने कब्जा कर लिया था। इस दौरान शेर और शेरशाह जैसे उप नाम वाले कैप्टन विक्रम बत्रा ने आमने-सामने की गुत्थमगुत्था लड़ाई में कई पाकिस्तानी सैनिकों को मार गिराया। हालांकि अपने एक सैनिक साथी को बचाने के प्रयास में वे मात्र 24-25 वर्ष की आयु में वीरगति को प्राप्त हुए और उन्हें मरणोपरांत भारत के सर्वोच्च सैनिक सम्मान ‘परमवीर चक्र’ से सम्मानित किया गया।

महेंद्र सिंह धोनी जहां कैप्टन कूल कहे जाते हैं वहीं कैप्टन विक्रम बत्रा एक बेहद हंसमुख, मुखर और कैप्टन थे। जब उन्होंने कारगिल की एक चोटी को पाकिस्तानी कब्जे से मुक्त कराया था तो रेडियो संदेश पर उन्होंने बेबाक कहा था- ‘ये दिल मांगे मोर’। इस वाक्य को सुनकर सारा देश भाव-विभोर हो गया था और उनके साथियों को जोश दूना हो गया था। इससे पहले अपने घर (पालमपुर, हिमाचल प्रदेश) पर प्रवास के दौरान जब उनके दोस्तों ने उनसे कहा था कि अब तुम सेना में चले गए हो, इसलिए अपना ख्याल रखना तो कैप्टन विक्रम बत्रा ने कहा था कि ‘चाहे तिरंगा फहराकर आऊं या तिरंगे में लिपटकर आऊं, लेकिन मैं आऊंगा जरूर।’

भारतीयों के इन दोनों रियल हीरो के जीवन की एक और कहानी का कंट्रास्ट हमें सोचने पर मजबूर कर देता है। वो कहानी ये कि कैप्टन विक्रम बत्रा चंडीगढ़ निवासी डिंपल चीमा नाम की एक लड़की से प्रेम करते थे, लेकिन कैप्टन शहीद हो गए और डिंपल चीमा उनसे शादी नहीं कर सकीं। इसी प्रकार महेंद्र सिंह धोनी की जिंदगी में साक्षी धोनी से पहले प्रियंका झा नाम की लड़की आई थी। प्रियंका की एक हादसे में मौत हो गई और धोनी उससे शादी नहीं कर सके। हालांकि धोनी ने बाद में खुद को संभालकर साक्षी से शादी कर ली, लेकिन कैप्टन विक्रम बत्रा की प्रेमिका डिंपल चीमा ने ताउम्र शादी नहीं करने का फैसला किया।


मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार यह तस्वीर कैप्टन विक्रम बत्रा और डिंपल चीमा की है

डिंपल चीमा इस समय 47 साल की हैं। कैप्टन विक्रम बत्रा जीवित होते तो 45 साल के होते। डिंपल चीमा पंजाब सरकार के एक स्कूल में कक्षा 6 से 10 के बच्चों को पढ़ाती हैं। बीबीसी के अनुसार परमवीर चक्र विजेताओं पर किताब लिखने वाली रचना बिष्ट रावत को डिंपल चीमा ने बताया था कि पिछले 20 सालों में उन्होंने विक्रम को हर दिन याद किया है। एक बार दोनों ने नादा साहेब गुरुद्वारे की परिक्रमा की तो विक्रम ने डिंपल को बधाई देते हुए कहा था कि सिख धर्म के अनुसार अब वे पति-पत्नी बन गए हैं। जब विक्रम शहीद हुए तो डिंपल पालमपुर पहुंची लेकिन मीडिया की मौजूदगी के कारण विक्रम के पार्थिव शरीर के पास नहीं गईं और चंडीगढ़ लौट गईं।

उधर, महेंद्र सिंह धोनी भी अपनी प्रेमिका प्रियंका झा की सड़क हादसे में मौत के बाद बिल्कुल टूट से गए थे। प्रियंका धोनी की जिंदगी में तब आई थी जब वह क्रिकेट के सितारे नहीं बने थे। वे प्रियंका से शादी भी करना चाहते थे, लेकिन प्रियंका की असमय मौत के कारण यह संभव नहीं हो सका। प्रियंका की मौत ने धोनी को बहुत हताश कर दिया थाष हालांकि फिर वह संभले और अपने खेल पर ध्यान लगाया और फिर सफलता की नई ऊंचाइयों पर पहुंच गए।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनसुार यह तस्वीर धोनी और प्रियंका झा की है

महेंद्र सिंह धोनी को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं और कैप्टन विक्रम बत्रा को शत-शत नमन। इन दोनों ही नायकों का परिश्रम, धैर्य, जीवटता, जोश, साहस, शौर्य, पराक्रम हमें प्रेरणा देता रहेगा।

- लव कुमार सिंह

ये रोचक पोस्ट भी जरूर पढ़ें...

  • धोनी को दक्षिण भारत के प्रशंसक तलै/थलै क्यों कहते हैं?

https://stotybylavkumar.blogspot.com/2020/07/On-Dhoni-birthday-he-is-being-called-Thala-What-does-Thala-mean.html

Image

  • धोनी जिस मुर्गे का पालन कर रहे हैं, वह मुर्गों का बाप क्यों कहलाता है?

https://stotybylavkumar.blogspot.com/2020/05/Miracle-cock-kadaknath.html



No comments:

Post a Comment