Sunday 26 July 2020

कैप्टन विक्रम बत्रा ने बता दिया था अपने नाम का सही अर्थ

Captain Vikram Batra told the correct meaning of his name


  • कारगिल विजय दिवस पर याद आ रहा है कैप्टन विक्रम बत्रा का अदम्य शौर्य और साहस
  • Captain Vikram Batra's indomitable valor and courage is missing on Kargil Vijay Diwas
  • विक्रम का अर्थ होता है वीरता, जो उनके व्यक्तित्व में रची-बसी थी
  • Vikram means valor, which was established in his personality
  • उनकी प्रेमिका आज भी उन्हें शिद्दत से याद करती है, उन्होंने जिंदगीभर शादी न करने का फैसला किया है
  • His girlfriend still remembers him deeply, she has decided not to get married for a lifetime




अभी 7 जुलाई को हमने कारगिल युद्ध के हीरो कैप्टन विक्रम बत्रा को उनके शहीदी दिवस या पुण्यतिथि पर याद किया था और करीब 20 दिन बाद 26 जुलाई को कारगिल विजय दिवस आ गया। कितने अनोखे थे वो शहीद जो अपनी मातृभूमि के लिए अपनी जान न्यौछावर कर गए। जब भी कैप्टन विक्रम बत्रा की तस्वीर आंखों के सामने आती है तो अदम्य साहस, शौर्य, पराक्रम और जोश दिलो-दिमाग पर छा जाते हैं। विक्रम का अर्थ वीरता होता है और कैप्टन बत्रा ने दुश्मनों को अपने नाम का अर्थ क्या खूब समझाया था। कैप्टन विक्रम बत्रा की कहानी कई बार हमारी आंखें नम कर देती है।

कैप्टन विक्रम बत्रा ने अपने और अपनी टुकड़ी के अदम्य साहस व शौर्य से 1999 में कारगिल युद्ध के दौरान वे आसमान चूमतीं चोटियां भारत को वापस दिलाईं, जिन पर पाकिस्तानी फौज ने कब्जा कर लिया था। इस दौरान शेर और शेरशाह जैसे उप नाम वाले कैप्टन विक्रम बत्रा ने आमने-सामने की गुत्थमगुत्था लड़ाई में कई पाकिस्तानी सैनिकों को मार गिराया। हालांकि अपने एक सैनिक साथी को बचाने के प्रयास में वे मात्र 24-25 वर्ष की आयु में वीरगति को प्राप्त हुए और उन्हें मरणोपरांत भारत के सर्वोच्च सैनिक सम्मान ‘परमवीर चक्र’ से सम्मानित किया गया।

कैप्टन विक्रम बत्रा एक बेहद हंसमुख, मुखर और जोशीले कैप्टन थे। जब उन्होंने कारगिल की एक चोटी को पाकिस्तानी कब्जे से मुक्त कराया था तो रेडियो संदेश पर उन्होंने बेबाक कहा था- "ये दिल मांगे मोर"। इस वाक्य को सुनकर सारा देश भाव-विभोर हो गया था और उनके साथियों को जोश दूना हो गया था। उनका यह वाक्य उनके साथियों के बीच कारगिल युद्ध का जैसे विजय घोष बन गया था।

इससे पहले अपने घर (पालमपुर, हिमाचल प्रदेश) पर प्रवास के दौरान सीमा पर तनाव की खबरों के बीज जब उनके दोस्तों ने उनसे कहा था कि अब तुम सेना में चले गए हो, इसलिए अपना ख्याल रखना तो कैप्टन विक्रम बत्रा ने कहा था कि "चाहे तिरंगा फहराकर आऊं या तिरंगे में लिपटकर आऊं, लेकिन मैं आऊंगा जरूर।"

कैप्टन विक्रम बत्रा चंडीगढ़ निवासी डिंपल चीमा नाम की एक लड़की से प्रेम करते थे, लेकिन कैप्टन शहीद हो गए और डिंपल चीमा उनसे शादी नहीं कर सकीं। कैप्टन विक्रम बत्रा की प्रेमिका डिंपल चीमा ने ताउम्र शादी नहीं करने का फैसला किया।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार यह तस्वीर कैप्टन विक्रम बत्रा और डिंपल चीमा की है

डिंपल चीमा इस समय 47 साल की हैं। कैप्टन विक्रम बत्रा जीवित होते तो 45 साल के होते। डिंपल चीमा पंजाब सरकार के एक स्कूल में कक्षा 6 से 10 के बच्चों को पढ़ाती हैं। बीबीसी के अनुसार परमवीर चक्र विजेताओं पर किताब लिखने वाली रचना बिष्ट रावत को डिंपल चीमा ने बताया था कि पिछले 20 सालों में उन्होंने विक्रम को हर दिन याद किया है। 

एक बार दोनों ने नादा साहेब गुरुद्वारे की परिक्रमा की तो विक्रम ने डिंपल को बधाई देते हुए कहा था कि सिख धर्म के अनुसार अब वे पति-पत्नी बन गए हैं। जब विक्रम शहीद हुए तो डिंपल पालमपुर पहुंची लेकिन मीडिया की मौजूदगी के कारण विक्रम के पार्थिव शरीर के पास नहीं गईं और चंडीगढ़ लौट गईं।

कारगिल विजय दिवस पर कैप्टन विक्रम बत्रा को शत-शत नमन। उनका परिश्रम, धैर्य, जीवटता, जोश, साहस, शौर्य, पराक्रम हमें हमेशा प्रेरणा देता रहेगा।

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- लव कुमार सिंह

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