Be it Modi, Dhoni or me… If the decision is successful then Balle-Balle, otherwise Thalley-Thalley
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दोस्तो, पिछले दिनों अपने दो फैसले काफी चर्चा
में रहे। देश में नहीं, घर में।
पहला फैसला
होली से पहले जब घर का राशन लेने निकला तो मुझे
निश्चित पूर्वानुमान हो रहा था कि कोरोना (#Corona) जो करेगा सो करेगा, लेकिन राशन-तेल को लेकर दौड़ जरूर लगेगी। मैं वैसे भी ज्यादातर सामान
महीने में एक बार ही लाता हूं, इसलिए जब 20 और 24 मार्च के ऐलान हुए तो मुझे बाजार में नहीं
दौड़ना पड़ा। फैसला फल गया। पत्नी की नजरों और बातों में हम काफी समझदार नजर आए।
दूसरा फैसला
संपूर्ण लॉकडाउन के पहले या दूसरे दिन यूपी के बारे
में कहीं पढ़ा कि यदि लॉकडाउन में लोग नहीं माने तो कर्फ्यू भी लग सकता है। घर में
थोड़े से ही आलू बचे थे। बाहर एक सब्जी वाले ने आवाज लगाई। मैंने पत्नी से कहा- कल
को कर्फ्यू भी लग सकता है, इसलिए पांच-दस किलो आलू ले लो। पत्नी
बोली- ये वो सब्जी वाला नहीं है जिससे मैं सब्जी लेती हूं। ये महंगा देता है।
मैंने कर्फ्यू का हवाला दिया और जोर देकर कहा कि इसी से ले लो। पत्नी ने महंगे दाम
पर दस किलो आलू ले लिए। कर्फ्यू नहीं लगा। अगले दिन हमसे हिला हुआ (फैमिलियर)
सब्जी वाला भी आ गया। उसके रेट 10 रुपये कम थे। बस, तब से आज तक बाहर सब्जी वाले आवाज लगाते हैं और अंदर मुझे सुनना पड़ता है।
‘अगर यूं हड़बड़ी न दिखाते तो उस दिन वो सब्जी वाला हमें
लूटकर न ले जाता।’
यही हाल धोनी (#MSDhoni) का है। बंदे के ज्यादातर फैसले फले और वह
महान क्रिकेटर कहलाने लगा। अब बंदे ने बल्ला, ग्लब्ज अलग रखके फैसला किया कि सीधे
आईपीएल में उतरूंगा और टी-20 विश्व कप खेलूंगा। आज आईपीएल
आयोजन के ही लाले पड़े हैं और धोनी की सांस अटकी पड़ी है।
मोदी (#NarendraModi) भी कहां इससे अलग हैं। भारत में कोरोना से कम
जनहानि हुई तो सारे सवाल, किंतु-परंतु पीछे छूट जाएंगे। लेकिन
इसका उल्टा हुआ तो मोदी को सवालों की सुनामी के लिए तैयार रहना चाहिए। शायद कोरोना
से लड़ते-लड़ते वे इन सवालों का जवाब भी जरूर सोच रहे होंगे।
यह सब देखकर लगता है कि चार प्राणियों के घर में, 11 खिलाड़ियों
की टीम में और 130 करोड़ के देश में जमीन-आसमान का अंतर जरूर
है लेकिन जहां तक फैसलों की बात है तो हर जगह जिसका फैसला फल जाता है, अच्छा परिणाम दे जाता है, वही जीनियस हो जाता है,
मास्टर स्ट्रोक हो जाता है, चाणक्य हो जाता है,
वरना तो मोदी हो, धोनी हो या मेरे जैसा आम
आदमी, किसी में कुछ ज्यादा अंतर नहीं है।
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