Tuesday, 21 April 2020

Planning of News Gathering in Print Media (प्रिंट मीडिया में समाचार संकलन की योजना)

Print Media Editing and layout : Planning of News Gathering



Planning of News Gathering
समाचार संकलन की योजना

प्रश्न- ब्यूरो क्या है? समाचार संकलन में इसकी क्या भूमिका है?

उत्तर- समाचार पत्रों में समाचारों को लाने या उत्पन्न करने और लिखने के लिए समाचार ब्यूरो (news bureau) दफ्तर बनाए जाते हैं। ब्यूरो दफ्तर वह स्थान होते हैं जहां पर संवाददाताओं के समूह एक साथ बैठकर समाचार लिखते हैं।

ब्यूरो का अर्थ

शाब्दिक रूप में ब्यूरो के दो अर्थ हैं- एक तो ब्यूरो का अर्थ ऐसी लिखने वाली डेस्क से है जिसमें दराज (ड्राअर) होती हैं और जिसकी ऊपरी सतह बैठने वाले व्यक्ति की तरफ झुकी रहती है ताकि लिखने में आसानी हो।
ब्यूरो का दूसरा अर्थ एक ऐसे दफ्तर या विभाग से है जो किसी विशेष काराबोर के आदान-प्रदान का काम करता है। चूंकि समाचार पत्र में संवाददाताओं का दफ्तर समाचारों का आदान-प्रदान करता है, इसलिए इसे समाचार ब्यूरो कहा जाता है।
समाचार ब्यूरो के कई स्तर होते हैं। जैसे यदि मेरठ के किसी समाचार पत्र का उदाहरण लें तो उसके निम्नलिखित ब्यूरो ऑफिस हो सकते हैं-

  • एक ब्यूरो देश की राजधानी दिल्ली में, जहां से राष्ट्रीय समाचार भेजे जाते हैं।
  • एक ब्यूरो प्रदेश की राजधानी लखनऊ में जहां से प्रादेशिक समाचार भेजे जाते हैं।
  • दूसरे प्रदेश की राजधानियों में स्थित ब्यूरो।
  • एक मेरठ में स्थानीय ब्यूरो, जहां स्थानीय संवाददाता समाचार लिखते हैं।
  • मेरठ के आसपास के विभिन्न जिलों, कस्बों में स्थित ब्यूरो जहां से उन जिलों के समाचार भेजे जाते हैं।

समाचार संकलन में ब्यूरो की भूमिका

समाचार संकलन में समाचार पत्रों के ब्यूरो दफ्तर बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
  • जिन समाचार पत्रों का ब्यूरो नेटवर्क मजबूत होता है, वे खबरों के मामले में दूसरे समाचार पत्रों से आगे रहते हैं।
  • अखबारों में एक्सक्लूसिव खबरें भी ब्यूरो दफ्तरों से ही प्राप्त होती हैं।
  • चूंकि एजेंसी की खबरें सभी अखबारों के पास होती है, इसलिए कोई अखबार अपने ब्यूरो की खबरों के कारण ही दूसरे अखबार से अलग प्रस्तुति दे पाता है।
  • मजबूत ब्यूरो के कारण ही कोई समाचार पत्र किसी घटना को अन्य अखबारों के मुकाबले अपने पाठकों तक जल्द और ज्यादा बेहतर तरीके से पहुंचा पाता है।
  • इन सभी ब्यूरो में रोजाना सुबह 10 बजे के आसपास संवाददाताओँ की नियमित बैठकें होती हैं। बैठक में खबरों और अखबारों की चर्चा के बाद सभी संवाददाता खबरें प्राप्त करने के लिए फील्ड में निकल जाते हैं।
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बीट क्या है? अखबार में इसका क्या महत्व है?


बीट- इसका शाब्दिक अर्थ है, ऐसा रास्ता जिस पर कोई व्यक्ति नियमित रूप से चले। जैसे पुलिस में सिपाही की एक बीट होती है अर्थात उसे एक ऐसा इलाका सौंपा जाता है जहां का उसे नियमित खोज-खबर रखनी होती है। उसी प्रकार समाचार पत्र में संवाददाताओं को खबरों के लिए एक क्षेत्र दिया जाता है जिसे बीट कहा जाता है। किसी को शिक्षा का क्षेत्र मिलता है तो किसी को बिजली का, किसी को नगर निगम का क्षेत्र मिलता है तो किसी को कैंट बोर्ड का।

बीट का फायदा
  • किसी क्षेत्र की खबरों पर एक संवाददाता की लगातार नजर बनी रहती है।
  • कुछ ही समय में वह उस क्षेत्र की हर गतिविधि से रूबरू हो जाता है और खबर को खोजने के लिए उसके कई स्रोत बन जाते हैं।
  • उस क्षेत्र के लोगों को भी यह पता होता है कि खबर किस व्यक्ति को देनी है।
  • इससे उस क्षेत्र में खबरों की निरंतरता बनी रहती है और संवाददाता का अभ्यास बनने से उस क्षेत्र से विशेष (एक्सक्लूसिव) खबरें भी निकलकर सामने आती हैं।)
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खबरें जुटाने की योजना


समाचार पत्र के मुख्यालय में या इसके ब्यूरो दफ्तर में खबरों की योजना बनाने के लिए नियमित रूप से बैठक का आयोजन किया जाता है। इन बैठकों में खबरें जुटाने के लिए निम्नलिखित प्रकार से योजना बनाई जाती है।

इवेंट या आयोजन की खबरें

सबसे पहले यह देखा जाता है कि आज शहर में कौन-कौन से प्रमुख आयोजन होने वाले हैं। ज्यादातर ऐसे आयोजनों के आयोजक पूर्व में ही समाचार पत्र के दफ्तर में अपने आयोजन की तिथि और समय की जानकारी भेज देते हैं। प्रमुख आयोजन की सूची देखकर संपादक, समाचार संपादक या ब्यूरो के प्रभारी अलग-अलग संवाददाताओं को अलग-अलग आयोजनों को कवर करने की जिम्मेदारी सौंप देते हैं।

फॉलोअप खबरें

इसके बाद उस दिन के समाचार पत्र में छपी यानी पिछले दिन की उन खबरों पर गौर किया जाता है जिनमें आज भी खबर आने की संभावना है। जैसे कुछ दिन पहले किसी डॉक्टर या उद्यमी का अपहरण हो गया है और अभी तक उसकी बरामदगी नहीं हो पाई है। शहर में उसे लेकर उबाल है तो उस विषय पर खबर लिखना जरूरी हो जाता है। पाठकों को भी यह जानने की उत्सुकता होती है कि फलां मामले में आगे क्या हुआ है। ऐसी खबरों को समाचार पत्र की भाषा में फॉलोअप न्यूज कहा जाता है।

विशेष या एक्सक्लूसिव

इससे बाद प्रत्येक संवाददाता से पूछा जाता है कि उनकी बीट पर आज क्या नया है और वे किस प्रकार की अलग खबर देने वाले हैं। प्रत्येक संवाददाता को अपनी बीट की एक से दो खबरें ऐसी बतानी होती हैं जो रोजाना की सामान्य खबरों से अलग हटकर होती हैं और जिनके दूसरे समाचार पत्रों में होने की संभावना नहीं होती है।

राष्ट्र/राज्य की खबरों से संबद्धता

खबरों की योजना बनाते समय राष्टीय और राज्य की खबरों को भी ध्यान में रखा जाता है और यह देखा जाता है कि क्या किसी खबर का हमारे शहर से, जिले से या समाचार पत्र के प्रसार क्षेत्र से कोई संबंध है। जैसे शहर, जिले या क्षेत्र के किसी खिलाड़ी का राष्ट्रीय टीम में चयन हुआ है तो खबर के जरिये उस खिलाड़ी के शहर से जुड़ाव और उसके परिवार के बारे में पाठकों को जानकारी देने की योजना बनाई जाती है। हाईस्कूल या इंटर का का रिजल्ट आया है और शहर या जिले कि किसी छात्र-छात्रा ने टॉपर्स में जगह बनाई है तो उस छात्र-छात्रा व उसके परिवार के बारे में पाठकों को जानकारी देने की योजना बनती है।

बड़े मुद्दों से संबद्धता

देश, राज्य या जिले/शहर में उस दिन या पिछले कुछ दिनों के बड़े मुद्दे पर भी कई प्रकार की खबरों की योजना बनाई जाती है। जैसे किसी मुद्दे पर विशेषज्ञों की राय छापना, लोगों से बात करके परिचर्चा छापना आदि।
इस प्रकार से खबरों की योजना बनाने के बाद संवाददाताओं को फील्ड में रवाना कर दिया जाता है। संवाददाता पूरे दिन फील्ड में रहते हैं। इस दौरान कोई नई खबर पता चलती है तो उन पर भी काम शुरू हो जाता है।                   
फील्ड से लौटकर शाम को एक बार फिर से संवाददाता एक जगह जुटते हैं और संपादक या अपने इंचार्च को अपने द्वारा जुटाई गई खबरों की फाइनल सूची सौंपते हैं। इसी प्रकार की सूचियां राज्य ब्यूरो, राष्ट्रीय ब्यूरो और कस्बों, तहसीलों में स्थिति ब्यूरो से आती हैं। इस प्रकार से शाम तक अलग-अलग क्षेत्र की खबरों की पर्याप्त सूची तैयार हो जाती है। शाम होते-होते सूची के साथ ही डेस्क पर खबरों के आने की शुरुआत भी हो जाती है।

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प्रश्न- समाचार पत्र कार्यालय में डेस्क को समाचार कहां-कहां से मिलते हैं?

उत्तर- समाचार पत्र कार्यालय में मौजूद किसी डेस्क को समाचार कई स्रोतों से प्राप्त होते हैं। उदाहरण के लिए खेल डेस्क को लेते हैं। खेल डेस्क पर निम्नलिखित स्रोतों से समाचार आ सकते हैं-

  • एजेंसी से भेजे गए अंतरराष्ट्रीय या राष्ट्रीय समाचार
  • समाचार पत्र के राष्ट्रीय ब्यूरो में मौजूद खेल संवाददाता द्वारा भेजे गए समाचार
  • स्थानीय स्तर पर खेल संवाददाता द्वारा भेजे गए समाचार
  • स्थानीय स्तर पर मिली खेल की विज्ञप्तियों के समाचार
  • समाचार पत्र के दूसरे शहर में स्थित कार्यालय से प्राप्त समाचार
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समाचार के स्रोत News sources

कभी भी कोई समाचार निश्चित समय या स्थान पर नहीं मिलते। समाचार संकलन के लिए संवाददाताओं को क्षेत्र में घूमना होता है, क्योंकि कहीं भी कोई ऐसी घटना घट सकती है, जो एक महत्वपूर्ण समाचार बन सकती है। समाचार प्राप्ति के कुछ महत्वपूर्ण स्रोत निम्न हैं-

संवाददाता- 

टीवी और समाचार-पत्रों में संवाददाताओं की नियुक्ति इसलिए होती है कि वह दिन भर की महत्वपूर्ण घटनाओं का संकलन करें और उन्हें समाचार का स्वरूप दें।

समाचार समितियाँ- 

देश-विदेश में अनेक ऐसी समितियाँ हैं जो विस्तृत क्षेत्रों के समाचारों को संकलित करके अपने सदस्य अखबारों और टीवी को प्रकाशन और प्रसारण के लिए प्रस्तुत करती हैं। मुख्य समितियों में पी.टी.आई. (भारत), यू.एन.आई. (भारत), ए.पी. (अमेरिका),  ए.एफ.पी. (फ्रान्स), रॉयटर (ब्रिटेन) आदि हैं।

प्रेस विज्ञप्तियाँ- 

सरकारी विभाग, सार्वजनिक अथवा व्यक्तिगत प्रतिष्ठान तथा अन्य व्यक्ति या संगठन स्वयं से संबंधित समाचार को सरल और स्पष्ट भाषा में लिखकर ब्यूरो आफिस में प्रकाशन के लिए भिजवाते हैं। इन्हें ही प्रेस विज्ञप्ति, प्रेस रिलीज, हैंड आउट आदि कहते हैं।

पुलिस विभाग- 

सूचना का सबसे बड़ा केन्द्र पुलिस विभाग होता है। पूरे जिले में होनेवाली सभी घटनाओं की जानकारी पुलिस विभाग की होती है। पुलिसकर्मी या प्रेस के प्रभारी इन सूचनाओं को संवाददाताओं को बताते हैं।

सरकारी विभाग- 

पुलिस विभाग के अतिरिक्त अन्य सरकारी विभाग समाचारों के केन्द्र होते हैं। संवाददाता स्वयं जाकर खबरों का संकलन करते हैं अथवा यह विभाग अपनी उपलब्धियों को समय-समय पर प्रकाशन हेतु समाचार-पत्र और टीवी कार्यालयों को भेजते रहते हैं।

चिकित्सालय-

शहर के स्वास्थ्य संबंधी समाचारों के लिए सरकारी चिकित्सालयों अथवा बड़े प्राइवेट अस्पतालों से महत्वपूर्ण सूचनाएँ प्राप्त होती हैं।

कॉरपोरेट आफिस- 

निजी कम्पनियों के आफिस अपनी कम्पनी से सम्बन्धित समाचारों को देने में दिलचस्पी रखते हैं। टेलीविजन में कई चैनल व्यापार पर आधारित हैं।

न्यायालय- 

जिला अदालतों के फैसले व उनके द्वारा व्यक्ति या संस्थाओं को दिए गए निर्देश समाचार के प्रमुख स्रोत हैं।

साक्षात्कार- 

विभागाध्यक्षों अथवा अन्य विशिष्ट व्यक्तियों के साक्षात्कार समाचार के महत्वपूर्ण अंग होते हैं।

समाचारों का फॉलो-अप या अनुवर्तन- 

महत्वपूर्ण घटनाओं की विस्तृत रिपोर्ट से रुचिकर समाचार बनते हैं। दर्शक चाहते हैं कि बड़ी घटनाओं के सम्बन्ध में उन्हें सविस्तार जानकारी मिलती रहे। इसके लिए संवाददाताओं को घटनाओं की तह तक जाना पड़ता है।

पत्रकार वार्ता- 

सरकारी तथा गैर सरकारी संस्थान अक्सर अपनी उपलब्धियों को प्रकाशित करने के लिए पत्रकारवार्ता का आयोजन करते हैं। उनके द्वारा दिए गए वक्तव्य समृद्ध समाचारों को जन्म देते हैं।

उपर्युक्त स्रोतों के अतिरिक्त सभा, सम्मेलन, साहित्यिक व सांस्कृतिक कार्यक्रम, विधानसभा, संसद, मिल, कारखाने और वे सभी स्थल जहाँ सामाजिक जीवन की घटना मिलती है, समाचार के महत्वपूर्ण स्रोत होते हैं।
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Planning of News Gathering


What is the bureau? How does it work in the news compilation?

In newspapers, news bureau offices are stablished for news collection, news writing and sending the news. Bureau offices are those places, where reporters sit together and write the news.
There are many levels of bureau offices. If we take an example of a newspaper of Meerut, following are the levels of bureau offices of this newspaper.

  • One bureau is in national capital from where national news are sent.
  • One bureau is in state capital from where state level news are sent.
  • Bureau offices situated in other state’s capitals.
  • Local bureau in Meerut where local reporters write the news.
  • Bureau offices situated in nearby districts and towns frome where news of those districts and towns are sent.

Importance of bureau in news gathering


Bureaus of newspapers play important role in news gathering.
  • The newspapers having strong bureau network, always stay ahead in news gathering in comparison of other newspapers.
  • In newspapers, exclusive news also received from bureau offices.
  • Every newspaper has agency news. So, the difference in news presentation can possible only with the help bureau offices.
  • Only because of the strong bureau, a newspaper capable to send quicker and better news to its readers than that of other newspapers.

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What is beat and what are its advantages?


Beat

It literally means, a way on which a person goes on a regular basis, like a beat of a constable in a police force. In this, a constable is assigned an area where he has to keep regular inquiries.
In the same way, in the newspaper, reporters are given an area for news gathering and news writing, which is called Beat.
If someone gets the area of ​​education then someone else's gets area of electricity.If someone gets the area of ​​the municipal corporation, then other gets area of cantonment board.

Advantages of beat

  • A reporter keeps a constant eye on the news of a particular area.
  • In a short time, he gets habitual with every activity in that area and develops many source of information to find the news.
  • People in that area also know which person they should give the news.
  • This keeps the news consistency in that area and by becoming a reporter's practice, special (exclusive) news comes out from that area.)
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Planning of news gathering


A regular meeting is organized to create news plans in the headquarters of the newspaper or in its bureau office. In these meetings, plans are organized in the following ways to gather news-

News of events

First of all it is seen that what are the major events in the city today? Most of the organizers of such events send information about the date and time of the event in the newspaper office itself. Looking at the list of major events, the editor, the news editor or the bureau in-charge assign the responsibility of reporters for covering different events.

Follow up News

After that, the newspapers of the present day are seen. In this, editor focuses on the news that is likely to be a development. For example, a doctor or entrepreneur has been abducted a few days ago and his recovery has not yet been done. If there is anger in the city, then it is important to write news on that topic. Readers also have the curiosity to know what happened next in the case. Such news is called follow up news in the language of newspapers.

Special or exclusive

After this, every reporter is asked what is new on his beat and what kind of different news he is going to give. Each correspondent has to tell one or two news reports of his beat that are separate from the usual daily news and are not likely to be in other newspapers.

Associations of news of nation / state

While planning news, national and state affairs are also kept in mind and it is seen whether any news has any connection with our city, district or circulation areas of newspapers. As a player of the city, district or region has been selected in the national team, then the news is planned to give information about the connection of the player with the city and information about his family. The result of high school or intermediate has come and if a student of the city or district has made a place in the toppers, then the editor plans to give information about the student and his family.

Affiliation with big issues

Several types of news are planned on the big issue of that day or the last few days in the country, state or district / city.Such as publishing opinion of the experts on any issue, talking to people, making interviews etc.

Final list

After such news plans, the reporters are sent to the field. Correspondents live in the field all day. If there is new news in the mean time, the work starts on them too.
Returning from the field, once again in the evening, the reporter gathers in one place and handed over the final list of the news to the editors or to their incharch. Similar lists come from state bureau, national bureau and bureau in towns and tehsils. In this way, sufficient list of news reports from different areas is ready till evening.

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News sources

News never get at certain times or places. For news compilation, reporters have to roam the area, because there can be an incident happening anywhere, which can be an important news. Some important sources of news receipt are:

Correspondent-

The appointment of reporters in TVs and newspapers is made for compile important events throughout the day and give them the news form.

News agencies-

There are many agencies in the country and abroad which compile the news of the broad areas and present them to their members like newspapers and TVs for publication and broadcasting. PTI (India), UNI (India), AP (America), AFP (France), Reuters (UK) etc. are the main news agencies in India and abroad.

Press Releases-

Government departments, public or personal establishments and other persons or organizations send news related to them in simple and clear language to the Bureau Office for publication. These are called press releases.

Police Department-

The biggest center of information is the police department. All the incidents in the entire district are reported to the police department. The policeman or the in-charge of the press tells this information to the reporters.

Government departments-

Other government departments other than Police are also news centers. The correspondents themselves compile the news or the department keeps sending their achievements from time to time to newspapers and TV offices.

Hospitals-

For health related news of the city, important information are received from government hospitals or major private hospitals.

Corporate Office-

The private companies' offices are interested in giving news related to their company. Many channels in television are based on business.

Courts-

The decisions of district courts and the instructions given by them to individuals or institutions are the main sources of news.

Interviews-

Interviews of the Heads of the departments or other special people are important parts of the news.

Follow up-

Detailed reports of important events are made of interesting news. Viewers want them to get detailed information regarding the big events. For this, reporters have to go to the bottom of the events.

Press Conference-

Government and non-governmental organizations often organize a press conference to publish their achievements. The statements given by them give birth to rich news.

In addition to the above sources, meetings, conferences, literary and cultural programs, Assembly, Parliament, mill, factory and all the places where social life event gets, are important sources of news. 
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