News Writing Basics
Structure of News Story
किसी समाचार की
संरचना या ढांचे को हम तीन भागों में बांटकर अच्छी तरह समझ सकते हैं। ये तीन भाग
हैं-
1-
शीर्षक
2-
मुखड़ा या इंट्रो या लीड,
3-
बॉडी
We can
understand the structure of news by dividing it into three parts. These three
parts are-
1-
Title/Haedline
2-
Intro
or Lead,
3- Body
शीर्षक
Title/Haedline
शीर्षक वह पाठ
(टेक्स्ट) है जो अपने नीचे दिए गए समाचार, लेख आदि की प्रकृति का संकेत देता है।
यह समाचार का सबसे प्रमुख और शीर्ष भाग होता है।
इसे
समाचारों या किसी लेख का उपसंहार भी कहा जाता है।
किसी
भी समाचार का शीर्षक उस समाचार की आत्मा है। हेडलाइन के कारण, पाठक न
केवल समाचार पढ़ने के लिए प्रेरित होता है, बल्कि
हेडलाइन के माध्यम से समाचार के विषय को भी समझता है। हेडलाइन का विस्तार समाचार
के महत्व को दर्शाता है।
The headline is the
text that indicates the nature of the news, articles etc. given below it. This
is the most prominent and top part of the news.
It is also called epilogue of news or any article.The headline of any news is the soul of that news. Due to the headline, the reader is not only motivated to read the news, but also understands the subject matter of the news through the headline. The expansion of the headline shows the importance of news.
शीर्षक के कार्य
Functions of a Headline/Heading
·
शीर्षक समाचार सामग्री की तरफ पाठक का ध्यान आकृष्ट करता है।
·
यह समाचार को शारांश/संक्षेप में प्रस्तुत करता है।
·
यह पाठक की इस काम में मदद करता है कि उसे क्या पढ़ना चाहिए और क्या
नहीं।
·
शीर्षक समाचार/स्टोरी का मूड/प्रकृति बताता है।
·
शीर्षक से समाचार पत्र के चरित्र/रंगत का भी पता चलता है।
· शीर्षक समाचार पत्र में डिजाइन एलीमेंट (तत्व) भी प्रस्तुत करता है।
• Headlines draw readers' attention towards news content.
• It presents the news
in summary / summarized.
• It helps the reader
in what he should read and what he does not.
• The headline tells
the mood / nature of the story.
• The headline also
reveals the character / colour of the newspaper.
• The headline also
presents a design element in the newspaper.
Qualities of a Good Headline
एक अच्छे शीर्षक के गुण
एक अच्छे शीर्षक में निम्नलिखित
गुण पाए जाते हैं-
A good headline has the
following qualities:
हैडिंग
में खबर की सबसे महत्वपूर्ण और नई बात आनी चाहिए। शीर्षक बोलता हुआ हो। उसके
पढ़ने से समाचार की विषय-वस्तु का आभास हो जाए। शीर्षक तीक्ष्ण एवं सुस्पष्ट हो।
उसमें श्रोताओं को आकर्षित करने की क्षमता हो।
There should be the
most important and new thing in the headline.
Headline should be
speaking. The contents of the news will be reflected in its reading. The headline should be sharp and clear. The title should have the ability to attract readers.
शीर्षक को ऐसा होना
चाहिए जैसे यह कुछ कह रहा है, मनोरंजक कर रहा हो और शिक्षित
कर रहा हो। पाठकों के साथ हेडलाइन का सीधा संवाद होना चाहिए। शीर्षक को सकारात्मक
और सक्रिय दिखना चाहिए।
The headline should
look like it is saying something, entertaining and educating. The headline should be directly communicating
with the readers. The
headline should look positive and active.
शीर्षक
प्रजेंट टेंस और एक्टिव वॉइस में होनी चाहिए। शीर्षक वर्तमान काल में लिखा
गया हो। वर्तमान काल मे लिखे गए शीर्षक घटना की ताजगी का अहसास होता है। (पुरस्कार बांटे गए के
बजाय पुरस्कार बांटे)
The headline
should be written in present tense and active voice. Present tense realizes the
freshness of the event.
जब भी संभव हो क्रिया को अंतिम स्थान से उठाकर कर्ता के
पास लाएं और उद्देश्य को सबसे अंत में लगाएं। संभव हो तो क्रिया गायब भी की जा
सकती है। इससे हैडिंग में ज्यादा बल, कसावट और धार पैदा होती है। साथ ही हैडिंग
वर्तमान काल में बनता है।
सर्कस में हंगामा मच गया। (यह साधारण वाक्य हुआ।)
सर्कस में मच गया हंगामा (मच गया को अंदर किया, हंगामा को
सबसे अंत में)
सर्कस में हंगामा (क्रिया गायब)
अलका तोमर को यशभारती सम्मान (क्रिया गायब)
Whenever possible, lift the action from the last place and
bring it to the subject and put the object at the end. If possible, the verb
can also be disappeared. This creates more force, tightness and edge in the
heading. Also the heading is formed in the present tense.
हैडिंग को खबर से पहले लिखें, इससे खबर की शुरुआत करने
में आसानी होगी। ज्यादातर स्थानों पर बिना हैडिंग वाली खबर रिपोर्टर को वापस लौटा
दी जाती है।
Write the heading before the news, this will make it
easier to start the news. In most places, news without headings is returned to
the reporter.
अनुप्रास अलंकार का प्रयोग संभव हो तो करें (कोहरे ने
मचाया कोहराम, कोहली ने बनाया गेंदबाजों का कीमा, प्रारंभ से ही प्रवासियों के पर
कतरेंगे ट्रंम्प)
Use alliterative ornamentation if possible
हैडिंग बनाने में मुश्किल आए तो सोचें कि यदि इस खबर को
फोन पर एक लाइन में किसी को बताना हो तो वह लाइन क्या होगी। मान लिया कि बाईपास पर
दुर्घटना हो गई और अनेक लोग मर गए तो इस खबर को एक लाइन में कैसे किसी को बताएंगे।
जैसे कि आप कहेंगे- अरे रजत, बाईपास पर एक्सीडेंट में सात लोग मर गए। बस यही आपको
हैडिंग होगा- बाईपास पर सड़क हादसे में सात की मौत।
If you find it difficult to make a heading, then think
about what that line would be if someone wanted to tell this news in a line on
the phone. Suppose there was an accident on the bypass and many people died,
then how would we tell this news to anyone in a line. As you would say- Hey
Rajat, seven people died in an accident on the bypass. This will be your
heading - Seven killed in a road accident on the bypass.
नई खबर और पुरानी खबर से भी हैडिंग में अंतर आ जाता है।
पुरानी खबर में मीडिया एक कैच वर्ड बना लेता है, जिससे हैडिंग में पुरानी बातें
नहीं देनी पड़ती हैं। जैसे कि नोटबंदी एक कैचवर्ड हुआ। तो नोटबंदी लिखते ही हैडिंग
में या खबर में बैकग्राउंड नहीं देना पड़ता है और आप नई सूचना को सीधे हैडिंग में
लिख सकते हैं। स्थानीय स्तर पर भी कई दिन चलने वाली खबर का कोई कैच वर्ड बनाया जा सकता
है, जिसे खबर के बीच में क्रासर के रूप में डालकर हैडिंग डालने में आसानी होती है।
(जैसे विक्टोरिया पार्क अग्निकांड, जेल ब्रेक आदि)
Heading also makes a difference from new news and old
news. In old news, the media makes a catch word, so that old things are not
required to be given in the headings. As if the demonetisation was a catchword.
So writing demonetisation does not have to give background in the headings or
news and you can write new information directly in the headings. At local
level, a catch word can be made for the news which runs several days.
संभव हो तो हैडिंग में स्थानीयता जरूर
होनी चाहिए। अंतरराष्ट्रीय खबर में भारत की स्थानीयता, राष्ट्रीय
खबर में प्रदेश की स्थानीयता, प्रदेश की खबर में जिले की स्थानीयता
और जिले की खबर में कॉलोनी की स्थानीयता (शास्त्रीनगर में डकैती)
If possible, there should be localization in the heading.
Localities of India in international news, localities of state in national
news, localities of district in state news and localities of colony in district
news (robbery in Shastri Nagar)
शीर्षक में यदि किसी व्यक्ति के नाम का उल्लेख किया जाना आवश्यक
हो तो उसे एक ही पंक्ति में लिखा जाए। नाम को तोड़कर दो पंक्तियों में लिखने से
शीर्षक का सौन्दर्य समाप्त हो जाता है।
If a person's name is
mentioned in the headline, then it should be written in the same line. By
breaking the name into two lines, the beauty of the headline ends.
लोकप्रिय संक्षिप्त विवरण का उपयोग
सुर्खियों में किया जा सकता है, जैसे कि आरबीआई, सीबीआई
आदि। लेकिन जो संक्षिप्त नाम लोगों को पता नहीं है, उससे
बचना चाहिए।
Popular abbreviations can be
used in the headlines, such as RBI, CBI etc. But the abbreviation that people do not know should
avoid.
यदि शीर्षक किसी व्यक्ति का कथन है तो
एकल-उल्टे अल्पविराम का उपयोग किया जाना चाहिए। डबल उल्टे कॉमा अधिक स्थान घेरते
हैं।
If the headline is a
statement of a person then single-inverted comma should be used. Double
inverted commas occupy more space.
अंग्रेजी के शीर्षक के
पहले 'A '' An ',' the 'आदि का उपयोग नहीं किया जाता है। यह नियम हिंदी में लिखी गई
सुर्खियों पर भी लागू होता है।
'A' 'An', 'the', etc.
are not used before the headline of English. This rule also applies to
headlines written in Hindi.
Intro or
lead
इंट्रो या लीड
अंग्रेजी भाषा के शब्द ‘इंट्रोडक्शन’ का समाचार पत्रों
की दुनिया में ‘इंट्रो’ कहा जाता है। हिंदी में इसे आमुख और उर्दू में मुखड़ा कहा
जाता है। इंट्रो पूरे समाचार का शारांश और प्राण होता है। इंट्रो समाचार का पहला
पैराग्राफ होता है, जहां से कोई समाचार शुरु होता
है।
समाचार लेखन का सबसे महत्वपूर्ण पहलू मुखड़ा लेखन या इंट्रो लेखन है। मुखड़े के आधार पर ही समाचार की गुणवत्ता का निर्धारण होता है। एक अच्छा इंट्रो खबर को पढ़ने के लिए विवश कर देता है और एक खराब इंट्रो खबर में आपकी रुचि समाप्त कर सकता है।
Word ‘introduction’ of English called
‘Intro’ in newspaper world. It is called ‘Aamukh’ in Hindi and ‘Mukhda’ in Urdu
langauages.
Intro is the summary and life of the news. It is the first
parshraph of the news, from where news is started.
Most important aspect of news writing is intro writing.
Quality of news is depand upon intro.
A good intro forces
the reader to read the news. A bad intro can end your interest in news.
इंट्रों में निम्नलिखित
विशेषताएं होनी चाहिए-
· इंट्रो अगर कुछ कहता नहीं है तो बेकार है। उसे कुछ जरूर
कहना होगा। यानी उसे अर्थ देते हुए होना चाहिए।
· इंट्रो को उलझाव पैदा करने के बजाए अपने पाठक को तुरंत
अपनी बात बताना चाहिए। सही अभिव्यक्ति के जादू से ही कोई इंट्रो प्रभावी बनता है।
· एक आदर्श मुखड़े में किसी
समाचार की सबसे महत्वपूर्ण सूचना आ जानी चाहिये और उसे किसी भी हालत में 30 से 50 (एक कॉलम की सात-आठ लाइन) शब्दों से अधिक नहीं होना चाहिये।
· किसी मुखड़े में मुख्यतः छह
सवालों का जवाब देने की कोशिश की जाती है- क्या हुआ, किसके साथ हुआ, कहां
हुआ, कब हुआ, क्यों और कैसे हुआ है।
·
इंट्रो लिखते समय ‘पाँच
डब्ल्यू’
तथा एक-एच के सिद्धांत का पालन करना चाहिए। अर्थात् इंट्रो
में पाठक को छह प्रश्न-Who, When, Where, What और
How का
उत्तर मिल जाना चाहिए। हालांकि वर्तमान में इस सिद्धान्त का अक्षरशः पालन नहीं हो
रहा है। आज छोटे-से-छोटे इंट्रो लिखने की प्रवृत्ति है। इसके फलस्वरूप इतने
प्रश्नों का उत्तर एक छोटे इंट्रो में
देना संभव नहीं है।
· आमतौर पर माना जाता है कि एक
आदर्श मुखड़े में सभी छह प्रश्नों का जवाब देने के बजाय दो-तीन प्रश्नों के उत्तर
दिये जा सकते हैं। ‘क्या’, ‘कहां’, ‘कब’ और ‘कौन’ जैसे प्रश्नों के उत्तर आसानी से
इंट्रो में आ जाते हैं। बाकी प्रश्नों (क्यों, कैसे) का उत्तर खबर की बॉडी में
देना चाहिए।
Features of an Intro
1-
If intro does not say something
then it is useless. It means an intro should be meaningful.
2-
Intro should not be confused. It
should tell its facts at once.
3-
The most important information of
any news should be present in an ideal intro.
4-
Intro should not be more than 30 to
50 words or 7-8 lines.
5-
An intro is mainly attempted to
answer six questions (5 Ws and 1 H) i.e. what, whom, where, when, why and how.
6-
While writing the intro, you must
follow the principle of '5-W' and '1-H'. That is, in the intro, the reader
should get the answers to six questions- Who, When, Where, What, Why and
How. However, this principle is not practiced literally in the present. There
is a tendency to write small intro today. As a result, it is not possible to
respond all such questions in a small intro.
7- It is generally believed that instead of answering all the six questions in an ideal intro, two to three questions can be answered. Answers to questions such as 'what', 'where', 'when' and 'who' easily come into intro. The rest of the questions (why, how) should be answered in the news body.
Body
बॉडी
शीर्षक और इंट्रो के
बाद समाचार की बॉडी आती है,
जिसमें महत्व के
अनुसार घटते हुये क्रम में सूचनाओं और ब्यौरा देने के अलावा उसकी पृष्ठभूमि का भी
जिक्र किया जाता है।
After Headline and Intro, it
comes the body of news. In the body, information and details are mentioned in
descending order according to importance and its background is also mentioned.
वास्तव में समाचार के
इंट्रो में उल्लेखित तथ्यों की व्याख्या और विश्लेषण समाचार की बॉडी में होती है।
The facts mentioned in the news intro are interpreted and analyzed in
the body of the news.
समाचार लेखन का आदर्श
नियम यह है कि किसी समाचार को ऐसे लिखा जाना चाहिये, जिससे अगर वह किसी भी बिन्दु पर समाप्त हो जाये तो उसके बाद के
पैराग्राफ में ऐसा कोई तथ्य नहीं रहना चाहिये, जो उस समाचार के बचे हुऐ हिस्से की तुलना में ज्यादा महत्वपूर्ण
हो।
The ideal rule of news writing is that the news should be written in
such a way that if it ends at any point, then there should be no such fact in
the subsequent paragraph, which is more important than the upper part of that
news.
अपने किसी भी समापन
बिन्दु पर समाचार को पूर्ण,
पठनीय और प्रभावशाली
होना चाहिये।
News should be complete, readable and effective at any of its closing
points.
समाचार की बॉडी में, '5 डब्लू 1 एच' के दो प्रश्नों 'क्यों' और 'कैसे' का जवाब देने की कोशिश की
जाती है। कोई घटना कैसे और क्यों हुई, यह जानने के लिये उसकी
पृष्ठभूमि, परिपेक्ष्य और उसके व्यापक संदर्भों को खंगालने की कोशिश की
जाती है। किसी समाचार के वास्तविक अर्थ और असर को इसके जरिये ही स्पष्ट किया जा
सकता है।
In the body of news, we try to answer the two questions of '5W1H' i.e. 'why'
and 'how'. To know how and why an incident happened, an attempt is made to
explore its background, perspective and its wider context. The real meaning and
impact of the news can be explained only through it.
समाचार का समापन करते
समय यह ध्यान रखना चाहिये उस समाचार के सभी प्रमुख तथ्य खबर में आ जाने चाहिए।
समाचार के इंट्रो और बॉडी के बीच एक तारतम्यता भी होनी चाहिये। समाचार में तथ्यों
और उसके विभिन्न पहलुओं को इस तरह से पेश करना चाहिये कि उससे पाठक को किसी निर्णय
या निष्कर्ष पर पहुंचने में मदद मिले।
While concluding the news, it should be kept in mind that all the major facts of that news should come in the news. There should also be a sequence between the headline of the news and the body. The facts and its various aspects should be presented in the news in such a way that it helps the reader to reach a decision or conclusion.
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समाचार
लेखन की कुछ और बुनियादी बातें
Some more basics of news
writing
·
खबर में व्याकरण की नजर से वाक्यों और शब्दों की
गड़बड़ियां न जाने पाएं।
There
should be no grammatical mistakes in writing the news.
·
खबर में वाक्यों और तथ्यों का दोहराव हो तो उसे खत्म किया
जाए।
If
there is duplication of sentences and facts in the news, then it should be
eliminated.
·
खबर आवश्यकता से अधिक लंबी हो तो उसे छोटा किया जाए।
If the
news is longer than necessary, it should be shortened.
·
खबर में संबंधित पक्षों का वर्जन नहीं है तो शामिल किया
जाए।
If
there is no version of the parties concerned in the news, then be included.
· समाचार आकर्षक, सहज और सरल
हो। शुरू से अंत तक तारतम्य और रोचकता हो।
News should be engaging, easy and simple. Be consistent
and interesting from beginning to end.
· समाचार लिखते समय आम बोल-चाल
की भाषा के शब्दों का प्रयोग करना चाहिए।
Words of common language should be used while writing
news.
· संभव होने पर समाचार के स्रोत
का उल्लेख होना चाहिए।
The source of the news should be mentioned if possible.
· समाचार को किसी कानून का
उल्लंघन करने वाला नहीं होना चाहिए।
News should not violate any law.
· समाचार समाज और देश की नीतियों के अनुरूप होना
चाहिए।
News should be in line with the policies of the society
and the country.
· समाचार तथ्यों पर आधारित होना
चाहिए।
News should be based on facts.
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