पत्रिका और अखबारी लेखन में अंतर
Difference between Magazine and Newspaper
Writing
पाठक
Reader
·
पत्रिका में पाठकों के एक पूर्व
निर्धारित विशेष समूह के लिए लिखना होता है और पत्रिका के संपादक का प्रयास होता
है कि इन पाठकों पर पत्रिका की पकड़ बनाए रखी जाए।
·
इसके विपरीत अखबार में पाठकों का
पूर्व निर्धारित समूह नहीं होता है। अखबार की कोशिश निरंतर नए पाठकों को आकर्षित
करने की होती है।
·
ज्यादातर पत्रिकाएं मनोरंजन के लिए
पढ़ी जाती हैं, जबकि अखबार सप्रयोजन यानी खास मतलब से पढ़े जाते हैं।
·
Writing for a predetermined specific group of readers in
a magazine and the editor of the magazine tries to maintain the hold of the
magazine over these readers.
·
In contrast, newspapers do not have a predetermined set
of readers. The effort of the newspaper is to attract new readers continuously.
· Most magazines are read for entertainment, whereas newspapers are read for a specific purpose.
पाठक की इच्छा
Reader's desire
·
पत्रिका का पाठक ऐसा लेख या
स्टोरी चाहता है जो उसे कुछ मूल्य (वैल्यूज) सिखाने या बाकी मानव समाज से जोड़ने
का एहसास कराए। या फिर पाठक को पत्रिका के जरिये विश्राम और मनोरंजन की प्राप्ति
हो। पत्रिकार पढ़कर पाठक को यह एहसास होना चाहिए कि उसने अपने खाली समय का अच्छा
उपयोग किया है।
·
अखबार का पाठक प्रमुख
समसामयिक घटनाओं और रुझानों पर ज्यादा ध्यान देता है और वह इसलिए अखबार पढ़ता है
क्योंकि उसे महसूस होता है कि उसे इसकी जरूरत है। उसे यह जानना होता है कि उसके
आसपास क्या चल रहा है। हालांकि अखबार का पाठक जल्दबाजी में होता है।
·
अखबार का पाठक जो पढ़ता है,
उससे सहमत होना वह जरूरी नहीं समझता है। उधर पत्रिका का पाठक उन लेखों या लेखकों
को पढ़ना पसंद करता है जो उसके ही समान सोच रखते हैं।
·
पत्रिका में वह छपता है जो
पाठक को अच्छा महसूस कराए और उसे सूचना दे। उधर, अखबार में वह छपता है जो खबर है।
·
The reader of the magazine wants an article or story that
will teach him some value or feel connected to the rest of human society. Or
the reader may get relaxation and entertainment through the magazine. After
reading the magazine, the reader should realize that he has made good use of
his free time.
·
The reader of the newspaper pays more attention to the
major current events and trends and reads the newspaper because he feels that
he needs it. He has to know what is going on around him. However, the reader of
the newspaper is in a hurry.
·
The reader of the newspaper does not consider it
necessary to agree with what he reads. On the other hand, the reader of the
magazine likes to read those articles or writers who have the same thinking as
him.
·
The magazine publishes that which makes the reader feel
good and informs him. On the other hand, what is published in the newspaper is
news.
लिखने का स्थान
Place of Writing
·
पत्रिका
में लिखने के लिए लेखक को ज्यादा स्थान मिलता है, इसलिए पत्रिका के लेख लंबे हो
सकते हैं। पत्रिका में कोई स्टोरी 500 से लेकर 3500 शब्दों तक हो सकती है।
·
इसके
विपरीत अखबार में जगह की कमी होती है, इसलिए अपनी बात को कम शब्दों में व्यक्त करना
होता है। अखबारों में कोई खबर या लेख अमूमन 900 शब्दों से ज्यादा नहीं होता है।
·
अगर
किसी व्यक्ति ने पत्रिका खरीदी है तो सामान्यतः यह समझा जाता है कि उसके पास पढ़ने
के लिए समय है। वह लंबी अवधि में भी इसे पढ़ सकता है। इसीलिए पत्रिका के लेख, फीचर
आदि अखबारों की तुलना में काफी लंबे रखे जा सकते हैं।
·
The author gets more space to write in the magazine, so
magazine articles can be longer. A story in a magazine can range from 500 to
3500 words.
·
On the contrary, there is a shortage of space in the
newspaper, so you have to express your point in lesser words. A news article or
article in newspapers usually does not exceed 900 words.
· If a person has bought a magazine, it is generally assumed that he has time to read. He can even read it over a long period of time. That is why magazine articles, features etc. can be kept much longer than newspapers.
कहानी कहने का
तत्व
Storytelling Element
·
पत्रिका लेखन में कथात्मक
लेखन की काफी गुंजाइश होती है। कथा की तरह (जैसे उपन्यास), पत्रिका लेखन में मनोरंजन का तत्व होता है। पत्रिका लेखक
पाठक को केवल तथ्यों को बताए जाने के बजाय लोगों, स्थानों या मुद्दों का वर्णन
करके दृश्य दिखाने का प्रयास करता है। जैसे उपन्यास लेखक अपने उपन्यासों में
चरित्रों का इस्तेमाल करते है, उसी प्रकार पत्रिका लेखक वास्तविक दुनिया से लोगों
की वास्तविक कहानियों (जिन्हें केस स्टडीज कहा जाता है) और वार्तालापों का प्रयोग
करते हैं।
·
अखबारी लेखन में भी विशेष
परिशिष्ट वाले पेजों पर पत्रिका जैसी सामग्री छपती है, लेकिन अखबार के मुख्य
स्थानों पर कथा तत्व की ज्यादा गुंजाइश नहीं होती है। वहां पर समाचार में किसी बात
को सीधे-सपाट तरीके से यथास्थिति अनुसार लिखा जाता है।
·
There
is a lot of scope for narrative writing in magazine writing. Like fiction (such
as a novel), magazine writing has an element of entertainment. The magazine
writer tries to show the reader a scene by describing people, places or issues
rather than simply stating facts. Just as novel writers use characters in their
novels, magazine writers use real stories (called case studies) and
conversations from people from the real world.
·
Even
in newsprint, magazine-like material is printed on pages with special
appendices, but there is not much scope for the narrative element in the main
places of the newspaper. There, something in the news is written in a
straight-forward manner according to the status quo.
विस्तार और विवरण
Detail and Description
·
उपन्यास की तरह पत्रिका लेखन
में विस्तार और विवरण पर बहुत ध्यान दिया जाता है। विस्तृत विवरण पाठक को अपनी तरफ
खींचता है। विस्तृत विवरण होने के बावजूद इस बात का ध्यान रखा जाता है कि यह
प्रासंगिक, मनोरंजक, टू द प्वाइंट और छोटे-छोटे वाक्यों में लिखा गया हो।
·
अखबारी पत्रकारिता या लेखन में
विस्तार के तत्व को अनावश्यक और अनुचित माना जाता है।
·
Like the novel, great attention is paid to detail and description
in magazine writing. The detailed description draws the reader in. Despite the
detailed description, care is taken that it is relevant, entertaining, to the
point and written in short sentences.
·
The element of detail in newsprint journalism or writing is
considered unnecessary and inappropriate.
तथ्य और राय
Facts and Opinions
·
पत्रिका लेखन में तथ्य और
लेखक की राय, यानी दोनों को ही प्रस्तुत किया जा सकता है।
·
समाचार पत्र में रिपोर्टिंग,
रिपोर्टर की राय के बजाय ठोस तथ्यों पर आधारित होती है।
·
व्यक्तिगत राय या दृष्टिकोण
का अर्थ यह नहीं है कि पत्रिका लेखक कुछ भी लिख सकते हैं। वे जो कुछ भी लिखते हैं,
वह सब कुछ साक्षात्कारों और अनुसंधान से जमा किया जाना चाहिए। पत्रिका लेखन में, लेखक को सही तथ्यों को प्रस्तुत करने का प्रयास करना चाहिए।
राय संतुलित व सूचनाप्रद होनी चाहिए।
·
In journal writing, both the facts and the opinion of the
author, that is, can be presented.
·
Reporting in the newspaper is based on concrete facts rather
than the opinion of the reporter.
·
Personal opinion or point of view does not mean that magazine
writers can write anything. Everything they write must be gathered from
interviews and research. In journal writing, the writer should try to present
the correct facts. Opinion should be balanced and informative.
मजबूत कोण या एंगल
Strong Angle
·
पत्रिका में किसी लेख के लिए
एक विशेष कोण या एंगल बहुत जरूरी होता है। इस कोण या एंगल के आसपास लेख का
प्रस्तुतीकरण होता है। यह कोण, विवादास्पद,
विशेष या सनसनीखेज हो सकता है। यह पत्रिका लेख की तरफ पाठक का ध्यान
केंद्रित करता है। पत्रिका लेख की हर पंक्ति इस कोण के साथ संगत होनी चाहिए।
·
अखबारी लेखन में किसी खबर में
इस प्रकार का विशेष कोण या एंगल नहीं बन पाता है। वहां ठोस तथ्यों को उसी प्रकार
प्रस्तुत किया जाता है, जैसे घटनाक्रम के दौरान वे सामने आते हैं।
·
A particular angle is very important for an article in the
magazine. The presentation of the article takes place around this angle. This
angle can be controversial, special or sensational. It shifts the reader's
attention to the magazine article. Every line of the magazine article should be
consistent with this angle.
· In newsprint writing, this type of special angle or angle is not made in any news. There concrete facts are presented as they appear during the course of the event.
लेखन की संरचना
Writing Structure
·
पत्रिका में फीचर लेखन में
किसी मुद्दे का समर्थन करने के लिए कोटेशन का उपयोग किया जाता है या फिर दिए गए
तर्क का नाटकीय रूप से विरोध किया जाता है। इसके लिए न केवल विशेषज्ञों या
अधिकारियों का साक्षात्कार किया जाता है, बल्कि अक्सर
व्यक्तिगत कहानियों और असामान्य व्यक्तित्वों का उल्लेख भी किया जाता है। इस
प्रकार पत्रिका लेखन की संरचना एक बहस की तरह होती है।
·
अखबारी लेखन में वक्तव्य,
अधिकारियों से बातचीत आदि तो होती है पर लेखन की संरचना बहस की तरह नहीं होती है।
·
Quotations are used in magazine feature writing to support an
issue or to dramatically oppose a given argument. Not only are experts or
executives interviewed, but individual stories and unusual personalities are often
cited. Thus, the structure of journal writing is like a debate.
·
Statements, talks with officials, etc. happen in newsprint
writing, but the structure of writing is not like a debate.
साहित्यिक उपकरणों
का उपयोग
Use of Literary Devices
·
पत्रिका के लेखन में उन सभी
साहित्यिक उपकरणों का उपयोग भी किया जाता है जो कथा लेखन के लिए बहुत सामान्य बात
है। इसके तहत अलंकारपूर्ण प्रश्न, रूपक,
अलंकार, गहराई आदि का प्रयोग शामिल हैं।
·
ठोस समाचारों पर आधारित
अखबारी पत्रकारिता में इस तरह का प्रयोग उपयुक्त नहीं होता है।
·
All those literary devices are also used in magazine writing
which is very common for fiction writing. It includes the use of rhetorical
questions, metaphors, rhetoric, depth etc.
·
This type of use is not appropriate in newsprint journalism
based on solid news.
गति
Speed
·
समाचार लेखन में पहले
पैराग्राफ में ही पांच डब्लू (कौन, क्या, कहां,
कब और क्यों) और एक एच (कैसे) का प्रस्तुतीकरण देने का प्रयास होता
है।
·
पत्रिका लेखन के तहत अक्सर इन
प्रश्नों में से कुछ के उत्तर को बाद के लिए रोक दिया जाता है। पत्रिका में पाठक
को पहले कहानी सुनाने के साथ लेख के साथ बांधा जाता है। इसके बाद बाद पाठक के
सामने ठोस तथ्यों को रखा जाता है।
·
पत्रिका लेखन में आम तौर पर, प्रत्येक पैराग्राफ में एक या दो ठोस तथ्यों को प्रस्तुत
किया जाता है, जबकि अखबार के लेखन में आपको प्रति पैराग्राफ
चार या पांच तथ्य देने होते हैं।
·
In news writing, an attempt is made to present five W's (Who,
What, Where, When and Why) and one H (How) in the first paragraph itself.
·
In magazine writing, answers to some of these questions are
often put on hold for later. In the magazine, the reader is first engaged with
the article by telling the story. After this, concrete facts are placed before
the reader.
·
Generally in magazine writing, one or two concrete facts are
presented in each paragraph, whereas in newspaper writing you have to provide
four or five facts per paragraph.
लेखन शैली
Writing Style
·
अखबार की समाचार रिपोर्टिंग
में जिस लेखन शैली का उपयोग किया जाता है, वह वास्तविक, औपचारिक और कसी हुई होती है।
·
पत्रिका लेखन की शैली
अनौपचारिक, व्यक्तिगत, यहां तक कि
बोलचाल की तरह भी हो सकती है। इस शैली में कठबोली और बोलचाल का भाव आम है। हालांकि,
लेखन की शैली सरल और स्पष्ट होती है, न कि
काव्यात्मक।
·
समाचार रिपोर्टिंग हमेशा अन्य
पुरुष (थर्ड पर्सन) में की जाती है, जैसे- उसने कहा, उन्होंने कहा आदि। पत्रिका
लेखन में कभी-कभी प्रथम पुरुष (मैं) का उपयोग भी उपयुक्त होता है।
·
The writing style used in newspaper news reporting is
genuine, formal and tight.
·
The style of magazine writing can be informal, personal, even
colloquial. Slang and colloquial expressions are common in this style. However,
the style of writing tends to be simple and clear, not poetic.
·
News reporting is always done in other person (third person)
like- he said, he said etc. Sometimes the use of the first person (I) is also
appropriate in magazine writing.
टोन
Tone
·
टोन या स्वर का अर्थ है कि
किसी आलेख को पढ़कर कोई पाठक किस प्रकार का भाव महसूस करता है। समाचार रिपोर्टिंग
में अधिकतर एक गंभीर, तटस्थ स्वर होता है। यह
पत्रिका लेख के स्वर से अलग है।
·
पत्रिका लेखन में लेखों का
टोन या स्वर विनोदी, प्रश्न करने वाला,
विश्वसनीय, अप्रिय, व्यंग्यात्मक,
भावनात्मक, हृदय को उद्देलित करने वाला या
जानकारीपूर्ण हो सकता है।
·
Tone refers to the kind of emotion a reader feels after
reading an article. News reporting mostly has a serious, neutral tone. This
differs from the tone of the magazine article.
·
The tone of articles in magazine writing can be humorous,
questioning, believable, unpleasant, sarcastic, emotional, heartwarming or
informative.
परिप्रेक्ष्य
Perspective
·
पत्रिका के लेखों में
विश्लेषण करने का एक तरीका यह है कि इसमें किसी पीस को कैमरे के लेंस के रूप में
देखा जाता है। पत्रिका लेखक एक बारीक विवरण (व्यक्तिगत अनुभव या परिप्रेक्ष्य, किसी विशेष पल) के जरिये अपने लेख की शुरू कर सकता है।
इसके बाद कैमरे की तरह पाठक को विस्तृत दृश्य या पृष्ठभूमि में ले जाने के लिए
लेंस को खोलता है। इसके बाद अंत में वह लेख को समाप्त करने के लिए फिर से महीन विवरण के जरिये कैमरे के लेंस को
कम करता है।
·
अखबारी लेखन
में उल्टा पिरामिड शैली का प्रयोग होता है जिसमें सबसे महत्वपूर्ण बातें और तथ्य
खबर के शुरू में ही बताने होते हैं। इसके बाद घटते महत्व के क्रम में तथ्यों को
प्रस्तुत किया जाता है।
·
One way of analyzing magazine articles is by viewing a piece
as the lens of a camera. The magazine writer may begin his or her article with
a finer detail (personal experience or perspective, at a particular moment). It
then opens the lens to take the reader into the wider scene or background, like
a camera. He then finally lowers the camera lens through finer details again to
end the article.
·
Inverted pyramid style is used in newsprint writing, in which
the most important things and facts have to be told at the beginning of the
news. The facts are then presented in order of decreasing importance.
फिल्मी तत्व
Film Element
·
अनेक पत्रिका लेख किसी फिल्म
की तरह चरित्र, प्लॉट, संवाद, चरमोत्कर्ष और एक तीव्र अंत के
साथ कहानी की परतों को खोलते हैं। पत्रिका का कोई पीस या लेख अक्सर सबसे पहले
सेटिंग और चरित्रों की स्थापना करता है। इसके बाद जैसे ही एक बार पाठक उस लेख से
बंध जाता है, लेखक उसका परिचय तथ्यों से कराना शुरू कर देता है।
·
अखबारी लेखन में इस प्रकार की
गुंजाइश बहुत कम होती है। इसमें यदि सेटिंग की कोशिश की जाए तो पाठक उकता सकता है।
इसलिए यहां लेखक को सीधे तथ्यों पर आना होता है।
·
Multiple magazine articles unfold the story like a movie with
characters, plot, dialogue, climax and a sharp ending. A piece or article in a
magazine is often the first to establish the setting and characters. After
this, once the reader gets attached to that article, the author starts
introducing him to the facts.
·
This type of scope is very rare in newsprint writing. If the
setting is tried in this, then the reader may get tired. So here the author has
to come straight to the facts.
विज्ञापन और पाठक
Advertisements and Readers
·
पत्रिकाएं, अखबारों के
मुकाबले ज्यादा विज्ञापन उन्मुख होती हैं। पत्रिकाओं में विज्ञापनदाता चाहते हैं
कि उनका विज्ञापन उस लेख के पास लगे जो उसके उत्पाद के विषय से संबंधित है। ऐसी
स्थिति में पत्रिका में छप रहे लेख का बहुत सावधानी से निरीक्षण किया जाता है कि
कहीं वह विज्ञापन में दी गई बातों से उलट तो कुछ नहीं कह रहा है। यह इसलिए भी
जरूरी होता है क्योंकि पाठक भी किसी लिखी गई सामग्री को उस विज्ञापन से जोड़कर
देखते हैं जो लेख के साथ लगा होता है।
·
इसके विपरीत अखबार विज्ञापन
से ज्यादा पाठक उन्मुख होते हैं। इसलिए अखबारों ऐसे लेख या समाचार भी हो सकते हैं
जो विज्ञापनदाताओं को अप्रसन्न कर सकते हैं।
·
Magazines are more advertisement oriented than newspapers.
Advertisers in magazines want their ad to be placed near the article that is
related to the topic of their product. In such a situation, the article
published in the magazine is inspected very carefully to see if it is saying
anything contrary to what is given in the advertisement. This is also important
because readers also associate any written material with the advertisement that
is attached to the article.
·
In contrast, newspapers are more reader oriented than
advertisements. So newspapers can also contain articles or news that can
displease advertisers.
उम्र
Ages
·
अखबार की उम्र बहुत छोटी होती
है। अखबार के संबंध में लोगों की प्रकृति उसे पढ़कर रद्दी में डाल देने की होती
है। इसीलिए अखबारों के लेख, समाचार छोटे, प्रहार करने वाले और जल्द मुद्दे की बात
करने वाले होते हैं। यहां आधारभूत अवधारणा प्रस्तुत करने के बजाय आकर्षक शीर्षक पर
ज्यादा जोर रहता है। पूरा जोर जल्दी से जल्दी पाठक का ध्यान आकर्षित करने पर रहता
है ताकि अखबार के पुराना होने से पहले पाठक उसे पढ़ ले।
·
पत्रिकाओं की उम्र अखबार से
काफी लंबी होती है। अनेक पाठक पत्रिकाओं को एक साल तक भी पढ़ते रहते हैं। कई बार
उन्हें दोबारा भी पढ़ा जाता है। विभिन्न प्रतिष्ठानों के प्रतीक्षालयों में हमें
पुरानी पत्रिकाएं भी रखी मिल जाती हैं, लेकिन अखबार पुराना नहीं रखा जाता। वह नया
ही रखा जाता है।
·
The life of the newspaper is very short. It is the nature of
people to read a newspaper and throw it in the trash. That's why newspaper
articles, news stories are short, striking and quick to talk about the issue.
There is more emphasis on catchy title than on presenting a basic concept. The
whole emphasis is on grabbing the reader's attention as quickly as possible so
that the reader can read the newspaper before it becomes obsolete.
·
Magazines have a much longer life span than newspapers. Many
readers keep reading magazines even for a year. Sometimes they are read again
and again. We also find old magazines kept in the waiting rooms of various establishments,
but the newspaper is not kept old. It is kept as new.
विषय,विचार
Idea
·
अखबार के लिए हमेशा रोचक,
आकर्षक, नए और अलग आइडियाज की जरूरत होती है।
·
पत्रिका में जो विषय पिछले
अंक में पसंद किया गया, वह सामान्यतः आगे भी पसंद किया जाता है।
·
There is always a need for interesting, attractive, new and
different ideas for a newspaper.
·
The topic which was preferred in the previous issue of the
magazine is generally preferred in the future also.
विविधता
Diversity
·
समाचार पत्र में विषयों की
काफी विविधता (कारोबार, अपराध, मनोरंजन, राजनीति, खेल आदि) होती है।
·
पत्रिकाएं ज्यादातर किसी
विशेष विषय से जुड़ी हुई होती हैं जैसे कि महिलाओं की पत्रिका, खेल की पत्रिका,
कंप्यूटर की पत्रिका, राजनीति की पत्रिका आदि।
·
Newspapers cover a wide variety of topics (business, crime,
entertainment, politics, sports, etc.).
·
Magazines are mostly related to a particular subject such as
women's magazine, sports magazine, computer magazine, politics magazine etc.
No comments:
Post a Comment