Difference between news
writing & fiction writing
(समाचार लेखन और कहानी लेखन में अंतर)
·
समाचार लेखन में भाषा आसान और बोलचाल वाली रखनी होती है। समाचार में
पत्रकार को अपने संस्थान के भाषा संबंधी नियमों का भी पालन करना पड़ता है। कहानी
लेखन में साहित्यिक भाषा का प्रयोग किया जाता है। वास्तव में कहानी लेखन में भाषा
का मामला पूरी तरह लेखक पर निर्भर करता है। कहानी में लेखक कहानी के कथानक के
अनुरूप आंचलिक और अन्य प्रकार की भाषाओं का भी प्रयोग कर सकता है। कहानी में भी ऐसे शब्दों का उपयोग करने से बचा जाता है जो पाठकों
का आसानी से समझ में न आएं। लेकिन साथ ही कहानी में साहित्यिक और अलंकारिक भाषा का
भी प्रयोग करना जरूरी होता है ताकि भाषा बिल्कुल साधारण न लगे। विषय के अनुरूप
कहानी की शैली आत्मकथात्मक, रक्षात्मक, डायरी, नाटकीय शैली हो सकती है।
In writing news, language has to be easy and colloquial.
In news, journalists also have to follow the language rules of their institute.
Literary language is used in story writing. In fact, the case of language in
story writing depends entirely on the writer. In the story, the writer can also
use regional and other types of languages to suit the plot of the story.
It is also
avoided in the story to use words that are not easily understood by the
readers. But at the same time it is also necessary to use literary and
figurative language in the story so that the language does not look ordinary. The style of the story according to the
subject can be autobiographical, defensive, diary, dramatic style.
·
समाचार रिपोर्टिंग हमेशा अन्य पुरुष (थर्ड पर्सन) में की जाती है, जैसे- उसने कहा, उन्होंने कहा आदि। कहानी लेखन में अक्सर प्रथम पुरुष (मैं) का उपयोग भी होता है।
News reporting is
always done to Third Person, such as - he said, he said etc. The First Person
(I) is also often used in fiction writing.
·
समाचार लेखन में पत्रकार को समय सीमा और आवंटित जगह के अनुशासन का पालन
करना होता है। खबर को तय समय के अंदर ही देना होता है और जितनी जगह होती है, उसी के अनुसार खबर को छोटा या बड़ा करना
होता है। कहानी लेखन में इस तरह की बंदिश नहीं होती है। कहानी में लेखक, अपने लेखन को मनचाहा विस्तार देने के लिए
स्वतंत्र होता है।
Journalists have to follow the deadline and discipline of
allotted space in news writing. The news has to be given within the stipulated
time and the news has to be shortened or enlarged according to the space. There
is no such restriction in story writing. In the story, the writer is free to extend
his writing according to his/her desire.
·
कहानी का लेखन अखबार के लेखन से बिल्कुल
अलग होता है। यहां सस्पेंस, थ्रिलर, प्रेरणा,
भावना
जैसे तत्व काम करते हैं। यहां किसी रहस्य को अंत तक छिपाए रखने की कोशिश की जाती
है। कहानी में, पूरी कहानी या रहस्य को समझने में पाठक को जितनी देर लगती है, उतना ही अच्छा माना जाता है। लेकिन समाचार की दुनिया में
ठीक इसके उलटा होता है। समाचार में घटना के रहस्य को छिपाना तो भूल ही जाइए, उसे तीन-तीन बार पाठक को बताना पड़ता है। जी हां, तीन-तीन बार। एक बार हैडिंग में, दूसरी बार इंट्रो यानी पहले पैराग्राफ में और तीसरी बार खबर
के बाकी हिस्से में थोड़े ज्यादा विवरण के साथ।
Story writing is completely different from
newspaper writing. Elements like suspense, thriller, inspiration, emotion work
here. Here an attempt is made to keep a secret hidden till the end. In a
story, the longer it takes the reader to understand the whole story or mystery,
the better it is considered. But the opposite happens in the world of news.
Forget hiding the mystery of the incident in the news, it has to be told to the
reader thrice. Yes, three times.One time in heading, second time in intro i.e.
first paragraph and third time in rest of news with slightly more details.
·
समाचार लेखन में सामान्यतः उल्टा
पिरामिड शैली इस्तेमाल का प्रयोग किया जाता है। इस शैली में सबसे महत्वपूर्ण बात
सबसे ऊपर और फिर बाकी चीजें घटते महत्व के क्रम में प्रस्तुत की जाती है। कहानी
लेखन में इस प्रकार की कोई सर्वमान्य शैली नहीं होती है। कहानी की शैली लेखक की
अपनी शैली होती है।
The Inverted
pyramid style is commonly used in news writing. In this style, the most
important thing is presented at the top and then the rest things are presented
in order of decreasing importance. There is no such
popular style in story writing. The style of the story is the writer's own
style.
·
कहानी में लेखक कहानी को संवेदनात्मक ब्योरों के साथ प्रस्तुत करता है और सुस्पष्ट विवरण देता है ताकि पाठक का ध्यान आकर्षित कर सके। इसमें लेखक शब्दों के साथ एक तस्वीर पेंट करता है। इसमें व्यक्तियों, भावनाओं, जगह, अनुभव, वस्तुओं, स्थितियों, यादों का वर्णन किया जाता है। यहाँ सिर्फ दिए हुए विषय का वर्णन नहीं किया जाता बल्कि शब्दों के माध्यम से पाठक के दिल तक पहुँचने की कोशिश की जाती है। खबर लिखते समय
पूरा फोकस उस समय तक मिले तथ्यों पर होता है। तथ्यों से इधर-उधर जाने पर खबर का
ढांचा बिगड़ने की आशंका रहती है। खबर को बिना किसी लाग लपेट के सीधे और सरल शब्दों
में लिखा जाता है।
In story writing, the author presents the story with
emotional particulars and gives clear details so that the reader's attention
can be drawn. The author paints a picture with the words. It describes
individuals, emotions, places, experiences, objects, situations, memories. Here
is not just a description of the given subject, but it is tried through the
words to reach the heart of the reader. While writing the news, the entire focus is on
the facts found till that time. There is a possibility of deteriorating the
news structure if we deviate from the facts. The news is written in
straightforward and simple words without any predilection.
·
समाचार लिखने के लिए पत्रकार को काफी कम समय मिलता है।
इसके विपरीत कहानी लिखने के लिए समय की कोई सीमा नहीं होती है।
The journalist
gets very little time to write the news. In contrast, there is no time limit
for writing a story.
· कथानक, पात्रों का चरित्र चित्रण, संघर्ष, देशकाल या वातावरण, संवाद, भाषा शैली, उद्देश्य आदि कहानी के प्रमुख तत्व होते हैं। जिज्ञासा, नवीनता, सत्यता और प्रमाणिकता, असाधारणता, प्रभावशीलता, सटीकता और शुद्धता, मानव रुचि, स्रोत का उल्लेख, संतुलन और निष्पक्षता आदि समाचार के प्रमुख तत्व होते हैं।
The plot, characterization of characters, conflict, Ambiance, dialogue, language style, purpose etc.are the key
elements of the story. Curiosity, novelty, truth and authenticity, extraordinaryness,
effectiveness, accuracy and precision, human interest, attribution, balance and
impartiality are the key elements of the news.
·
कहानी वास्तविक या काल्पनिक हो सकती है। लेकिन समाचार हमेशा वास्तविक ही
होता है।
The story can be
real or imaginary. But the news is always real.
·
कहानी के ढांचे को कथानक कहा जाता है। कथानक वह तत्व है जिसके चारों ओर कथा की सभी घटनाएँ बुनी जाती हैं और
विकसित होती हैं। वैसे तो कथानक की पांच अवस्थाएं होती हैं- आरंभ, विकास, कौतुहल,
चरमसीमा और अंत। समाचार का ढांचा तीन भागों में बंटा होता है। समाचार मुख्यत तीन
भागों में बंटा होता है। ये तीन भाग हैं शीर्षक, इंट्रो और बॉडी।
The framework or setup of a story is called
the plot. The plot is the element around which all events of the story are
weaved and developed. There are five states of the plot: the beginning, the
development, the curiosity, the extreme and the end. The
news is mainly divided into three parts. These three parts are Title, Intro and
Body.
·
कहानी का संचालन उसके पात्रों द्वारा होता है। पात्रों के गुण-दोष को उनका 'चरित्र चित्रण' कहा जाता है। चरित्र चित्रण से चरित्रों में स्वाभाविकता उत्पन्न की जाती है।
समाचार का संचालन उपलब्ध तथ्यों के आधार पर होता है। समाचार में भी व्यक्ति हो
सकते हैं, लेकिन उनका चरित्र चित्रण नहीं होता बल्कि उपलब्ध तथ्यों के आधार पर ही
उनके बारे में लिखा जाता है।
The story is operated by its characters. Quality and fault of the characters is called characterization. Through characterization, naturalism is created in different characters. News is conducted on the basis of available facts. There may be individuals in the news as well, but their characterization is not done, but it is written on the basis of available facts.
·
कहानियों में रुचि बनाने के लिए संघर्ष बहुत महत्वपूर्ण है। कहानी के सबसे
महत्वपूर्ण तत्व में से एक संघर्ष है। आम तौर पर, मुख्य
संघर्ष नायक और प्रतिद्वंद्वी के बीच होता है, लेकिन यह
हमेशा नहीं होता। संघर्ष समाज के भीतर, एक चरित्र के भीतर, या प्रकृति के कृत्यों के साथ भी हो सकता है। समाचार में भी संघर्ष हो सकता
है, लेकिन ऐसे समाचार भी होते हैं जिनमें संघर्ष नहीं होता है।
The
struggle to make interest in stories is very important. One of the most important elements of the story is the
struggle. Generally, the main conflict occurs between the protagonist and the
antagonist, but it is not always there. Conflicts can happen within the
society, within a character, or with the acts of nature. There
can be conflict in the news too, but there are also news in which there is no
conflict.
·
संवाद कहानी का प्रमुख अंग होते हैं। इनके द्वारा पात्रों की मानसिक स्थिति
और अन्य मनोभावों को प्रकट किया जाता है। समाचार में संवाद नहीं होते, लेकिन
समाचार में उससे संबंधित व्यक्तियों के कथन या उनकी राय जरूर होती है।
Dialogues are the main part of the story. By
these the mental status of the characters and other feelings are revealed.
There
are no dialogues in the news, but the news does contain statements or opinions
of people related to it.
·
कहानी में वास्तविकता का पुट देने के लिये देशकाल अथवा वातावरण का प्रयोग
किया जाता है। कहानी में भौतिक वातावरण के लिए विशेष स्थान नहीं होता, फिर भी इनका
संक्षिप्त वर्णन पात्र के जीवन और उसकी मानसिक स्थिति को समझने में सहायक होता है।
मानसिक वातावरण कहानी का परम आवश्यक तत्व है। ऐतिहासिक कहानी में भौतिक वातावरण का
विशेष महत्व है। भौतिक वातावरण द्वारा ही लेखक पाठक को उस युग में ले
जाता है और उस युग की झांकी पेश करता है। समाचार में वातावरण रचने का समय पत्रकार
के पास नहीं होता है। लेकिन कभी-कभी हमें किसी खबर में वातावरण की संक्षिप्त झलक
देखने को मिल सकती है।
Ambiance or environment is used to bring the
reality into the story. The story does not have a special
place for the physical ambiance or environment, yet their short description is
helpful in understanding the character's life and its mental state. Mental
environment is the most essential element of the story. Physical
environment has a special significance in the historical story. Through the
physical environment, the writer takes the reader into that era and presents
the tableau of that era. The journalist does not have time to create
an ambiance in the news. But sometimes we can get
a brief glimpse of the ambiance
in some news.
·
कहानी लेखन में तथ्य और लेखक की राय, यानी दोनों को ही प्रस्तुत किया जा सकता है। समाचार पत्र में रिपोर्टिंग, रिपोर्टर की राय के बजाय ठोस तथ्यों पर आधारित होती है।
In story writing, both the
facts and the opinion of the author can be presented. Reporting in the
newspaper is based on concrete facts rather than the opinion of the reporter.
·
कथा-कहानी का पाठक ऐसा लेखन चाहता है जो उसे कुछ मूल्य सिखाने या बाकी मानव समाज से जोड़ने का एहसास कराए। या फिर पाठक को कथा के जरिये विश्राम और मनोरंजन की प्राप्ति हो। कहानी को पढ़कर पाठक को यह एहसास होना चाहिए कि उसने अपने खाली समय का अच्छा उपयोग किया है। अखबार का पाठक प्रमुख समसामयिक घटनाओं और रुझानों पर ज्यादा ध्यान देता है और वह इसलिए अखबार पढ़ता है क्योंकि उसे महसूस होता है कि उसे इसकी जरूरत है। उसे यह जानना होता है कि उसके आसपास क्या चल रहा है। हालांकि अखबार का पाठक जल्दबाजी में होता है।
The reader of a story wants
a writing that makes him feel taught to value something or connect with the
rest of human society. Or the reader should get rest and entertainment through
the story. By reading the story, the reader should realize that he has made
good use of his free time.The newspaper reader pays more attention to major
current events and trends and he reads the newspaper because he feels he needs
it. He has to know what is going on around him. However, the readers of the
newspaper are in a hurry.
·
कहानी के लिए एक विशेष कोण या एंगल बहुत जरूरी होता है। इस कोण या एंगल के आसपास कहानी का प्रस्तुतीकरण होता है। यह कोण विवादास्पद, विशेष या सनसनीखेज हो सकता है। यह कहानी की तरफ पाठक का ध्यान केंद्रित करता है। अखबारी लेखन में किसी खबर में इस प्रकार का विशेष कोण या एंगल नहीं बन पाता है। वहां ठोस तथ्यों को उसी प्रकार प्रस्तुत किया जाता है, जैसे घटनाक्रम के दौरान वे सामने आते हैं।
A special angle is very
important for the story. The presentation of the story takes place around this
angle. This angle can be controversial, special or sensational. It focuses the
reader's attention towards the story. This kind of special angle cannot be made
in any news in newspaper writing. There concrete facts are presented in the
same way as they appear during the course of events.
·
कहानी का एक निश्चित उद्देश्य भी होता है। प्राचीन कहानी का उद्देश्य
मनोरंजन और उपदेशात्मक था, लेकिन आज कहानी के उद्देश्य हैं- विविध सामाजिक
परिस्थियों या जीवन के प्रति विशेष दृष्टिकोण प्रस्तुत करना, किसी समस्या का
समाधान देना या जीवन मूल्यों का उद्घाटन करना। समाचार का उद्देश्य लोगों को
शिक्षित करना, जागरूक करना और उनका मनोरंजन करना होता है। समाचार का उद्देश्य पहले
से तय नहीं होता है। वह उपलब्ध तथ्यों के साथ बंधा होता है।
The story also has a definite aim/object. The purpose of the ancient story was entertaining and
instructive, but today the objectives of the story are to present a special
approach to various social situations or life, to solve a problem or to disclose
the values of life. The purpose of news is to educate, make aware
and entertain people. The purpose of the news is not predetermined. It is tied to the available facts.
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