Saturday 30 October 2021

बाहर/स्कूल/दिन

कैमरा देखता है कि शिक्षिका क्षमा शर्मा पांचवीं कक्षा की ओर बढ़ रही हैं।

जैसे ही वह क्लास के दरवाजे पर पहुंचती हैं कि एक तेज बाल स्वर में गाली सुनकर उनके कदम रुक जाते हैं। उनके कानों में यह गाली पड़ती है- ("उल्ला का पट्ठा")


उल्लू का पट्ठा...


पूरी क्लास में यह गाली ऐसे गूंजीजैसे कोई धमाका हुआ हो। इस गाली को बोलने वाला कोई बड़ा बच्चा नहीं बल्कि पहली क्लास में पढ़ने वाला छह साल का सोनू था। 

बच्चों की कापियां जांच रही टीचर यह सुनकर हैरान रह गईं। उन्होंने सख्त चेहरा बनाकर सोनू को अपने पास बुलाया और फिर प्यार से पूछा, “बेटाआप ने यह गाली कहां से सीखीकौन बोलता है ऐसे?”
मेरे पापा,” सोनू ने कहा।
आप के पापा और कौन-कौन सी गालियां देते हैं?”
बेटी के...बहन के...मां के...
टीचर का मुंह हैरानी से खुला का खुला रह गया।
बेटे आप के पापा ये गालियां कब देते हैं?”
फोन पर और मम्मी से लड़ाई करते समय,” सोनू ने मासूमियत से कहा।

अगले हफ्ते ही स्कूल में शिक्षकों और अभिभावकों की मीटिंग थी। गाली देने वाले बच्चे सोनू के साथ उसकी मां आई थी। उन के बैठते ही टीचर ने सोनू के मुंह से निकली गालियों की लिस्ट उन के हाथ में थमा दी। टीचर ने उन्हें कई हिदायतें भी दे डालीं।
सोनी की मां पर जैसे घड़ों पानी पड़ गया। उन्होंने घर पहुंचने तक किसी तरह अपने पर काबू कियालेकिन घर में घुसते ही उन की आंखों से आंसू बह चले। सोनू के पापा ने जब यह देखा तो वे चिल्लाए, “क्या हुआकिस मां के...की इतनी हिम्मत...
सोनू की मां रोती रही।
अरे कौन ... ... मिल गया थाकुछ बताओगी भी...” सोनू के पिता ने फिर दोहराया।
यह सुनकर सोनू की मां अचानक फट पड़ीं, “वही उल्लू की पट्ठी...बहन...सोनू की टीचर...और कौन?”
सोनू के पिता को गाल पर चांटा सा लगता महसूस हुआ।
क्या हुआ। ऐसे कैसे बोल रही हो?” सोनू के पिता ने आश्चर्य से पूछा।
नालायक...गधे की औलाद...” सोनू की मां थम ही नहीं रही थीं। उधर सोनू था कि मां के बगल में खड़ा होकर हंस रहा था। पिता ने एक बार बेटे को देखा और फिर उसकी मां को। इसके बाद वह वहां से चला गया।

इस घटना के बाद सोनू के पिता ने कभी घर में गाली नहीं दी।
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