रिपोर्ताज (Reportage)
अर्थ/परिभाषा
·
किसी घटना का ज्यों का त्यों वर्णन रिपोर्ट कहलाती है, जबकि
रिपोर्ट का कलात्मक और साहित्यिक रूप रिपोर्ताज कहलाता है। रिपोर्ट अंग्रेजी भाषा
का जबकि रिपोर्ताज फ्रेंच भाषा का शब्द है।
The live/exact
description of an event is called report, whereas the artistic and literary
form of report is called reportage. Report is an English language word whereas
reportage is a French language word.
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जीवन की सूचनाओं की कलात्मक अभिव्यक्ति के लिए रिपोर्ताज का
जन्म हुआ। यह गद्य की सबसे नई विधा है, जिसमें यथार्थ घटनाओं की संवेदनशील,
साहित्यिक शैली में प्रस्तुति की जाती है।
Reportage
was born for the artistic expression of life's information. It is the newest
form of prose, in which real events are presented in a sensitive, literary
style.
·
रिपोर्ताज में घटना भी होती है और कथातत्व भी होता है। रिपोर्ताज
लेखक को पत्रकार औऱ कलाकार दोनों की भूमिका निभानी पड़ती है। रिपोर्ताज आंखों देखी
और कानों सुनी घटनाओं पर आधारित है।
In the
reportage there is an incident as well as a story element. The reportage writer
has to play the role of both a journalist and an artist. The reportage is based
on events seen with the eyes and heard by the ears.
·
रिपोर्ताज में सामाजिक घटना, दृश्य आदि का विवरण सूक्ष्म
ब्योरों और निजी प्रतिक्रियाओं के साथ प्रस्तुत किया जाता है। इसमें सामाजिक
उद्देश्य और सामयिकता पर विशेष जोर रहता है।
In the
reportage, details of social events, scenes, etc., are presented with subtle
details and personal reactions. There is a special emphasis on social purpose
and timeliness.
·
रिपोर्ताज किसी स्थिति का गतिशील चित्र प्रस्तुत करता है। इसके
दृश्य किसी फिल्म की तरह गतिशील और परिवर्तित होते हैं।
Reportage
presents a dynamic picture of a situation. Its scenes move and change like a
movie.
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किसी घटना में शामिल लोगों की आशाएं, आकांक्षाएं, चेष्टाएं,
संदेह, निश्चय, पराक्रम, पलायन आदि सभी कुछ रिपोर्ताज में व्यक्त होते हैं।
The
hopes, aspirations, efforts, doubts, determination, valor, escape etc. of the
people involved in an event are all expressed in the reportage.
·
रिपोर्ताज की कुछ प्रमुख परिभाषाएं इस प्रकार हैं-
Some of
the major definitions of reportage are as follows-
-
संवाददाता की रिपोर्ट जब अपनी शैली में कुछ साहित्यिकता का
समावेश कर लेती है तब वह रिपोर्ताज कहलाती है।
When the reporter's report incorporates some
literaryness in its style, then it is called reportage.
-
रिपोर्ताज ऐसी विधा है जिसमें लेखक प्रत्यक्ष तथ्यों को गहरी
मानवीय संवेदना के साथ चित्रात्मक रूप में प्रस्तुत करके उसे समाचार से ज्यादा
ग्रहणशील और मर्मस्पर्शी बना देता है।
Reportage is such a mode in which the author presents
the apparent facts in a pictorial form with deep human sensitivity, making them
more receptive and touching than the news.
-
किसी घटना का यथा तथ्य विवरण जब कलात्मक और रसपूर्ण शैली में
किया जाता है तो वह रिपोर्ताज कहलाता है। इसमें शैली कथात्मक अवश्य होती है, पर यह
कथा नहीं होती। इसके विवरण डायरी पर आधारित हो सकते हैं, लेकिन यह डायरी नहीं है।
When a factual description of an event is done in an
artistic and juicy style, it is called reportage. There is definitely a
narrative style in it, but it is not a story. Its description may be based on a
diary, but it is not a diary.
-
रिपोर्ताज एक ऐसी विधा है जिसमें किसी घटना का अत्यंत सूक्ष्म
और हृदयग्राही विवरण इस प्रकार दिया जाता है कि पाठक की आंखों के समक्ष घटना फिल्म
के चित्रों की भांति सजीव हो उठे।
Reportage is a genre in which a very subtle and
heart-wrenching description of an event is given in such a way that the event
comes alive before the eyes of the reader like the pictures of the film.
रिपोर्ताज,
रिपोर्ट से किस प्रकार अलग है?
How is reportage different from report?
·
रिपोर्ताज में भावात्मकता, सजीवता, मार्मिकता, सरसता और रोचकता
का समावेश रहता है, जबकि रिपोर्ट में तटस्थता, शुष्क तथ्य जैसे तत्व होते हैं।
The reportage includes
emotionality, liveliness, poignancy, succinctness and interestingness, while
the report has elements like neutrality, dry facts.
·
रिपोर्ताज का लेखक घटना से रिपोर्टर की भांति निर्लिप्त नहीं रह
सकता बल्कि हृदय से उस घटना या दृश्य से जुड़ा होता है।
The author of the reportage
cannot remain detached from the incident like a reporter, but is attached to
that event or scene from the heart.
·
रिपोर्ताज का आकार रिपोर्ट से बड़ा होता है और इसमें निबंध,
रेखाचित्र, यात्रा वृतांत और कहानी की विशेषताओं का भी समावेश होता है जो रिपोर्ट
में नहीं होता।
The size of the reportage is
larger than that of the report and also includes essay, sketch, travelogue and
story features which are not in the report.
·
रिपोर्ताज के बारे में कहा गया है कि यह घटना की दृष्टि से
निबंध और रिपोर्ट के समीप है, शैली की दृष्टि से रेखाचित्र और संस्मरण के करीब है,
विचार की दृष्टि से संपादकीय के समीप है लेकिन उद्देश्य की दृष्टि से इन सभी से
दूर होता है।
It has been said about the
reportage that it is close to the essay and report from the point of view of
the incident, from the point of view of the style it is close to the sketch and
memoir, in the view of the idea it is close to the editorial but in terms of
purpose it is far away from all these.
·
रिपोर्ट के आमुख या इंट्रो में घटना का सार दिया जाता है जबकि
रिपोर्ताज में घटना और घटना के बाद का जीवंत विश्लेषण होता है।
The intro of the report gives the
gist of the incident while the reportage contains the live analysis of the
incident and the aftermath.
·
रिपोर्ताज में घटना के वर्णन में कथा तत्व की मौजूदगी रहती है,
जो इसकी रोचकता को बढ़ाती है। रिपोर्ट में अमूमन कथा तत्व का अभाव होता है।
The story element is present in
the description of the incident in the reportage, which increases its
interestingness. The report usually lacks a narrative element.
· रिपोर्ट का महत्व केवल सामयिक
होता है और धीरे-धीरे कम हो जाता है, जबकि रिपोर्ताज का महत्व अपनी साहित्यिकता के
कारण कभी कम नहीं होता है।
The importance of the report is
only topical and gradually diminishes, whereas the importance of the reportage
never diminishes because of its literaryness.
· रिपोर्ट किसी साधारण या नगण्य
सी घटना की भी हो सकती है, लेकिन रिपोर्ताज किसी विशिष्ट घटना, दृश्य, उत्सव,
युद्ध आदि का ही हो सकता है।
The report can be of a simple or
insignificant incident, but the report can be of a specific event, scene,
festival, war etc.
· रिपोर्ताज एक ऐसी विधा है जो
पत्रकारिता और साहित्य के बीच पुल का काम करती है।
Reportage is a genre that acts as
a bridge between journalism and literature.
·
सामाजिक प्रक्रियाओं, विकास, सामाजिक परंपराओं के ह्रास आदि पर
लिखी गई रिपोर्टों का मेल रिपोर्ताज होता है।
Reportage is a combination of
written reports on social processes, development, degradation of social
traditions, etc.
·
रिपोर्ताज ऐसी जारी प्रक्रियाओं का हिस्सा है जो अभी पूरी नहीं
हुई हैं। इसका हर हिस्सा अपने आप में रिपोर्ट हो सकता है। यह कई रिपोर्टों की
समीक्षा होती है।
The reportage is part of ongoing
processes that are yet to be completed. Every part of it can be a report on its
own. It is a review of several reports.
·
यह ऐसी मालगाड़ी है जिसके हर वैगन में अलग माल भरा होता है।
इसका हर वैगन अपने आप में एक रिपोर्ट हो सकता है।
This is such a goods train, in
which each wagon is loaded with different goods. Each wagon can be a report in
itself.
रिपोर्ताज का इतिहास और उदाहरण
History and examples of reportage
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रिपोर्ताज पश्चिमी भाषा की लोकप्रिय विधा है जो विश्व युद्ध के
दौरान विकसित हुई। हिंदी साहित्य में यह विधा ज्यादा परिपक्व नहीं हो पाई।
Reportage
is a popular form of Western language that developed during World War I. This
genre could not mature much in Hindi literature.
·
रिपोर्ताज की उत्पत्ति बीसवीं शताब्दी के आरंभ से द्वितीय विश्व
युद्ध के बीच मानी जाती है। कुछ विद्वान इसकी उत्पत्ति 19वीं शताब्दी में यूरोपीय
देशों में हुए व्यापक औद्योगिकीकरण के समय हुआ मानते हैं।
The
origins of reportage are considered to be from the beginning of the twentieth
century to the middle of World War II. Some scholars consider it to have
originated during the widespread industrialization in European countries in the
19th century.
·
जॉन रीड का ‘रूसी क्रांति का अमर दस्तावेज’ और ‘दस दिन जब
दुनिया हिल उठी’ रिपोर्ताज के श्रेष्ठ उदाहरण माने जाते हैं।
John
Reed's 'The Immortal Document of the Russian Revolution' and 'Ten Days When the
World Was Shaken' are considered the best examples of reportage.
·
विश्व युद्धों के दौरान कई लेखकों की जानें भी गईं लेकिन वे
अपने मोर्चे पर डटे रहे। उस दौरन जो रिपोर्ताज लिखे गए उनमें महायुद्धों का सजीव
साहित्य और इतिहास दोनों ही हैं।
Many
writers lost their lives during the world wars but they stood on their front.
The reports that were written during that period contain both live literature
and history of the Great Wars.
·
हिंदी में प्रकाशचंद गुप्त, रांगेय राघव, प्रभाकर माचवे,
अमृतराय आदि ने रोचक रिपोर्ताज लिखे। फणीश्वरनाथ रेणु के रिपोर्ताज भी बहुत
प्रसिद्ध हुए।
Prakashchand
Gupta, Rangeya Raghav, Prabhakar Machve, Amrit Rai etc. wrote interesting
reportage in Hindi. The reports of Phanishwarnath Renu also became very famous.
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हिंदी में उदाहरण के तौर पर हम 1946 में रांगेय राघव द्वारा
लिखा गया रिपोर्ताज ‘तूफानों के बीच’ में का नाम ले सकते हैं, जिसमें बंगाल के
अकाल का मार्मिक चित्रण किया गया है।
In Hindi,
for example, we can take the name of the 1946 reportage 'Between the storms'
written by Rangeya Raghav, in which the Bengal famine has been depicted
poignantly.
·
भारतेंदु हरिश्चंद्र का 1877 में लिखा गया ‘दिल्ली दरबार’,
शिवदान सिंह चौहान का ‘लक्ष्मीपुरा’, और ‘मौत के खिलाफ जिंदगी की लड़ाई’,
फणीश्वरनाथ रेणु का ‘ऋण जल धन जल’ और ‘नेपाली क्रांतिकथा’, धर्मवीर भारती का
‘युद्ध यात्रा’ हिंदी के कुछ प्रमुख और प्रसिद्ध रिपोर्ताज हैं।
Bhartendu Harishchandra's
'Delhi Durbar' written in 1877, Shivdan Singh Chauhan's 'Lakshmipura', and 'The
fight of life against death', Phanishwarnath Renu's 'Rin Jal Dhan Jal' and
'Nepali Kranti Katha', Dharamvir Bharati's 'War Yatra' are some of the
prominent and famous Hindi reportage.
रिपोर्ताज लेखन के प्रमुख तत्व
Key
elements of reportage writing
रिपोर्ताज लेखन के प्रमुख तत्व इस प्रकार हैं- The main
elements of reportage writing are as follows:
1- यथातथ्य की रक्षा- रिपोर्ताज में यथातथ्य की
रक्षा बहुत जरूरी होती है। यह इसलिए क्योंकि रिपोर्ताज किसी कल्पना पर नहीं बल्कि
सत्य घटना पर आधारित होता है। इसका आधार आंखों देखी और कानों सुनी घटनाएं होती
हैं। इसमें कल्पना की कोई जगह नहीं होती।
Protection
of Facts- It is very important to protect the facts in the
reportage. This is because the reportage is not based on any fiction but on a
true event. Its basis is the events seen by the eyes and heard by the ears.
There is no room for imagination in this.
2- जीवंतता का अनुभव- रिपोर्ताज में जीवंतता का
अनुभव होना बेहद जरूरी है। जीवंतता वह चीज होती है जो पाठक को निरंतर एक स्फूर्ति
देती रहती है। रिपोर्ताज में एक नीरस घटना भी सहज और सरस बनाकर प्रस्तुत करनी होती
है। जीवंतता के कारण ही किसी रचना में जान दिखाई देती है और वह निष्प्राण नहीं लगती।
Feeling
of vitality- It is very important to have a feel of vitality in
the reportage. Vibrance is something that keeps the reader in constant motion.
In the reportage, even a monotonous incident has to be presented in a simple
and succinct manner. It is because of the vitality that life appears in a
creation and it does not seem to be lifeless.
3- नाटकीयता का समावेश- रिपोर्ताज में नाटकीयता का
पुट भी जरूरी है। यह पात्रों की मुख मुद्रा, आगमन-गमन, घटनाओं में उतार-चढ़ाव आदि
जैसे दृश्यों के सूक्ष्म विवरण से आती है। इससे पाठकों का नाटक जैसा आनंद मिलता
है। इसमें पाठक के सामने अचानक ऐसी चीज आती है कि वह अचंभित हो जाता है।
Incorporation
of dramatization- Addition of dramatization is also necessary in the
reportage. This comes from the subtle details of the scenes such as the
characters' facial postures, arrivals and departures, ups and downs in events,
etc. This gives a drama-like pleasure to the readers. In this, suddenly such a
thing comes in front of the reader that he gets astonished.
4- रोचकता और संक्षिप्तता- रिपोर्ताज में चूंकि चीजों
को सूक्ष्म ब्योरे के साथ दिया जाता है तो इसका अर्थ यह नहीं है कि उसे जितना चाहे
लंबा खींचा जा सकता है। ज्याद लंबा होने से रिपोर्ताज का प्रभाव कम हो जाता है।
इसलिए रिपोर्ताज को पूर्ण होने के साथ ही रोचक और संक्षिप्त होना चाहिए।
Intricacy
and brevity- Just because things are given in detail in a
reportage, it does not mean that it can be stretched as long as one wants. The
longer the length,the less the effect of treportage. Therefore, the reportage
should be interesting and concise as well as complete.
5- साहित्य की कलात्मकता- रिपोर्ताज में शब्द-शैली,
घटनाक्रम की उत्कृष्ट प्रस्तुति से साहित्य की कलात्मकता का समावेश किया जाता है।
इसके बिना रिपोर्ताज, रिपोर्ताज की श्रेणी में नहीं आ पाता है।
Artistry
of literature- The artistry of literature is included in the
reportage by the excellent presentation of the word-style, events. Without
this, the reportage does not come under the category of reportage.
6- भाषा शैली- रिपोर्ताज की कलात्मकता लेखक
के सूक्ष्म निरीक्षण, उसकी भावुकता और उसके शब्द-चयन पर आधारित होती है। इसीलिए
रिपोर्ताज की भाषा शैली विशिष्ट होती है। इसमें ज्यादातर हास्य-व्यंग्यात्मक,
चित्रात्मक, विश्लेषणात्मक, विचारात्मक आदि शैलियों का प्रयोग किया जाता है।
Language
Style- The artistry of the reportage is based on the subtle
observation of the author, his sentiment and his choice of words. That is why
the language style of the reportage is distinctive. Most of the styles used in
this are comic-satire, pictorial, analytical, reflective etc.
7- मर्मस्पर्शिता- जब लेखक के शब्द पाठक के मन
को आंदोलित कर देते हैं तब ऐसा लेखन मर्मस्पर्शी लेखन कहलाता है। ऐसा लेखन पाठक के
मर्म यानी अंतःस्थल को छू जाता है। इसमें पाठक वैसा ही महसूस करता है जैसा घटना के
पात्र महसूस करते हैं। उसे जगबीती, आपबीती जैसी लगने लगती है।
Touching- When the
words of the author stir the mind of the reader, then such writing is called
touching writing. Such writing touches the heart of the reader. In this, the
reader feels as the characters of the event feel. She starts feeling like
Jagbiti, Aapbeeti.
8- रसात्मकता- रिपोर्ताज लेखन में
रसात्मकता जरूर होनी चाहिए। इसका अर्थ है कि किसी घटना या दृश्य के शुष्क और नीरस
विवरण को भी रिपोर्ताज में ऐसी सरसता के साथ प्रस्तुत किया जाता है कि पाठक को
आनंद महसूस होता है। रसात्मकता के तत्व वाले रिपोर्ताज श्रेष्ठ माने जाते हैं।
Juiceness
- There must be juiceess in reportage writing. It means that
even the dry and dull description of an event or scene is presented in the
reportage with such succinctness that the reader feels pleasure. The reportage
with the element of juiceess is considered to be the best.
9- उत्सुकता- जब लेखक अपने लेखन के जरिये
पाठक में इस प्रकार से रुचि जगाए रहता है कि पाठक उसके लेखन को निरंतर पढ़ता जाता
है तो यह उसकी बड़ी उपलब्धि होती है। रिपोर्ताज में भी ऐसी रोचकता होनी चाहिए कि
पाठक की उत्सुकता निरंतर बनी रहे।
Curiosity- When the
writer through his writing keeps the interest of the reader in such a way that
the reader continues to read his writing, then it is his great achievement. The
reportage should also have such interestingness that the reader's curiosity
remains constant.
10- सामयिकता- रिपोर्ताज लेखन की दृष्टि
सामयकिता पर रहनी जरूर होती है, क्योंकि रिपोर्ताज किसी सामयिक घटना पर ही लिखा
जाता है।
Timeliness- The
point of view of writing reportage must be on timeliness, because reportage is
written only on some current event.
11- त्वरा- रिपोर्ताज में घटना का कम से
कम शब्दों में प्रभावपूर्ण वर्णन किया जाता है। इस दृष्टि से त्वरा रिपोर्ताज में
अनिवार्य हो जाती है। अर्थ यह है कि रिपोर्ताज में शब्द उसी प्रकार से त्वरा यानी
गति पकड़ने चाहिए जैसे बंदूक से गोली।
Quickness- In the
reportage, the incident is effectively described in the least amount of words.
From this point of view, quickness becomes essential in the reportage. The
meaning is that the word in the reportage should catch speed in the same way as
a bullet from a gun.
12- परिवेश का अंकन- रिपोर्ताज लेखन में केवल घटना
का ही वर्णन नहीं होता बल्कि आसपास के वातावरण का भी वर्णन होना जरूरी होता है।
वातावरण यानी परिवेश के विवरण के बिना रिपोर्ताज अधूरा, अप्रमाणिक और प्रभावहीन
होता है।
Marking
of the environment- In reportage writing, not only the description of the
event is done, but it is necessary to describe the surrounding environment as
well. The reportage is incomplete, unauthenticated and ineffective without a
description of the environment.
13- उद्देश्यपरक- रिपोर्ताज लेखन में लेखक को
रिपोर्ताज के उद्देश्य को भी ध्यान में रखना होता है। रिपोर्ताज को उद्देश्यपरक
होना चाहिए।
Objective- In
reportage writing, the writer has to keep in mind the purpose of the reportage
as well. The reportage should be objective.
रिपोर्ताज के प्रकार
Type of
reportage
रिपोर्ताज मुख्यतः चार प्रकार के होते हैं-
There are mainly four types of reportage-
1- सामाजिक रिपोर्ताज - Social
Reportage
2- सांस्कृतिक रिपोर्ताज -
Cultural Reportage
3- राजनैतिक रिपोर्ताज -
Political reportage
4- भावनात्मक रिपोर्ताज- Emotional
reportage