Sunday 16 January 2022

चुनावी चटर-पटर-1

Election Chatter-Putter-1


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चुनावी चटर-पटर
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पिछली बार के यूपी विधानसभा चुनाव में वोट डालने के लिए तैयार होते समय शर्मा जी की पत्नी ने उनसे पूछा कि किसे वोट दोगे? शर्मा जी ने कहा- 'क' को दूंगा। पत्नी बोली- मैं तो 'ख' को देने की सोच रही थी।
इस पर शर्मा जी ने 'क' की विशेषताएं बताईं और 'ख' की कमियां गिनाईं। पत्नी ने 'ख' की खूबियां बताईं और 'क' की कमियां गिनाईं। शुक्र है लड़ाई नहीं हुई। दोनों हंसते हुए वोट डालने चल दिए। इसके बाद वोट डालने तक कोई कुछ नहीं बोला। दोनों किसी उधेड़बुन में लग रहे थे।
खैर मतदान हो गया। दोनों लौटे तो फिर एक-दूसरे से पूछा कि किसे वोट दिया। खुलासा हुआ कि पत्नी 'क' को वोट दे आई थी और शर्मा जी 'ख' को। हिसाब बराबर हो गया था। जिसे जीतना था वो जीत गया, जिसे हारना था वो हार गया। जीत शर्मा दंपति को भी मिली। दोनों ने एक-दूसरे का दिल जीत लिया था।

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चुनाव के बाद यदि शर्मा जी को बिना टेलीविजन देखे, बिना मोबाइल पर नजर डाले, बिना अखबार पढ़े और बिना रेडियो सुने चुनाव परिणाम जानना होता है तो इसके लिये वे एक नजर देश-प्रदेश की राजनीति पर गहरी नजर रखने वाले अपने ताऊजी के कमरे की तरफ डाल लेते हैं। चुनाव परिणाम के दिन यदि ताऊ जी का टीवी सुबह 9-10 बजे तक बंद हो जाए तो शर्मा जी समझ जाते हैं कि मोदी ने मैदान मार लिया है और यदि उनका टीवी तेज स्वर में चिंघाड़ता है तो यह इसका संकेत होता है कि जो भी जीता हो, मगर मोदी को मायूसी हाथ लगी है।

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शर्मा जी ने पिछले दिनों घर में पुताई करने वाले से पूछा- "किसको वोट दोगे?"
उसने तुरंत जवाब दिया- "अभी तो कुछ सोचा नहीं....दे देंगे उसको जिसका पलड़ा भारी होगा।"
लगभग ऐसा ही जवाब शर्मा जी अब तक बाल काटने वाले, पास वाले दुकानदार, बिजली का काम करने वाले और कई अन्य लोगों से सुन चुके हैं।
इससे शर्मा जी का एक फंडा क्लियर हो गया है। अभी तक वे लाउडस्पीकर, पोस्टर और रैलियों को बेकार की कसरत मानते थे, लेकिन अब उनका मानना है कि ऐसे वोटरों की संख्या काफी होती है जो माहौल देखकर वोट करते हैं। जिसके पक्ष में माहौल दिखाई देता है, वे उसी को वोट देते हैं। इसीलिये राजनीतिक दल लाउडस्पीकर, पोस्टर और रैलियों पर रात-दिन एक करके माहौल बनाने की कोशिश करते हैं।

राजनीति में गठबंधन हमेशा गुड नहीं होता। वह गुड़ देकर जाए, इसकी कतई गारंटी नहीं है। शर्मा जी की पिछले दिनों की बातों से लग रहा था कि इस बार वे समाजवादी पार्टी को मत देने का मन बना रहे हैं। चाय की दुकान पर मिले तो मैंने बताया कि अखबार में चर्चा है कि समाजवादी पार्टी मेरठ दक्षिण की सीट चंद्रशेखर रावण को देने जा रही है। शर्मा जी तुरंत बिदक गए। बोले- "सत्यानाश...ऐसा हुआ तो कतई वोट नहीं दूंगा। मेरा वोट तो कमल को ही जायेगा।"
खैर अखिलेश और रावण का गठबंधन तो नहीं हुआ, लेकिन इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि विगत में यूपी के लड़कों और बुआ-बबुआ का गठबंधन क्यों गड़बड़न हो गया था।


अच्छी खबर बुरी खबर

14 जनवरी 22
चीन को बड़ा झटका लगा है। चीन के आक्रामक रवैये को झेल रहे फिलीपींस ने भारत के साथ दुनिया की सबसे तेज सुपरसोनिक एंटी शिप क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस की खरीद को मंजूरी दे दी है। न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक, फिलीपींस के राष्ट्रीय रक्षा विभाग द्वारा ब्रह्मोस के अधिकारियों को इसकी सूचना भेज दी गई है। ब्रह्मोस मिसाइल के लिए यह पहला विदेशी ऑर्डर है। यह सौदा 374.9 मिलियन अमरीकी डॉलर (₹27966750841) का है। 

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