किसी देश की साक्षरता दर यह स्पष्ट करती है कि वह देश कितनी प्रगति कर रहा है, क्योंकि विकास के लिए, जीवन में आगे बढ़ने के लिए, विविध क्षेत्र की समस्याओं, बुराइयों आदि को दूर करने के लिए मनुष्य का शिक्षित होना जरूरी है। आइए देखते हैं कि दुनियाभर में साक्षरता की क्या स्थिति है।
साक्षर कौन माना जाता है?
भारत सरकार द्वारा तय परिभाषा के अनुसार जो भी 7 वर्ष या इससे अधिक आयु का व्यक्ति किसी भी भाषा को समझकर लिख या पढ़ सकता है, उसे साक्षर माना जाता है।
सबसे कम साक्षरता वाले देश
दुनिया के 25 सबसे कम साक्षरता वाले देशों में भारत के पांच पड़ोसी देश भी शामिल हैं। ये हैं अफगानिस्तान, भूटान, पाकिस्तान, नेपाल और बांग्लादेश। इनमें से अफगानिस्तान तो दुनिया के सबसे कम साक्षरता वाले देशों में दूसरे स्थान पर है।
यूनेस्को इंस्टीट्यूट फार स्टेटिक्स के 2015 के आंकड़ों के अनुसार अफगानिस्तान में केवल 28.1 प्रतिशत लोग ही साक्षर हैं और विश्व के सबसे कम साक्षर देशों में इसका स्थान दूसरा है। पहले स्थान पर दक्षिण सूडान है जहां पर केवल 27 प्रतिशत आबादी ही साक्षर है। तीसरे, चौथे और पांचवे स्थान पर क्रमशः बर्किन फासो (28.7), नाइजर (28.7) और माली (33.4) का नाम आता है।
सबसे कम साक्षर देशों की सूची में हमारा पड़ोसी भूटान 15वें नंबर पर है, जहां पर 52.8 प्रतिशत लोग साक्षर हैं। इसके ठीक बाद 16वें नंबर पर पाकिस्तान हैं जहां की साक्षरता दर 54.9 प्रतिशत है। नेपाल का स्थान इस सूची में 21वां है जहां 57.4 प्रतिशत लोग साक्षर हैं। नेपाल के ठीक बाद बांग्लादेश का स्थान है जहां पर 57.7 प्रतिशत आबादी साक्षर है।
उच्च साक्षरता वाले देश
अगर उच्च साक्षरता की बात करें तो दुनिया के 26 देशों की साक्षरता दर 100 प्रतिशत है। शत-प्रतिशत साक्षरता वाले इन देशों में एंडोरा, फिनलैंड, होली-सी, लिचटेंस्टीन, लक्जमबर्ग, नार्वे, उत्तर कोरिया, लात्विया, एस्टोनिया, लिथुआनिया, अजरबैजान, पोलैंड, क्यूबा, ताजिकिस्तान, जॉर्जिया, आर्मेनिया, उक्रेन, कजाकिस्तान, स्लोवेनिया, बारबाडोस, रशियन फेडरेशन, तुर्कमेनिस्तान, बेलारूस, स्लोवेकिया, पलाऊ, उज्बेकिस्तान शामिल हैं।
करीब 30 देशों की साक्षरता दर 99 प्रतिशत है। इनमें टोंगा, किर्गीस्तान, माल्डोवा, क्रोएशिया, इटली, हंगरी, आस्ट्रेलिया, बेल्जियम, कनाडा, चेक रिपब्लिक, डेनमार्क, फ्रांस, जर्मनी, आइसलैंड, आयरलैंड, जापाना, मोनाको, नीदरलैंड, न्यूजीलैंड, स्वीडन, स्विट्जरलैंड, तुवालू, ब्रिटेन, समोआ, एंडीगुआ एंड बारबूडा, त्रिनिडाड एंड टोबैगो, माइक्रोनेशिया, साइप्रस और रोमानिया शामिल हैं।
98 प्रतिशत की साक्षरता वाले देशों में मोंटेनेग्रो, मालदीव्स, बुल्गारिया, मार्शल आइलैंड, बोस्निया एंड हर्जेगोविना, मंगोलिया, उरुग्वे, आस्ट्रिया, अर्जेंटीना, सर्बिया, दक्षिण कोरिया, ग्रेनेडा, इस्राइल, स्पेन शामिल हैं।
कोस्टारिका, सैंट कीट्स एंड नेविस, अल्बानिया और चिली की साक्षरता दर 97 प्रतिशत है। थाइलैंड, कतर, ब्रूनेई, सैंट विंसेंट, सैन मारिनो, सिंगापुर, कुवैत और बहामास में साक्षरता दर 96 प्रतिशत है।
खास बात यह है कि दुनिया का सबसे शक्तिशाली देश माने जाने वाले अमेरिका की साक्षरता दर 86 प्रतिशत है और यह इस मामले में दुनिया के अनेक देशों से काफी पीछे है। साक्षरता दर की 197 देशों की सूची में अमेरिका का नंबर 125वां है।
अगर दुनिया की बात करें तो दुनिया की कुल आबादी का 86.3 प्रतिशत साक्षर है।
भारत के दो पड़ोसी देश श्रीलंका और म्यांमार साक्षरता के मामले में बहुत आगे हैं और इनकी साक्षरता दर 92 प्रतिशत से भी ज्यादा है।
भारत की बात
जहां तक स्वयं भारत की बात है तो भारत की साक्षरता दर 74.04 प्रतिशत है। भारत में केरल सबसे साक्षर (93.91 प्रतिशत) राज्य है जबकि बिहार 63.82 प्रतिशत की साक्षरता दर के साथ सबसे नीचे है।
2011 की जनगणना के अनुसार भारत की साक्षरता दर 73 प्रतिशत थी। इसमें पुरुष साक्षरता दर का प्रतिशत 80.9 और महिला साक्षरता दर का प्रतिशत 64.6 है। 2001 के मुकाबले देश की साक्षरता दर में 8.16 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
जनगणना 2011 के अनुसार सबसे ज्यादा साक्षरता वाले राज्य
- केरल- 94 प्रतिशत
- लक्षद्वीप- 91.8 प्रतिशत
- मिजोरम- 91.3 प्रतिशत
- गोवा- 88.7 प्रतिशत
- त्रिपुरा- 87.2 प्रतिशत
सबसे कम साक्षरता वाले राज्य
- बिहार- 61.8 प्रतिशत
- अरुणाचल- 65.4 प्रतिशत
- राजस्थान- 66.1 प्रतिशत
- झारखंड- 66.4 प्रतशत
- आंध्र प्रदेश- 67.0 प्रतिशत
- लव कुमार सिंह
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