New/special words in the ears - What is the 'cold gun' that resulted in the death of the cinematographer on the sets of the film?
कोल्ड गन (Cold Gun)
पिछले दिनों अमेरिकी फिल्म 'रस्ट' के सेट पर रिहर्सल के दौरान अभूतपूर्व घटना हुई। अभिनेता एलेक बाल्डविन ने रिहर्सल के दौरान रिवाल्वर निकाली और जब उसका ट्रिगर दबा तो रिवाल्वर कैमरे की तरफ तनी हुई थी। गोली चल गई और सिनेमैटोग्राफर हैलाइना हचिंस की मौत हो गई, जबकि निर्देशक जोएल सूजा घायल हो गए। घटना की फॉलोअप खबरों में एक नया शब्द सुनने को मिला है- 'कोल्ड गन'। कानूनी दस्तावेजों के अनुसार बाल्डविन को बताया गया था कि उनके हाथ में जो हथियार है वह 'कोल्ड गन' है, जिसका अर्थ है कि गन अनलोडेड है यानी उसमें गोली नहीं है।
स्टील्थिंग (Stealthing)
हम भारत वाले जहां महंगाई, बेरोजगारी जैसे मुद्दों से जूझते रहते हैं, वहीं विकसित देशों में कुछ दूसरे ही मुद्दे देखने को मिलते
हैं। अमेरिका के कैलिफोर्निया राज्य की असेंबली ने 'स्टेल्थिंग' पर प्रतिबंध लगा दिया है। ये स्टेल्थिंग क्या है? स्टेल्थिंग का अर्थ है सेक्स के दौरान अपने साथी की जानकारी
या सहमति के बिना कंडोम हटाना। अमेरिका और पश्चिमी देशों में यह बड़ा मुद्दा है।
वहां बाकायदा इसके लिए अभियान चलाए गए हैं। पिछले दिनों आस्ट्रेलिया में भी वहां
के राजधानी क्षेत्र में स्टेल्थिंग को गैरकानूनी घोषित किया गया था। नए कानून के तहत वहां अब इसे यौन हमला माना जाएगा। स्टेल्थिंग से साथी के यौन संचारित रोगों से संक्रमित या गर्भवती होने का
ख़तरा पैदा हो जाता है। साथ ही यह पीड़ित या पीड़िता की गरिमा का भी उल्लंघन करता
है।
सरोगेट विज्ञापन surrogate ad
सरोगेट विज्ञापन वह होता है जिसमें कोई कंपनी अपनी दूसरे उत्पाद की आड़ लेकर प्रतिबंधित उत्पादों का प्रचार करती है। इसे हम 'एवजी विज्ञापन' भी कह सकते हैं। जैसे कि कोई शराब निर्माता कंपनी नामी लोगों से सोडा का विज्ञापन कराती है। विज्ञापन तो सोडा का होता है लेकिन उसके बहाने से कंपनी के शराब ब्रांड का भी विज्ञापन हो जाता है। पिछले दिनों अमिताभ बच्चन भी ऐसे ही एक पान मसाला ब्रांड के विज्ञापन में नजर आए जो कि इस ब्रांड का सरोगेट विज्ञापन था। लोगों द्वारा आलोचना के बाद अमिताभ बच्चन ने अब इस ब्रांड के विज्ञापन से खुद को अलग कर लिया है।
पैंडोरा Pandora
भारत समेत 91 देशों के वर्तमान और पूर्व नेताओं, अफसरों और मशहूर हस्तियों के वित्तीय रहस्यों को उजागर करने वाले दस्तावेजों को पैंडोरा पेपर्स नाम दिया गया। पैंडोरा पेपर्स का शाब्दिक अर्थ है- भानुमति के पिटारे से निकले दस्तावेज। भानुमति के पिटारे का अर्थ है- तरह-तरह की वस्तुओं से भरा हुआ पिटारा। पैंडोरा शनि का एक आंतरिक उपग्रह भी है।
मिडिल किंगडम सिंड्रोम Middle Kingdom Syndrome
यह शब्द चीन के संदर्भ में प्रयोग होता है। मेरठ में 25 सितंबर 2021 को हुए एक सेमिनार में रिटायर्ड मेजर जनरल बिपिन बख्शी ने कहा कि चीन 'मिडिल किंगडम सिंड्रोम' से ग्रसित है। उन्होंने कहा कि इसका अर्थ है कि हमारे नीचे नरक है और ऊपर स्वर्ग है। चीन को लगता है कि उसके आसपास के लोग असभ्य हैं। उसे लगता है कि उसके आसपास की हर जमीन पर उसका अधिकार है और वह उस पर नियंत्रण कर सकता है।
एकात्म मानव दर्शन
इसे एकात्म मानववाद भी कहा जाता है। इसके प्रणेता पंडित दीनदयाल उपाध्याय थे। इसे उन्होंने मुंबई में 1965 में दिये व्याख्यान में प्रस्तुत किया था। 1965 के ही विजयवाड़ा अधिवेशन में भारीतय जनसंघ ने इसे स्वीकार किया। यह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का मार्गदर्शक दर्शन है। इसके अनुसार भारत को देश से बहुत अधिक आगे बढ़कर एक राष्ट्र के रूप में और इसके निवासियों को नागरिक नहीं बल्कि परिवार के सदस्य के रूप में मानने के विस्तृत दृष्टिकोण का अर्थ है एकात्म मानववाद। व्यक्ति की आत्म को सर्वोपरि स्थान पर रखने वाले इस सिद्धांत में आत्म बोध करने वाले व्यक्ति को समाज का शीर्ष माना गया। आत्म बोध के भाव से उत्कर्ष करता हुआ व्यक्ति सर्वे भवंतु सुखिनः के भाव से जब अपनी रचना धर्मिता और उत्पादन क्षमता का पूर्ण उपयोग करे तब एकात्म मानववाद का उदय होता है। एकात्म मानववाद को सर्पिलाकार मंडलाकृति से भी स्पष्ट की जा सकती है जिसके केंद्र में व्यक्ति, व्यक्ति से जुड़ा हुआ एक घेरा परिवार, परिवार से जुड़ा हुआ एक घेरा -समाज, जाति, फिर राष्ट्र, विश्व और फिर अनंत ब्रम्हांड को अपने में समाविष्ट किये है। इस अखंड मंडलाकार आकृति में एक घटक में से दूसरे, फिर दूसरे से तीसरे का विकास होता जाता है। सभी एक-दूसरे से जुड़कर अपना अस्तित्व साधते हुए एक-दूसरे के पूरक एवं स्वाभाविक सहयोगी है। इनमे कोई संघर्ष नहीं है।
अंत्योदय
अंत्योदय का शाब्दिक अर्थ है- अंत्य का उदय। अंत्य से तात्पर्य समाज के उपेक्षित और कमजोर वर्ग से है। इस प्रकार आर्थिक रूप से कमज़ोर और पिछड़े वर्गों का उदय या विकास करने की क्रिया या भाव अंत्योदय कहलाता है। पंडित दीनदयाल उपाध्याय के एकात्म मानववाद दर्शन को अंत्योदय को ही समर्पित माना जाता है। इसका मोटा-मोटा अर्थ है- विकास की प्रक्रिया में समाज का कोई भी व्यक्ति ना छूटे। विकास सर्वसमावेशी, सर्वस्पर्शी, सर्वव्यापी और सर्वपोषक हो।
कालाति क्रमात काल एव फलम पिबति
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चाणक्य द्वारा कहे इस वाक्य को संयुक्त राष्ट्र में 25 सितंबर 2021 को दिए अपने संबोधन में कहा। इसका अर्थ है- जब सही समय पर सही काम नहीं किया जाता तो समय ही उस कार्य की सफलता को समाप्त कर देता है।
शुभो कोर्मो-पोेथे धोरो निर्भयो गान, शोब दुर्बोल सोशेय होक ओबोसान
नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में रविंद्रनाथ टैगोर के इस वाक्य को भी कहा। इसका अर्थ है- अपने शुभ कर्मपथ पर निर्भीक होकर आगे बढ़ो। सभी दुर्बलताएं और शंकाएं समाप्त होंगी।
डेमोग्राफिक चेंज
इस जनसांख्यकीय बदलाव भी कहते हैं। जब किसी क्षेत्र विशेष की जनसंख्या में एक विशेष अवधि में बदलाव देखने को मिलता है तो उसे डेमोग्राफिक चेंज या जनसांख्यकीय बदलाव कहते हैं। यह शब्द इसलिये चर्चा में है क्योंकि नेपाल से सटे उत्तराखंड के कई जिलों में बहुत तेजी से जनसांख्यकीय बदलाव होने की रिपोर्ट मीडिया में आ रही है।
शाहीन, यास, ताउते
भारत के आसपास के समुद्री तट में आगे (सितंबर 2021 के बाद) जो तूफान आएगा, उसका नाम शाहीन होगा। यह नाम कतर ने रखा है। शाहीन का अर्थ है- बहुत ऊंचाई पर उडऩे वाली शिकारी पक्षी यानी फाल्कन या गरुड़।
इससे पहले आए तूफानों में ओमान ने एक तूफान का नाम 'यास' रखा था। यास का अर्थ निराशा, मायूसी, भय, अंदेशा होता है।
उधर जब म्यांमार की बारी आई तो उसने तूफान का नाम 'ताउते' रखा था। ताउते का अर्थ होता है- तेज आवाज करने वाली छिपकली।
रिहैबलिटेशन
इसे हिंदी में पुनर्वास या बहाली कहा जाता है। पुनर्वास का अर्थ है फिर से बसाना या पुनः प्रतिष्ठित होना। आजकल यह शब्द खास तौर से तब उपयोग किया जाता है जब कोई खिलाड़ी चोटिल हो जाता है और मैदान पर फिर से वापसी करने के लिए चिकित्सकीय देखरेख, आराम आदि के लिए खेल से बाहर हो जाता है। उदाहरण के तौर पर इस समय क्रिकेटर कुलदीप यादव अपने घुटने की चोट की वजह से खेल से बाहर हो गए हैं। उनके लिये यह वाक्य प्रयोग किया गया- खेल में वापसी से पहले कुलदीप को लंबी पुनर्वास प्रक्रिया (रिहैबलिटेशन) से गुजरना होगा। इस शब्द को नशे की लत से छुटकारा पाने के लिये विशेषज्ञों की शरण में गए व्यक्ति के लिये भी प्रयोग किया जाता है।
अठवाडिया
यह शब्द किसान आंदोलन में सुनने को मिला। कृषि कानून विरोधी धरने में आने वाले लोगों से किसान नेता राकेश टिकैत ने 13 फरवरी 2021 को आह्वान किया कि वे अठवाडिया बनें। अठवाडिया यानी आठ दिन तक रुकने वाला। राकेश टिकैत ने कहा कि जैसे पहले मेहमान आते थे तो आठ दिन रुकते थे। उन्हें अठवाडिया कहा जाता था। राकेश टिकैत ने कहा कि अठवाडिया मेहमान की ही तरह धरने पर आने वाले लोग जिस दिन आए, अगले सप्ताह उसी दिन जाएं।
डूम्सडे मैन
इस शब्द का अर्थ है प्रलय की बात करने वाला व्यक्ति। डूम्सडे मैन अमेरिकी कॉमिक्स 'एवेंजर्स' का एक काल्पनिक पात्र है जो कॉमिक्स के नायक कैरोल डंवर्स का दुश्मन होता है। वह झूठी अफवाहें फैलाता है और प्रलय की बात करता है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 13 फरवरी 2021 को लोकसभा में राहुल गांधी को भारत का डूम्सडे मैन करार दिया। वित्त मंत्री ने कहा कि राहुल गांधी और कांग्रेस हर बात पर भ्रम फैलाते हैं, बेबुनियाद आरोप लगाते हैं और संवैधानिक संस्थाओं का अपमान करते हैं।
एप्ला (APLA)
यह एक बीमारी का नाम है जो फिल्म अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी को हुई थी। इसकी वजह से शिल्पा शेट्टी को बार-बार गर्भपात का सामना करना पड़ा। इसके बाद उन्होंने फरवरी 2020 में सरोगेसी से एक बेटी को जन्म दिया। बेटी का नाम उन्होंने समिशा रखा है। इससे पहले वे एक पुत्र वियान की मां बन चुकी हैं। शिल्पा शेट्टी ने मदर्स डे (10 मई 2020) के अवसर पर मीडिया को इस बारे में जानकारी दी। इस बीमारी का पूरा नाम एंटीफोसफोलिपिड सिंड्रोम है। यह एक ऑटो इम्यून बीमारी है। इसमें हमारा शरीर ऐसी कोशिकाएं बनाता है जो स्वस्थ कोशिकाओं पर हमला करके उन्हें खत्म कर देती हैं। असामान्य कोशिकाएं शरीर में खून के थक्के जमने की प्रक्रिया पर हमला करती हैं जिससे खून में जल्दी-जल्दी थक्के जमने लगते हैं। खून के थक्के जमने से रक्त प्रवाह में बाधा आती है और इससे गर्भ, किडनी, फेफड़े, दिमाग, हाथ-पैर आदि अंग प्रभावित होते हैं। ये बीमारी किसी को भी हो सकती है लेकिन महिलाओं को ज्यादा होती है और ऐसा होने पर गर्भपात जैसी समस्याएं सामने आती हैं। गर्भपात नहीं होता तो बच्चा अविकसित या मृत भी पैदा हो सकता है। शिल्पा शेट्टी द्वारा एक वेबसाइट को दिए इंटरव्यू के अनुसार वह कई सालों तक गर्भधारण की कोशिश करती रहीं लेकिन इस बीमारी के कारण उन्हें बार-बार गर्भपात हो जाता था। शिल्पा शेट्टी को हुई एप्ला सिंड्रोम नाम की समस्या महिला, पुरुष, बच्चों किसी भी में भी हो सकती है लेकिन यह महिलाओं में ही ज्यादातर देखने को मिलती है। इसका कारण हार्मोनल और आनुवंशिक दोनों हो सकता है। महिलाओं के शरीर में मिलने वाले हार्मोन एस्ट्रोजन के कारण भी उनका खून गाढ़ा हो जाता है, जिससे रक्त का थक्का जमने की समस्या पैदा हो जाती है। हालांकि एप्ला सिंड्रोम नाम की यह बीमारी एक दुर्लभ बीमारी है और दुनिया में एक लाख लोगों में से 40-50 लोगों को ही होती है।
लेइरम फी (Leirum Phi)
'लेइरम फी' को यदि मैं गमछा कहूं तो आप तुरंत समझ जाएंगे। जी हां, यह उसी गमछे की बात हो रही है जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जून 2020 में राष्ट्र के नाम संबोधन में पहना था। इसके बाद देखते-देखते यह गमछा पूरे भारत में लोकप्रिय हो गया। देशभर में इसकी मांग बढ़ी तो कई राज्यों में लोग इसे बनाने लगे। कुछ लोग अपने ढंग से बनाने लगे। उत्तर प्रदेश में तो यह 'मोदी गमछे' के नाम से बिक रहा है। यह देखकर इस गमछे के मूल राज्य मणिपुर ने कमर कसी और उसने इस गमछे के जीई टैग (जियोलॉजिकल आइडेंटिफिकेशन टैग) के लिए आवेदन किया है ताकि इस गमछे की मणिपुरी पहचान कायम रहे।
दरअसल यह मणिपुर का पारंपरिक गमछा है। ये वहां शादी के अवसर पर उपहार में दिया जाता है। मणिपुर में 'फी' का अर्थ कपड़ा होता है और 'लेइरम' इस वस्त्र के टाइप का नाम है। वैसे असम भी इस गमछे को अपना बताता है और वह भी जीआई टैग के लिए दावा करने की बात कह रहा है। इसलिए जीआई टैग के लिए कड़ी प्रतिस्पर्धा हो सकती है।
इस गमछे के बारे में नरेंद्र मोदी ने अक्षय कुमार के इंटरव्यू में खुलासा किया था कि यह गमछा उनके लिए बहुउपयोगी है। यह उन्हें दर्द से भी राहत दिलाता है। मोदी ने बताया कि जब लंबी यात्राओं और लंबे समय तक कार्य करने बाद उनके शरीर या पैरों में दर्द होता है तो इस गमछे को पैरों में बांध लेते हैं। इसके बाद वे बांस के डंडे से इसे घुमाते हैं। इससे जकड़न होती है और पैरों की मांसपेशियां ढीली पड़ जाती हैं। इससे पैरों का दर्द दूर हो जाता है।
पर्सोना नॉन ग्राटा (Persona Non Grata)
इस वाक्यांश का अर्थ होता है अवांछित। यह तब पढ़ने को मिला जब 31 मई 2020 को भारत ने नई दिल्ली में पाकिस्तानी उच्चायोग के दो अफसरों को जासूसी के आरोप में पर्सोना नॉन ग्राटा घोषित कर दिया और उन्हें भारत से निकल जाने का आदेश दिया।
गार्स्टिन बैस्टियन रोड (Garstin Bastion Road)
दिल्ली में एक रोड के लिए यदि मैं गार्स्टिन बैस्टियन रोड कहूं तो आप नहीं समझ पाएंगे, लेकिन जीबी रोड कहूं तो आप तुरंत समझ जाओगे। दिल्ली में यह अजमेरी गेट से लाहौरी गेट तक करीब एक किलोमीटर से अधिक की दूरी में फैली रोड है जिसे जीबी रोड या गार्स्टिन बैस्टियन रोड कहते हैं। यह दिल्ली का रेड लाइट एरिया है जहां 4 हजार से ज्यादा सेक्स वर्कर्स रहती हैं। कोरोना संकट के इस दौर में जब मीडिया ने इस रोड का हाल लिखा तो पता चला कि जीबी का मतलब गार्स्टिन बैस्टियन है। बताया जाता है कि पहले दिल्ली में पांच वेश्यालय थे। गार्स्टिन बैस्टियन नाम के ब्रिटिश कमिश्नर ने इन सभी को एक रेड लाइट एरिया में समाहित कर दिया। इसीलिए इस रोड का नाम उनके नाम पर रखा गया।
जंग-ए-बदर (Jung-e-Badr)
जब पुलवामा में 28 मई 2020 को 50 किलो विस्फोटक पकड़ा गया तो पुलिस के खुलासे में बताया गया कि आतंकवादियों की जंग-ए-बदर के दिन यह हमला करने की योजना थी। जंग-ए-बदर 17वें रोजे के दिन लड़ी गई इस्लाम की पहली जंग कही जाती है। इस जंग में पैगंबर भी लड़े थे इसलिए 17वें रोजे को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। यह जंग सऊदी अरब में मदीना शहर से 200 किमी. दूर स्थित बदर नामक क्षेत्र में 624 ईसवीं में लड़ी गई थी।
चीमेरिका #Chimerica
हूवर इंस्टिट्यूशन के अमेरिकी इतिहासकार निएल फर्ग्यूसन ने 2020 में कोरोना संकट के संदर्भ में चीन और अमेरिका को लेकर एक नया शब्द प्रयोग किया- 'चीमेरिका'। उनका कहना था कि आज कोरोना वायरस के कारण जो उथल-पुथल दुनिया में मची है उसका कारण 0.125 माइक्रो व्यास वाला कोरोना वायरस नहीं बल्कि दुनिया के दो सबसे शक्तिशाली देश चीन व अमेरिका हैं जिन्होंने पूरी दुनिया के आत्मविश्वास को हिलाकर रख दिया है। बीते एक दशक या उससे भी थोड़े ज़्यादा समय से चीन और अमरीका ने आर्थिक संबंधों वाला मॉडल विकसित किया है, जिसकी तुलना फर्ग्यूसन ‘निचेबेई’ (पिछली शताब्दी के अंत तक अमेरिका-जापान के मजबूत आर्थिक संबंधों) से करते हैं। कोरोना वायरस ने इसी 'चीमेरिका' को काल्पनिक धारणा में बदल दिया है।
तेग #Teg
2020 के शुरू में सुनिधि चौहान और उनके दूसरे पति के बीच तलाक होने की खबर आई तो पता चला कि उनके एक बेटा भी है जिसका नाम उन्होंने ‘तेग’ रखा है। गुरु तेगबहादुर के रूप में तेग शब्द हमने सुना तो है लेकिन खाली ‘तेग’ को पढ़कर यह बड़ा नया नाम लगा। तेग का अर्थ है- तलवार, कृपाण, खड्ग, असि।
कौस्तुभ #Kaustubh
कोरोना काल में एक रिश्तेदार के यहां पुत्र उत्पन्न हुआ। पता चला कि उन्होंने उसका नाम ‘कौस्तुभ’ रखा है। इसका क्या अर्थ हुआ? खोजा तो पता चला कि कौस्तुभ का अर्थ है- विष्णु के गले की मणि।
षमिताभ
जब पहली बार लोगों ने अमिताभ की फिल्म 'षमिताभ' के बारे में सुना तो इसके अजीबोगरीब नाम के अर्थ को लेकर काफी माथापच्ची हुई। बाद में पता चला कि इसका तो कोई मतलब ही नहीं है। यह तो अभिनेता धनुष के नाम के अंतिम शब्द और अमिताभ के नाम के तीन शब्दों को मिलाकर यूं ही गढ़ दिया गया है।
पिडली
'षमिताभ' फिल्म में ही एक गाना सुनने को मिला- 'पिडली सी बातें...।' गाने में प्रयोग हुए पिडली शब्द ने लोगों को चौंका दिया। शुरू में लगा कि गाना हिंदी में है तो यह पिंडली होगा, लेकिन पिंडली जैसी बातें कैसी होती हैं, यह किसी के समझ में नहीं आया। फिर पता चला कि यह तो अंग्रेजी का शब्द है और इस गाने में बार-बार इसका इस्तेमाल किया गया है। दरअसल, अंग्रेजी शब्द 'पिडली' का मतलब मामूली, साधारण, नगण्य, घिसा-पिटा, तुच्छ, अत्यल्प आदि होता है। पिडली से ही मिलता-जुलता शब्द पिडल है, जिसका मतलब पेशाब करना या बेकार में समय बरबाद करना भी होता है।
अंग्रेजी के वाक्यों में पिडली का इस्तेमाल कुछ इस प्रकार से होता है-
- I don't want to argue about piddly details.
- There's only a piddly difference in price between the two paintings, so take whichever you prefer
गीतकार स्वानंद किरकिरे पिडली सी बातें की जगह छोटी सी बातें भी कह सकते थे, मगर या तो वे जबरदस्ती उत्सुकता जगाना चाहते थे या चूंकि पिडली का कुछ संबंध टॉयलेट से भी है, इसलिए इसी शब्द को खासतौर से इस्तेमाल किया गया है। इसलिए पिडली शब्द के इस्तेमाल का पूरा उद्देश्य तो फिल्म देखने के बाद ही स्पष्ट होगा।
यहां प्रस्तुत है पिडली सी बातें गाने के बोल---
पिडली सी बातें क्यों करती हो शरमा के
पिडली सी बातें
पिडली इरादे मैं सच करू आते जाते
पिडली इरादे
पगला हु यार या पगला है प्यार
ऐसे चलता है ये कारोबार
प्यार के साए में सब पिडली है यार
पिडली सी बातें क्यों करती हो शरमा के
पिडली सी बातें
खिली खिली सूरत तेरी
उसके आगे सब हैं पिडली पिडली
मिली मिली ऐसी खुशी
इसके आगे सब हैं पिडली पिडली
लब की लिफाफों में जो लिखी है मर्जियां
चुपके से सुनने में ही है मज़ा
लफ्जों के कब्जों में जो छुपी हैं चाहतें
आँखों से पड़ने में ही है नशा
नशे के साये में सब पिडली हैं यार
पिडली सी बातें क्यों करती हो शरमा के
पिडली सी बातें
पिडली इरादे मैं सच करू आते जाते
पिडली इरादे
वादे मुरादें येह हे…..
मिष्टी हब
अभी तक हमने एजुकेशन हब, आईटी हब जैसे नाम सुने हैं, लेकिन यह है मिष्टी हब यानी मिठाइयों का हब। यह कोलकाता के न्यूटाउन में स्थित है, जहां मिठाइयों के प्रतिष्ठानों की भरमार है। मिष्टी हब इसलिए चर्चा में आया है क्योंकि रसगुल्ला के लिए पश्चिमी बंगाल को जीआई टैग मिलने के उपलक्ष्य में राज्य सरकार ने 14 नवंबर को रसगुल्ला दिवस मनाने का फैसला किया और इस समारोह का केंद्र बिंदु मिष्टी हब को बनाने का फैसला किया। उल्लेखनीय है कि जीआई टैग को लेकर पिछले साल पश्चिमी बंगाल और उड़ीसा में भारी प्रतिस्पर्धा हुई थी और अंत में परिणाम पश्चिमी बंगाल के पक्ष में गया था। ...तो आगे से कोलकाता जाएं तो मिष्टी हब जरूर जाएं।
ओउमुआमुआ
यह एक तारकीय क्षुद्रग्रह (एस्ट्रल एस्टेरॉयड) है जो 2017 के अक्टूबर माह में खोजा गया था। तारकीय क्षुद्रग्रह वह आकाशीय पिंड होता है तो तारों से आता है। दूसरे शब्दों में सूर्य के अतिरिक्त किसी अन्य तारे का चक्कर लगा रहे पिंड के लिए तारकीय शब्द का प्रयोग होता है। ओउमुआमुआ अब तक खोजा गया पहला क्षुद्रग्रह है जो किसी अन्य तारे की परिक्रमा करते हुए हमारे सौरमंडल तक पहुंचा। चूंकि इसे अमेरिका के नियंत्रण वाले हवाई प्रांत में स्थित दूरबीन द्वारा खोजा गया, इसलिए इसे हवाई भाषा का नाम ओउमुआमुआ दिया गया।
ओउमुआमुआ का अर्थ है- संदेशवाहक। इसका आकार भी गोल न होकर सिगार के जैसा है। ओउमुआमुआ का अनोखा आकार ब्रह्मांड की संरचना और सौरमंडल के बनने की प्रक्रिया के बारे में जानने में वैज्ञानिकों की मदद कर सकता है। 2017 में खोजा गया ओउमुआमुआ एक बार फिर चर्चा में इसलिए है क्योंकि हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के दो वैज्ञानिकों ने अपने शोध में इस बात का दावा किया है कि ओउमुआमुआ को एलियंस ने हमारे सौरमंडल में भेजा था।
विलुपात्तू
यह एक अनोखा वाद्य यंत्र है। यह अप्रैल 2020 में उस समय चर्चा में आया जब इसे बजाने वाली भारत की सबसे वृद्ध कलाकार पूंगनी (86 वर्ष) का हाल ही में निधन हो गया। विशाल धनुष के आकार जैसा यह वाद्ययंत्र तमिलनाडु में खासतौर से बजाया जाता है।
शून्य भूख
चीन के चांग्शा शहर में 2 नवंबर 2018 को 'चांग्शा घोषणापत्र' जारी किया गया, जिसमें गरीबी और भूख को मिटाने की संकल्प लिया गया। इसी दौरान 'जीरो हंगर' या 'शून्य भूख' का जैसे शब्द चर्चा में आए। इस घोषणापत्र पर 26 देशों और 11 अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने हस्ताक्षर किए। इसमें 2030 तक भूख को मिटाने यानी सभी का पेट भरने का संकल्प लिया गया।
संगवारी
यह शब्द विधानसभा चुनाव के दौरान छत्तीसगढ़ में सुनने को मिला। यह ऐसे मतदान केंद्र थे जहां की पूरी कमान महिलाओं के हाथों में थी। छत्तीसगढ़ में महिला मतदाताओं को मतदान के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से कुछ क्षेत्रों में ऐसे मतदान केंद्र बनाए गए जहां निर्वाचन से जुड़े सभी अधिकारी और कर्मचारी महिला रखे गए। हालांकि चुनाव आयोग ने ऐसे मतदान केंद्रों को ‘पिंक बूथ’ का भी नाम दिया है, लेकिन छत्तीसगढ़ में इन्हें ‘संगवारी’ कहा गया।
- लव कुमार सिंह
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