दोस्तों,
हाल ही में यूपीएससी (#UPSC संघ लोक सेवा आयोग) की परीक्षा का रिजल्ट निकला है। सैकड़ों युवा इस परीक्षा में सफल हुए हैं। मेरी उन सभी को शुभकामनाएं।
मेरा मानना है कि इस देश को पीएम या सीएम नहीं बल्कि आईएएस या आईपीएस ही चलाते हैं। अगर वे ईमानदारी से काम करें तो देश की तस्वीर बदल सकती है। लेकिन दुर्भाग्य से ऐसा नहीं हो पा रहा है।
इसलिए मेरी यह कविता उन आईएएस, आईपीएस से मुखातिब है जो देश और समाज की सेवा का प्रण तो लेते हैं, मगर जल्दी ही इस प्रण को भूल जाते हैं। आप भी गौर फरमाएं-
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चाहता हूं मैं करना, सेवा समाज की
यूपीएससी के इंटरव्यू में, सबने ये आवाज दी
बोर्ड के सदस्य, इस आह्वान से हुए विभोर
आईएएस, आईपीएस की पट्टी उनके नाम की।
पर सफल हुए युवा जब, मैदान में आने लगे
बोलियां ऐसे लगीं, जैसे मंडी में माल की
अधिकांश सेवा भूल गए, मेवा के फेर में
वे नोट छापने लगे, हुई दुर्गति समाज की।
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हे युवा लोक-सेवकों, एक बात कहनी है तुम्हें
चाहो तुम तो समस्याएं, दिखें दूर भागती
तुम ही सीएम, तुम ही पीएम, जनता के सब तुम ही हो
इंसान बनो, काम करो, बात सुनो इस समाज की।
गरीबी और भ्रष्टाचार , न रहेंगे इस देश में
न्याय सभी को मिले, बस मांग तेरे साथ की
हालात बदलें, देश बदले, विकास ही विकास हो
गर इंटरव्यू में जो कहा, रखो लाज उस बात की।
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यह गीत आपको सुनने में और भी अच्छा लगेगा। नीचे के चित्र पर क्लिक करें और सुनें---
- लव कुमार सिंह
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