भारत और शेष दुनिया के क्रिकेट के प्रशंसक इस समय इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) का आनंद ले रहे हैं। लेकिन क्या टी-ट्वेंटी क्रिकेट या आईपीएल के वर्तमान नियम खिलाड़ियों को इस खेल को खेलने और दर्शकों को इस खेल को देखने का पूरा आनंद दे रहे हैं? अगर बिल्कुल हाल-फिलहाल की कुछ प्रतिक्रियाओं पर नजर डालें तो उत्तर ‘ना’ में मिलता है।
ये प्रतिक्रियाएं कुछ इस प्रकार हैं-
- किंग्स इलेविन पंजाब के कप्तान के.एल. राहुल ने कहा है कि 100 मीटर से बड़ा छक्का लगाने पर खिलाड़ी को अतिरिक्त रन मिलने चाहिए।
- विराट कोहली कह रहे हैं कि वाइड और नो बॉल के मामले में भी कप्तानों को रिव्यू लेने का विकल्प मिले।
- स्टार स्पोर्ट्स के कमेंट्री पैनल पर एक दिन चर्चा हो रही थी कि यदि कोई गेंदबाज 2 विकेट ले ले तो उस मैच में कप्तान को यह छूट मिलनी चाहिए कि वह उस गेंदबाज से कुछ अतिरिक्त ओवर फिंकवा सके।
- हर्षा भोगले कह रहे हैं कि गेंदबाजों को इस खेल में वापस लेकर आइए। तब ये खेल और भी समृद्ध हो जाएगा। उनका कहना है कि इस खेल से गेंदबाजों को कभी भी बाहर मत ले जाइए।
इसका अर्थ है कि खेल को रोमांच के शिखर पर ले जाने के लिए वर्तमान नियमों में अभी भी कहीं न कहीं कुछ कमी है। इस खेल के बल्लेबाजों के पक्ष में झुके होने के आरोप तो पहले से ही लगते रहे हैं, लेकिन और भी कई बातें ऐसी हैं जिन पर विचार करके इस खेल को और भी रोचक और मजेदार बनाया जा सकता है। तो चलिए यहां हाजिर हैं कुछ सुझाव जो यह बताते हैं कि टी-ट्वेंटी या आईपीएल में ऐसे क्या बदलाव हो सकते हैं जिससे इस खेल में रोमांच अपने चरम पर पहुंच जाए।
बदलाव 1
नियमों में एक बदलाव यह होना चाहिए फील्डिंग कर रही टीम का हर खिलाड़ी (विकेटकीपर को छोड़कर) 1 ओवर जरूर फेंकेगा। लेकिन कप्तान को यह छूट भी मिलेगी कि वह बाकी बचे 10 ओवर अपने किन्हीं भी पसंदीदा गेंदबाजों से पूरा करा सकेगा।
इस नियम से खेल का रोमांच बहुत बढ़ जाएगा क्योंकि यह नियम खेल की संपूर्णता को दर्शाएगा और दर्शकों को खेल के तीनों क्षेत्रों (बल्लेबाजी, गेंदबाजी और फील्डिंग) में खिलाड़ियों के कौशल को देखने का मौका मिलेगा। दर्शकों को विराट कोहली, रोहित शर्मा, एबी डिविलियर्स, डेविड वार्नर जैसे खिलाड़ियों को गेंदबाजी करते देखकर बहुत मजा आएगा।
इस नियम से बल्लेबाजी कर रही टीम को यह फायदा होगा कि वह उन 5 ओवरों में काफी रन बनाने की कोशिश करेगी जिन्हें अनियमित गेंदबाज फेंकेंगे। दूसरी तरफ गेंदबाजी टीम को यह फायदा होगा कि वह बाकी के 10 ओवर उन गेंदबाजों से करवा सकते हैं जो उनके सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज हैं। हालांकि नियम के लागू होने के कुछ समय बाद कथित अनियमित गेंदबाज भी पहले जैसे नहीं रह जाएंगे क्योंकि फिर वे भी गेंदबाजी में कुछ अच्छा करने के लिए पर्याप्त अभ्यास करेंगे।
बदलाव 2
एक नियम यह बने कि बाउंड्री के पार एक तय दूरी तक गेंद का टप्पा लगने पर 6 रन होंगे, जो अभी भी मिलते हैं, लेकिन उस दूरी के बाद जैसे-जैसे छक्के का टप्पा दूर होता जाएगा, रन बढ़ते (7, 8,9 और 10) जाएंगे। उदाहरण के लिए मान लिया कि 80 मीटर की बाउंड्री है। अब गेंद का टप्पा 80 से 85 मीटर के बीच लगा तो 6 रन, लेकिन 85 से 90 मीटर के बीच टप्पा होने पर 7 रन, 90 से 95 मीटर पर 8 रन, 95 से 100 मीटर पर 9 रन और 100 मीटर के पार टप्पा जाने पर 10 रन दिए जाएंगे। बाउड्री 80 मीटर से छोटी है तो उसी के अनुसार नियम बन सकता है।
यह नियम खेल के रोमांच को उच्च स्तर पर ले जाने में सफल होगा। ऐसा होने से अच्छी टाइमिंग और ताकत का प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को इसका पुरस्कार भी मिलेगा। यह नियम वन-डे और टेस्ट क्रिकेट में भी होना चाहिए।
बदलाव 3
एक नियम यह होना चाहिए कि बल्लेबाजी करने वाली टीम को प्रत्येक 5 ओवर के अंदर 1 चौका या छक्का लगाना होगा। यदि टीम ऐसा करने में विफल रहती है तो उसके स्कोर से 5 रन घटा दिए जाएंगे। लेकिन यदि टीम 5 ओवर में 5 चौके लगा देती है तो इन पांच चौकों के लिए मिले 20 रन के अलावा टीम को 5 रन और भी मिलेंगे।
इस नियम से खेल में काफी तेजी आएगी और रोमांच भी बढ़ जाएगा। यह नियम वन-डे और टेस्ट क्रिकेट में भी होना चाहिए।
बदलाव 4
एक नियम यह हो कि यदि बल्ले से गेंद का संपर्क होता है और ऐसे 5 संपर्कों के बाद बल्लेबाज एक रन भी नहीं बना पाता है तो उस बल्लेबाज के स्कोर में से हर बार ऐसे 5 निष्क्रिय संपर्कों के बाद 1 रन कम कर दिया जाएगा। इसी के साथ-साथ टीम के योग में से भी 1 रन घटा दिया जाएगा।
हो सकता है कि तब तक बल्लेबाज ने कोई रन ही न बनाया हो। ऐसी स्थिति में केवल टीम के स्कोर से 1 रन कम होगा और बल्लेबाज के स्कोर से रन तब घटेगा जब वह कोई रन बना लेगा। यदि बल्लेबाज गेंद-बल्ले के 5 बार संपर्क के बावजूद शून्य पर आउट होता है तो केवल टीम के स्कोर से 1 रन कम होगा।
यह नियम वैसे तो टेस्ट और वन-डे क्रिकेट के लिए बहुत उपयोगी होगा, लेकिन यदि टी-ट्वेंटी में भी लागू हो तो इससे खेल का रोमांच बढ़ेगा।
बदलाव 5
इसी के साथ यह नियम हो कि यदि कोई बल्लेबाज ऊपर बदलाव 4 में बताए गए गेंद-बल्ले के ऐसे निष्क्रिय संपर्कों के जरिये अपने और टीम के 10 रन कम करता है तो वह आउट माना जाएगा। इस प्रकार से आउट हुआ खिलाड़ी तभी दोबारा बल्लेबाजी कर सकेगा, जबकि शेष बचे बल्लेबाज किसी एक ओवर में कम से कम 20 रन बनाएंगे।
निश्चित ही कोई बल्लेबाज इस प्रकार आउट नहीं होना चाहेगा। ऐसे में अब के मुकाबले तेज खेल देखने को मिलेगा। गेंदबाजी करने वाली टीम को बल्लेबाज को आउट करने का एक नया तरीका मिलेगा। इस प्रकार आउट हुए बल्लेबाज को पुनः जीवित करने के लिए बाकी खिलाड़ी एक ओवर में 20 रन बनाने का प्रयास करेंगे तो रोमांच चरम पर होगा।
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अंत में विराट कोहली की उस मांग में दम है कि वाइड या कमर से ऊपर टप्पे वाली नो बॉल के मामले में भी रिव्यू लेने की अनुमति दी जानी चाहिए। इन दोनों मामलों में मैदानी अंपायरों से काफी गड़बड़ियां हो रही हैं।
एक और विवादास्पद चीज ‘अंपायर कॉल’ है। एलबीडब्लू के मामले में यदि रिव्यू लेने पर गेंद बिना बल्ले को छुए विकेट पर लगती दिख रही हो तो बल्लेबाज को आउट दिया जाना चाहिए, फिर चाहे गेंद का टप्पा कहीं पर भी पड़ा हो और ‘अंपायर कॉल’ कुछ भी हो।
- लव कुमार सिंह
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