Saturday 18 December 2021

विराट ने 'धोनी टू कोहली' जैसे सुगम सफर की कल्पना की होगी, लेकिन बीसीसीआई ने 'कोहली टू रोहित' को पथरीला बना दिया

विराट ने 'धोनी टू कोहली' जैसे सुगम सफर की कल्पना की होगी, लेकिन बीसीसीआई ने 'कोहली टू रोहित' को पथरीला बना दिया


कप्तानी का सफर 'कोहली टू रोहित' पथरीला और पीड़ादायक हो गया

जबकि यह 'धोनी टू कोहली' की तरह समतल और सुगम हो सकता था। 

क्रिकेट के 'निरक्षर' कहे गये विनोद राय यह काम आसानी से कर गए

लेकिन क्रिकेट के पंडित सौरव गांगुली यह करने से चूक गए।

............................

संयुक्त अरब अमीरात में 2021 में हुए टी-20  विश्व कप से पहले भारत में हल्ला मचा कि यदि भारत यह विश्व कप नहीं जीतता है तो विराट कोहली को टी-20 टीम की कप्तानी से हटा दिया जाएगा। क्या मीडिया में यह हल्ला भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के पदाधिकारियों द्वारा लीक की गई सूचनाओं के बिना मच सकता था?  बिल्कुल नहीं।

इस हल्ले का यह असर हुआ कि विराट कोहली ने टी-20 विश्व कप से पहले ही घोषणा कर दी कि वह इस विश्व कप के बाद टी-20 टीम की कप्तानी छोड़ देंगे। उस दौरान यानी सितंबर 2021 में मैंने लिखा था कि- "भारतीय क्रिकेट के कर्णधारों, क्रिकेट में सक्रिय विभिन्न लॉबी और मीडिया के अनेक धड़ों ने क्या टी-20 विश्व कप में अभी से भारतीय टीम की संभावनाएं 50 प्रतिशत कम नहीं कर दीं है?" 

हुआ भी ठीक ऐसा ही और भारतीय टीम विश्व कप जीतना तो दूर अंतिम चार में भी जगह नहीं बना सकी।

उस पोस्ट में मैंने यह भी लिखा था कि- "चिंता इस बात की भी है कि कोहली कोई शांत व्यक्ति नहीं हैं। यदि उन्हें ठीक से संभाला नहीं गया तो वे जल्दी ही टीम से ही विदा न ले लें। भगवान करें ऐसा कुछ ना हो।" 

आज तीन महीने बाद ही ऐसी आशंका उत्पन्न होने लगी है। आप मेरी वह पोस्ट नीचे दिये गये लिंक पर जाकर पढ़ सकते हैं। 

https://stotybylavkumar.blogspot.com/2021/09/How-will-the-Indian-team-perform-in-the-T20-World-Cup.html


बहरहाल, वर्तमान विवाद पर आते हैं। कोहली ने जब टी-20 की कप्तानी छोड़ी तो शायद वह संभावित अपमान से बचना चाहते थे। वे चाहते होंगे कि विश्व कप के बाद ऐसा न लगे कि उन्हें हटाया गया है। वे शायद चाहते थे कि जिस प्रकार कप्तानी का स्थानांतरण धोनी से उनके पास तक बहुत सुगमता से और धीरे-धीरे हुआ, उसी प्रकार उनसे रोहित शर्मा तक कप्तानी का स्थानांतरण हो।

हमें याद रखना होगा कि धोनी से कोहली तक कप्तानी का स्थानांतरण बेहद शालीनता से हुआ। और यह उस समय में हुआ जब विनोद राय बीसीसीआई की कमान संभाल रहे थे, जिनके बारे में अब कहा जा रहा है कि उन्हें क्रिकेट का कुछ पता नहीं था।

कप्तानी के 'धोनी टू कोहली' स्थानांतरण में एक बार भी ऐसा नहीं लगा कि धोनी की अक्षमता या असफलता की वजह से कप्तानी कोहली को मिली है। कोहली ने यह स्थानांतरण स्वयं देखा था इसलिए वह ऐसा ही 'कोहली टू रोहित' में चाहते होंगे। जब उन्होंने टी-20 की कप्तानी छोड़ी और उसे भारतीय क्रिकेट टीम के लिए अच्छा कदम बताया गया तो सभी को लगा कि कप्तानी का मामला 'धोनी टू कोहली' जैसी सुगमता की तरफ बढ़ रहा है।

लेकिन इसके तुरंत बाद लाल और सफेद गेंद का हल्ला मचा दिया गया। यह भी ध्यान में नहीं रखा गया कि कोहली वनडे के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों में से एक हैं। बहुत जल्दबाजी करते हुए चयनकर्ताओं ने कोहली को वनडे की कप्तानी से हटा दिया। बस यहीं कोहली को झटका लग गया। उनकी 'धोनी टू कोहली' वाली कल्पना टूट गई। 'गरिमा से पद छोड़ने' की जगह 'अपमानजनक ढंग से हटाने का भाव' आ गया। अक्षमता, विफलता जैसे शब्द ऊपर आ गए।

कुल मिलाकर बीसीसीआई ने कप्तानी के 'कोहली टू रोहित' सफर को पथरीला बना दिया है। बीसीसीआई के पदाधिकारी वनडे की कप्तानी पर फैसला करने से पहले बड़े आराम से विराट कोहली के साथ बैठक कर सकते थे। उसमें उन्हें प्यार से समझा सकते थे कि टी-20 की कप्तानी आपने जिस भी परिस्थिति में छोड़ी लेकिन अब यह हकीकत है कि आप टी-20 में कप्तान नहीं हैं। आपने जो फैसला लिया, वह भारतीय क्रिकेट के हित में है और हम उसकी प्रशंसा करते हैं। लेकिन हम चाहेंगे कि वनडे की कप्तानी भी रोहित शर्मा को दे दी जाए ताकि अगले टी-20 विश्व कप के साथ ही वन-डे विश्व कप की भी तैयारी पुख्ता तरीके से शुरू हो सके। 

हो सकता है कि विराट कोहली इस तरीके से बात करने पर सहमत हो जाते और ऐसी अप्रिय स्थिति पैदा नहीं होती। हो सकता है कि वह कहते कि मुझे एक वन-डे विश्व कप में कप्तानी का मौका और दिया जाए, उसके बाद मैं स्वयं कप्तानी छोड़ दूंगा। इस प्रस्ताव पर अधिकारी परिस्थिति अनुसार फैसला कर सकते थे। कुल मिलाकर ऐसा करने पर कप्तानी का स्थानांतरण सुगमता से हो सकता था।

बीसीसीआई के पास अभी भी यह करने का अवसर है। सबसे पहले तो बीसीसीआई के पदाधिकारियों को बेसिर-पैर की खबरों को मीडिया में प्लांट करने से बचना होगा। इसके बाद वे विराट कोहली के साथ बैठकर बात करें। उन्हें समझाया जाए कि अब चूंकि चयनकर्ता फैसला कर चुके हैं तो वनडे की कप्तानी को लेकर हम कोई विवाद नहीं चाहते। आप शांत मन से टेस्ट टीम की कप्तानी करें और टीम को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाएं। साथ ही आप वन-डे और टी-20 में भी अपना बहूमूल्य योगदान दें। आप महान खिलाड़ी हैं। हमारे मन में आपके प्रति कोई दुर्भावना नहीं है। जो भी गलतफहमियां हुईं, उन्हें भूलकर आगे बढ़ें। ऐसा करने पर ही इस आग पर पानी पड़ सकता है और भारतीय टीम इस आग की तपन से बच सकती है।

देखते हैं सौरव गांगुली और बीसीसीआई के पदाधिकारी क्या कदम उठाते हैं। गेंद तो अब उनके ही पाले में है।

- लव कुमार सिंह

......................

आप क्या सोचते हैं?

How will the controversy surrounding the captaincy of the Indian cricket team be resolved?

Will Virat Kohli bid farewell to the Indian team?

Will the Indian team win the Test series in South Africa after the captaincy dispute?

No comments:

Post a Comment