UP Panchayat Election 2021
उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव की सुगबुगाहट बीते साल यानी 2020 में दीवाली के समय से ही शुरू हो गई थी। कई जगह तो इससे पहले भी भावी प्रत्याशी अपने चुनाव प्रचार में लग गए थे। तब से मार्च 2021 तक गांव वासियों की मौज आ रही थी। चुनाव लड़ने के इच्छुक प्रत्य़ाशियों ने जैसे अपनी तिजोरियों का मुंह खोल दिया था। अब मार्च में शासन-प्रशासन ने पंचायत चुनाव का आरक्षण तय किया है। इसके अनुसार अनेक सामान्य सीटें आरक्षित हो गई हैं और आरक्षित सीेटें सामान्य हो गई हैं। हजारों लोगों का चुनाव लड़ने का सपना अधूरा रह गया है। अब प्रधान या अन्य पदों पर चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों का बुरा हाल है। जरा सुनिए उनकी व्यथा....
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मैं तो लुट गया भगवान
मेरी मदद करो श्रीमान
मैंने खूब सजाई दुकान
फीके हो गए सब पकवान
मैं था भावी ग्राम प्रधान
पर अब नहीं कोई पहचान
जनरल सीट हुई आरक्षित
मिट गए मेरे सब अरमान।
मैं तो लुट गया भगवान
मेरी मदद करो श्रीमान।
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नौकरी छोड़ के बनवाया
गांव में नया मकान
कपड़े बांटे, बर्तन बांटे
दिया जरूरत का सामान
नदी बहा दी दारू की
रोज बनवाए पकवान
पर डूबी लुटिया जबसे आया
ये सरकारी फरमान।
मैं तो लुट गया भगवान
मेरी मदद करो श्रीमान।
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पैर पूजे उनके जिनसे
न थी कोई पहचान
की दामाद जैसी सेवा
चाहे लुच्चा या बेईमान
मुफ्त का माल था खूब उड़ाया
ना माने कोई अहसान
अब चुनाव रेस से बाहर हुआ
जब कर दिया सब कुर्बान।
मैं तो लुट गया भगवान
मेरी मदद करो श्रीमान।
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- लव कुमार सिंह
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